
गर्भावस्था के नौ माह किसी भी महिला के लिए एक बिल्कुल रोमांचक व नए अनुभव से कम नहीं होते। एक नई जान को इस धरती पर लाना शारीरिक व मानसिक दोनों तरह से थका देने वाला अनुभव होता है। एक सेहतमंद शिशु के जन्म के लिए गर्भवती महिला का सेहतमंद होना भी बहुत जरूरी है। सेहत के इस सफर में एक पड़ाव दांतों की सेहत की देखभाल भी है, जिसे अधिकांश लोग अमूमन अनदेखा कर देते हैं। भारत में यूं भी ओरल हेल्थ को गंभीरता से नहीं लिया जाता और बहुत कम लोग इस बात से वाकिफ हैं कि गर्भावस्था के दौरान ओरल हेल्थ पर ज्यादा ध्यान दिए जाने की जरूरत है। 320 गर्भवती महिलाओं पर किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि अध्ययन में शामिल मात्र 19.38 प्रतिशत महिलाओं को ही यह बात मालूम थी कि ओरल हेल्थ का असर गर्भ में पल रहे शिशु की सेहत पर भी पड़ता है। अध्ययन में शामिल लगभग 14.38 प्रतिशत महिलाओं ने माना कि उनके दांतों की खराब सेहत का असर उनके खानपान संबंधी चुनावों पर पड़ता है, जो अंततः गर्भ में पले रहे शिशु पर असर डालता है। अगर आप चाहती हैं कि आपके खराब ओरल हेल्थ का असर आपके बच्चे के दांतों की सेहत पर न पड़े, तो इस मामले में सतर्क हो जाना जरूरी है।
क्या है यह कनेक्शन?
अगर आने वाले बच्चे को आप कैविटी आदि से बचाना चाहती हैं तो प्रेग्नेंसी के दौरान अपनी ओरल हेल्थ का ध्यान रखना जरूरी है। प्रेग्नेंसी में महिलाओं को मसूड़ों से जुड़ी काफी बीमारियों और कैविटी का खतरा बढ़ जाता है, इसलिए इस समय ओरल हेल्थ केयर करना प्री नेटल केयर का एक मुख्य हिस्सा होता है। अगर आप ऐसा नहीं करती हैं तो इससे केवल आपको ही नहीं, बच्चे को भी ओरल हेल्थ की समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। डॉक्टर इस समय प्रोटेक्ट टीनी टीथ की सहायता लेते हैं जो कुछ मुफ्त स्रोतों का एक सेट है, जिससे महिला और उसके बच्चे का चेकअप मुफ्त में किया जा सके। आइए जानते हैं प्रेग्नेंसी में ओरल हेल्थ से जुड़ी किन-किन बातों की जानकारी आपको होनी चाहिए:
प्रेग्नेंसी और जिंजिवाइटिस
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