बच्चे का जन्म जितनी सामान्य सी प्रक्रिया है, उनकी सेहत पर नजर बनाए रखना उतना ही नाजुक काम। बच्चे तो रोते ही हैं...कहकर नवजात की सेहत से जुड़ी समस्याओं की अनदेखी करना कई मामलों में भारी पड़ जाता है। इस बात को समझना जरूरी है कि वह नन्ही-सी जान पूरी तरह से आप पर निर्भर है। ऐसे में उसकी सेहत से जुड़े हरेक संकेत को गंभीरता से लें। बच्चों में होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं पीलिया, सर्दी-जुकाम, फ्लू, कोलिक आदि हैं। इनमें से अधिकतर समस्याएं गंभीर नहीं होतीं, लेकिन उन्हें अपने माता-पिता से विशेष देखभाल की जरूरत होती है। अगर नवजात शिशु लगातार रो रहा हो, तो समझिए बच्चा किसी ऐसी समस्या से जूझ रहा है जो उसके लिए असहनीय है। तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। नवजात शिशुओं को कुछ स्वास्थ्य समस्याओं का सामना इसलिए भी करना पड़ता है क्योंकि वे नए वातावरण से सामंजस्य बैठा रहे होते हैं। ऐसे में नये बने माता-पिता को यह पता होना चाहिए कि नवजात शिशु को होने वाली समस्याओं से कैसे निपटा जाएः
क्यों इतना रो रहा है बच्चा?
नवजात शिशु बोल नहीं सकते, इसलिए कोई भी समस्या होने पर वो रोते हैं। अगर समस्या मामूली है तो वो थोड़ी देर रोकर चुप हो जाते हैं, लेकिन अगर बच्चा लगातार रो रहा है और ऐसा लंबे समय से हो रहा हो तो जांच कराएं। इस बात की बहुत आशंका है कि बच्चा कोलिक से पीड़ित हो। यह स्थिति गैस्ट्रोइसोफैगियल रिफ्लक्स से संबंधित होती है, जब पेट का एसिड आहारनाल में आ जाता है। डॉक्टरी परामर्श के अनुसार दवा देने और कुछ खास तरह की गतिविधियां बच्चे के साथ करने से इस दर्द से उसे आराम मिलेगा।
सर्दी-जुकाम और फ्लू की बातें
बच्चे का रोग प्रतिरोधक तंत्र पूरी तरह विकसित नहीं हुआ होता है। ऐसे में उनके सर्दी-जुकाम और फ्लू जैसे संक्रमण की चपेट में आने का खतरा काफी अधिक होता है। अगर बच्चे में नाक बहने, खांसी और छींकने के लक्षण दिखाई दें तो समझें कि वो संक्रमण की चपेट में आ गया है। तुरंत डॉक्टर को दिखाएं क्योंकि मामूली सर्दी-जुकाम और फ्लू बहुत तेजी से बच्चे में निमोनिया में तब्दील हो जाता है।
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