जिम कल्चर युवा पीढ़ी के लिए एक औबसेशन बन गया है. सुबहसुबह बिस्तर छोड़ कर युवा बिना कुछ किए बाइक और गाड़ियों से जिम के लिए निकल पड़ते हैं. चाहे कोई पतला हो, मोटा हो, हर कोई जिम जौइन कर के अपनेआप को फिट दिखाना चाहता है. आप ने ठीक पढ़ा'दिखाना चाहता है' क्योंकि फिट रहने से ज्यादा लोगों का फोकस फिट दिखना है, बनना नहीं. अगर ऐसा नहीं होता तो फास्ट फूड कल्चर इतनी तेजी से डैवलप न होता.
अधिकतर लोग जिम सिर्फ इसलिए जौइन करते हैं ताकि वे मसल्स बिल्डअप कर सकें. सैक्सी और हौट दिख सकें, खासकर लड़के, जो मेनली दिखने के लिए 4-4 घंटे जिम में बिताते हैं, किलोकिलो वजन उठाते हैं और जिम ट्रेनर के सुझाए गए स्टेरॉयड व प्रोटीन पाउडर का बेतहाशा इस्तेमाल करते हैं बिना इस की परवा किए कि यह स्टेरॉयड्स और प्रोटीन पाउडर उन के शरीर पर क्या और कितना नुकसान पहुंचा सकता है.
ये नुकसान शौर्टटर्म के लिए नहीं बल्कि लौंग टर्म में सामने आते हैं, जैसे कि असामान्य बीपी, हार्ट इशू, मसल्स पेन, नींद न आना, भूख न लगना और अंदरूनी समस्याएं भी हो सकती हैं. लेकिन फिर भी युवा लड़के इन का खूब इस्तेमाल करते हैं.
जरूरत से ज्यादा ऐक्सरसाइज करने से शरीर पर कई तरह के प्रभाव देखे जा सकते हैं. जिन में बीपी, बैक पेन और मसल्स पेन मुख्य हैं. स्टेरॉयड्स सिर्फ हृदय को ही नहीं बल्कि लिवर, किडनी और शरीर के दूसरे अंगों को भी बुरी तरह से प्रभावित करते हैं.
क्या है स्थिति
डाक्टरों का मानना है कि अगर आप स्टेरॉयड्स ले रहे हैं तो समयसमय पर हैल्थ चैकअप कराना बहुत जरूरी है. ऐसा न करने से हार्ट अटैक और स्ट्रोक्स की संभावनाएं बढ़ जाती हैं जो गंभीर परिणाम दे सकती हैं. जिम कल्चर भी कहीं न कहीं इस के लिए जिम्मेदार है.
क्या कहता है डब्लूएचओ भारत में हार्ट अटैक को ले कर
भारत में हार्ट अटैक एक बहुत ही गंभीर समस्या बनती जा रही है. खासकर युवाओं में यह बीमारी विकराल रूप लेने लगी है. एक हैल्थ ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार, वैश्विक स्तर पर हृदय रोग से होने वाली 17.9 मिलियन यानी लगभग 1 करोड़ 80 लाख मौतों में से 5वां हिस्सा भारत का होता है, खासकर युवा पीढ़ी का.
Denne historien er fra March 2024-utgaven av Mukta.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent ? Logg på
Denne historien er fra March 2024-utgaven av Mukta.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent? Logg på
बौडी लैंग्वेज से बनाएं फ्रैंडली कनैक्शंस
बौडी लैंग्वेज यानी हावभाव एक तरह की शारीरिक भाषा है जिस में शब्द तो नहीं होते लेकिन अपनी बात कह दी जाती है. यह भाषा क्या है, कैसे पढ़ी जा सकती है, जानें आप भी.
औनलाइन सट्टेबाजी का बाजार गिरफ्त में युवा
दीवाली के मौके पर सट्टा खूब खेला जाता है, इसे धन के आने का संकेत माना औनलाइन माध्यमों का सहारा ले रहे हैं. मटकों और जुआखानों की युवा जाता है. जगह आज औनलाइन सट्टेबाजी ने ले ली है, जो युवा पीढ़ी को बरबाद कर रही है.
सोशल मीडिया डिटॉक्स जरूरी
युवाओं के जीवन में सोशल मीडिया हद से ज्यादा हावी होने लगा है. उन में इस का एक तरह से एडिक्शन सा हो गया है. ऐसे में जरूरी है समयसमय पर इस से डिटोक्स होने की.
दीवाली नोस्टेलजिया से बचें
कई लोग ऐसे होते हैं जो फैस्टिव नोस्टेलजिया में फंसे रहते हैं और अपना आज खराब कर रहे होते हैं जबकि समझने की जरूरत है कि समय जब बदलता है तो उस के साथ नजरिया और चीजें भी बदलती हैं.
सिर्फ ट्रैंडिग चेहरा बन कर रह गईं कुशा कपिला
इन्फ्लुएंसर कुशा कपिला ऐक्टिंग कैरियर के शुरुआती दौर में हैं. कुछ प्रोजैक्ट मिल चुके हैं लेकिन याद रखने लायक कोई भूमिका नजर नहीं आई. जरूरी है कि वे अपनी सोशल मीडिया की एकरूपता वाली आदत को छोड़ें.
कूड़े का ढेर हो गया है सोशल मीडिया
सोशल मीडिया कूड़े का ढेर जैसा है, जहां अपने मतलब की या सही जानकारी जुटाने के लिए काफी जद्दोजेहद करनी पड़ती है क्योंकि यहां बैठे इन्फ्लुएंसर्स और न्यूज फीडर बिना संपादन के कुछ भी झूठसच ठेलते रहते हैं.
इयरफोन का यूज सही या गलत
इयरफोन को हम ने अपने जीवन में कुछ इस तरह जगह दे दी है कि आसपास क्या चल रहा है, हमें खबर ही नहीं होती. मानो हर किसी की अपनी एक अलग दुनिया हो, जिस में वह और उस का यह गैजेट हो और कोई नहीं.
औनलाइन ट्रैप में फंसती लड़कियां
औनलाइन डेटिंग और सोशल मीडिया ने युवाओं को एकदूसरे से जुड़ने के नए तरीके दिए हैं, लेकिन इस के साथ ही उन के फ्रौड के शिकार होने के खतरे भी बढ़ गए हैं. पढ़ीलिखी लड़कियां भी मीठी बातों में फंस कर अपने सपनों और भावनाओं के साथसाथ आर्थिक नुकसान भी उठा रही हैं.
सैल्फमेड ऐक्ट्रैस अलाया एफ
बौलीवुड में अलाया का ताल्लुक भले फिल्मी परिवार से रहा लेकिन काम को ले कर चर्चा उन्होंने अपनी मेहनत के दम पर हासिल की. उन्हें भले स्टार वाली सफलता अभी हासिल न हुई पर उन के हिस्से में कुछ अच्छी फिल्में जरूर आई हैं.
इस दीवाली कुछ क्रिएटिव तरीके से करें विश
दीवाली पर वही पुराने व्हाट्सऐप फौरवर्ड मैसेजेस पढ़ कर या भेज कर यदि आप बोर हो चुके हैं तो थोड़ी सी क्रिएटिविटी कर आप इसे इंट्रेस्टिंग बना सकते हैं और वाहवाही लूट सकते हैं. कैसे, जानिए.