आप प्रेग्नेंट हैं और उल्टियों से परेशान हैं? थकान और वजन में भी कमी आ रही है? मुमकिन है कि आप मॉर्निंग सिकनेस की शिकार हैं। अब आपके जेहन में यह सवाल होगा कि आपको तो यह समस्या दिन के किसी भी पहर में हो जाती है? तो क्या ऐसा होना मुमकिन है? यह समस्या किसी भी समय आपकी असुविधा का कारण बन सकती है। अब सवाल उठता है कि भला यह समस्या होती कब है? इस बाबत स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. कमलेश शर्मा कहती है कि गर्भावस्था के दौरान एक महिला के शरीर में हार्मोन का बदलाव या असंतुलन होना आम आम बात है। खासतौर पर एस्ट्रोजन हार्मोन का बढ़ना, जिसका नतीजा हो सकती है। मॉर्निंग सिकनेस। यह समस्या 16 से 20 हफ्तों में खत्म हो जाती है। अध्ययन बताते हैं कि लगभग 75 फीसदी गर्भवती महिलाएं इससे जूझती हैं। यह समस्या तनाव, , अधिक काम करने, कुछ खाद्य पदार्थो को खाने आदि के कारण भी हो सकती है। यह समस्या इनके अलावा ब्लड शुगर के कम स्तर के कारण भी हो सकती है। थायरॉइड और लिवर से जुड़ी बीमारियां भी इसका कारण बन सकती हैं। लिहाजा, बेहतर होगा कि आप अपनी इस समस्या का कारण जानें और उसके हिसाब से इससे निपटने की रणनीति तय करें। जरूरत होने पर चिकित्सकीय परामर्श लें।
ये हैं लक्षण
Denne historien er fra April 20, 2024-utgaven av Anokhi.
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