हमारा देश उत्सवप्रिय देश है। पूरी दुनिया में कहीं इतने त्योहार नहीं मनाए जाते, जितने भारत में मनाए जाते हैं। साल के आखिरी तीन महीने में नवरात्र, दशहरा, करवाचौथ, धनतेरस, दिवाली, भाईदूज, छठ पूजा जैसे बड़े त्योहार एक के बाद एक आते हैं। इस दौरान खानपान की आदतों और जीवनशैली में इतना बदलाव आ जाता है कि सेहत के लिए खतरा बढ़ जाता है, विशेषकर उन लोगों के लिए जो पहले से ही किसी स्वास्थ्य समस्या के शिकार हैं। ऐसे में आपको अपना और अपने परिवार की सेहत का ज्यादा ध्यान रखना होता है, खासकर बुजुर्गों और बच्चों का।
बढ़ जाता है इन समस्याओं का खतरा
त्योहारों के इस मौसम में जब दैनिक दिनचर्या और खानपान की आदतों में बदलाव आ जाता है। लंबे समय तक इस मामले में बरती गई लापरवाही से कई स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है:
• पाचन तंत्र से संबंधित समस्याएं: तले हुए, मसालेदार भोजन और मिठाइयों का सेवन बढ़ने से पाचन तंत्र से संबंधित कई समस्याएं हो सकती हैं। पेट की अंदरूनी सतह पर सूजन आ जाती है। कब्ज और एसिडिटी की समस्या हो जाती है। अधिक मात्रा में मिठाइयां खाने से लूज मोशन और पेट दर्द हो जाता है। कई तरह की चीजें एक साथ खाने से पेट में खिंचाव और दर्द की शिकायत हो सकती है।
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