फकीर मिजाज हूं, मुसकराता रहूंगा श्रीराम पांडे कवि व सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर
Mukta|January 2024
श्रीराम पांडे सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर हैं. वे कविता के माध्यम से लोगों को एंटरटेन करते हैं. 22 साल की उम्र में बहुतकुछ हासिल कर चुके हैं पर इसे वे महज अपनी जर्नी की शुरुआत समझते हैं, आप भी मिलिए श्रीराम पांडे से.
गरिमा पंकज
फकीर मिजाज हूं, मुसकराता रहूंगा श्रीराम पांडे कवि व सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर

22 साल के श्रीराम पांडेय सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और कवि हैं. मध्य प्रदेश के एक छोटे से गांव मुड़हेरिया के रहने वाले श्रीराम को बचपन से ही कविताएं लिखने और लीडरशिप करने का शौक था. उन्हें दूसरों को कुछ अच्छा करने की प्रेरणा देना भी बहुत भाता था, इसलिए उन्होंने पब्लिक स्पीकर, मोटिवेटर और इन्फ्लुएंसर के रूप में कैरियर बनाने की सोची.

उन्होंने माखनलाल यूनिवर्सिटी से एडवर्टाइजिंग एंड पीआर में पोस्ट ग्रेजुएशन किया. फिलहाल वे बच्चों को मैंटल वैल बीइंग एंड स्पीकिंग सौफ्ट स्किल की ट्रेनिंग दे रहे हैं और एक एजुकेटर एंड ट्रेनर के रूप में जौब कर रहे हैं. वे पब्लिक स्पीकिंग भी सिखाते हैं. उन्होंने पिछले 5 सालों से, यानी जब वे महज 18 साल के थे काम करना शुरू कर दिया था. पहले एनजीओ के साथ और अब प्रोफैशनल कंपनीज के साथ.

आइए जानते हैं उन के जीवन से जुड़े कुछ रोचक पहलुओं के बारे में-

आप की ओवरऔल जनीं कैसी रही है? 

मैं स्कूलकालेज में हमेशा ही लोकप्रिय छात्र रहा. स्कूल का प्रैसिडेंट भी बना. कालेज की हर एक्टिविटी में आगे रहता था. हमेशा हंसताखेलता रहता था, इसलिए लोग मुझे बहुत पसंद करते थे. फिर जब पढ़ाई के लिए भोपाल आया तब सोशल मीडिया में भी ऐक्टिव होना शुरू हो गया. इस के साथ ही मुझे लिटरेचर का भी शौक रहा है. मैं स्कूल के समय से ही कविताएं लिखता था.

लिटरेचर ने मुझे बहुत कुछ सिखाया. इस की वजह से मैं बहुत से लोगों से मिला. भोपाल आ कर मैं ने ओपन माइक पर शुरुआत की और फिर बड़े मंच पर भी कविताएं व शायरियां पढ़ीं. मैं ने सोशल मीडिया पर भी अपनी कविताओं और शायरी का जादू चलाना शुरू किया.

इसी दौरान विश्वरंग नामक लिटरेचर संस्था से जुड़ा, जो एक लिटरेचर फैस्टिवल का आयोजन करती है. भोपाल में इस के 4 संस्करण हो चुके हैं. इस से प्रेरित हो कर मैं ने अपनी एक संस्था साहित्य मंडली की स्थापना की. इसे ले कर कुछ कार्यक्रम भी किए, फिर माखनलाल पत्रकारिता विश्वविद्यालय में भी साहित्य मंडली द्वारा लिटरेचर फैस्टिवल की शुरुआत की.

Denne historien er fra January 2024-utgaven av Mukta.

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