अपने आसपास की दुनिया, लोगों और खबरों को देखें, तो ऐसा लगता है कि रिश्ते बनाने को लेकर हमारी समझ और तरीकों में पिछले कुछ दशकों में काफी बदलाव आ गया है। ऑनलाइन डेटिंग, ब्लाइंड डेटिंग, सिचुएशनशिप, कॉन्शियस डेटिंग, ड्राय डेटिंग और घोस्टिंग जैसे चलन युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय हो रहे हैं। डेटिंग ऐप्स की बढ़ती संख्या भी इन नए चलन की ओर इशारा करती हैं। पर, इन सबके बावजूद जब अपने लिए जीवनसाथी का चुनाव करने की बात आती है, तो अभी भी अधिकांश भारतीय इसके लिए दादा-परदादा द्वारा अपनाए गए तरीके की ओर ही रुख करते नजर आते हैं। विभिन्न अध्ययनों के मुताबिक भारत में आज भी लगभग 90 प्रतिशत शादियां अरेंज्ड ही होती हैं। किसी भी चीज से फायदे जुड़े होते हैं, तो नुकसान भी। अरेंज्ड मैरिज के साथ भी ऐसा ही है। जिंदगी का यह सफर अपने आप में रोमांचक है, तो चुनौतीपूर्ण भी। अरेंज्ड मैरिज से जुड़ी विभिन्न चुनौतियों में एक है, अपने जीवनसाथी को बेहतर तरीके से जानना। यूं तो अरेंज्ड मैरिज में भी अब शादी से पहले लड़का और लड़की के बीच अधिकांश मामलों में बातचीत शुरू हो जाती है, पर इस थोड़ी-बहुत बातचीत से होने वाले साथी को कितने बेहतर तरीके से जाना जा सकता है, यह कह पाना मुश्किल है। हो सकता है कि साथी को अच्छे से ना जान पाना रिश्ते की शुरुआत में आपको एक चुनौती लगे, पर यकीन मानिए कुछ बातों को अपनी इस नई जिंदगी का हिस्सा बनाकर आप अपने सफर को बेहद हसीन बना सकते हैं। कैसे? आइए जानें:
घर के बाहर साथ बिताएं वक्त
Denne historien er fra March 18, 2023-utgaven av Anokhi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent ? Logg på
Denne historien er fra March 18, 2023-utgaven av Anokhi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent? Logg på
डॉक्टरी निगरानी में रहना है जरूरी
हम सबके पास ढेरों सवाल होते हैं, बस नहीं होता जवाब पाने का विश्वसनीय स्रोत। इस कॉलम के जरिये हम एक्सपर्ट की मदद से आपके ऐसे ही सवालों के जवाब तलाशने की कोशिश करेंगे। इस बार स्त्री रोग विशेषज्ञ देंगी आपके सवालों के जवाब। हमारी एक्सपर्ट हैं, डॉ. अर्चना धवन बजाज
सूप से मिलेगी भीतरी गर्माहट
ठंड को मौसम हो और सूप की बातें न हो, भला यह कैसे हो सकता है। इस बार ठंड को मात देने के लिए कौन-कौन से सूप बनाएं, बता रही हैं पावनी गुप्ता
सर्दी के सिर दर्द की छुट्टी
सर्दी में सिर दर्द की समस्या बढ़ जाना आम है। यह समस्या जितनी आम है, इसका सामधान निकालना भी उतना आसान है। बस कारण को समझकर उसके निवारण के कुछ प्रयासों को अपनाना होगा, बता रही हैं दिव्यानी त्रिपाठी
स्मार्टफोन बनेगा आपका फिटनेस कोच
स्मार्टफोन के बिना अब दैनिक जिंदगी की कल्पना करना संभव नहीं। इसका इस्तेमाल सिर्फ मनोरंजन के लिए नहीं, बल्कि फिटनेस के लिए भी करें। कैसे ? बता रही हैं शांभवी
नीबू का छिलका भी है करामाती
नीबू का पूरा इस्तेमाल करना क्या आपको आता है या फिर आप भी रस निचोड़ने के बाद नीबू का छिलका यों ही फेंक देती हैं ? नीबू के साथ-साथ उसका छिलका भी कई तरह से इस्तेमाल किया जा सकता है, बता रही हैं नीलम भटनागर
बच्चे को सिखाएं मुहांसों से लड़ना
मुहांसों से लड़ाई में आप भले ही एक्सपर्ट हो चुकी हों, पर आपका टीनएज बच्चा लड़ाई के इस मैदान में अभी नया है। कैसे अपने बच्चे को मुहांसों का सामना करने का तरीका सिखाएं, बता रही हैं शमीम खान
कामकाजी महिलाओं की मंजिल अभी दूर है
हमारी दुनिया में हम से जुड़ी क्या खबरें हैं? हमारे लिए उपयोगी कौन-सी खबर है? किसने अपनी उपलब्धि से हमारा सिर गर्व से ऊंचा उठा दिया? ऐसी तमाम जानकारियां हर सप्ताह आपसे यहां साझा करेंगी, जयंती रंगनाथन
कड़वे रिश्ते के कुचक्र से खुद को करें आजाद
खुशहाल रिश्ते जहां मन को सींचते हैं, वहीं कड़वे रिश्ते जिंदगी से खुशी के कण-कण को सोख लेते हैं। कड़वे रिश्ते की डोर से खुद को कैसे करें आजाद, बता रही हैं स्वाति गौड़
घर की थाली में कितना है पोषण?
क्या पेट भरना और भरपूर पोषण लेना एक बात है ? नहीं। लेकिन घर के खाने के मामले में हम मान लेते हैं कि पेट भरकर खाने से सेहत बन ही जाएगी। पर, विशेषज्ञों की राय इससे इतर है। सेहतमंद भोजन के लिए क्या-क्या जरूरी है, बता रही हैं स्वाति शर्मा
सबसे जुदा है इस जींस का अंदाज
जैसे जींस के बिना वॉर्डरोब अधूरा है, ठीक वैसे ही हाई वेस्ट जींस के बिना फैशन अधूरा है। कैसे इस जींस की करें सही स्टाइलिंग, बता रही हैं