बेहतरीन पिक्चर, रील और वीडियोज के मजे लेने के लिए जरूरत होती है बेहतरीन हैडफोन्स की. कान में हैडफोन्स लगा कर बाहरी दुनिया की चिल्लपों से हट कर फिल्म देखने और गाने सुनने में जो मजा आता है वह ईयरफोन या ईयरबड्स में नहीं. इसलिए लोग अकसर हैडफोन्स का इस्तेमाल करते हैं..
वायर्ड या वायरलैस हैडफोन्स मार्केट में कितनी ही तरह के मौजूद हैं जो वीडियोज देखने और गाने सुनने के मजे को दोगुना कर देते हैं.
हैडफोन्स ऐसे होने चाहिए जिन से कान पर जोर न पड़े, सिर भारीभारी न लगे, जिन की आवाज स्मूथ हो और लाउड म्यूजिक में भी माइंड को स्टेबल रखें. हैडफोन्स की क्वालिटी कई पैरामीटर पर नापी जाती है, जैसे पहनने में आरामदायक, उस का वजन और नौयस कैंसिलेशन वगैरह. इन्हीं पैरामीटर्स को ध्यान में रखते हुए हम ने इस बार कुछ शानदार वायरलैस हैडफोन्स सलैक्ट किए हैं. अगर आप भी शौक रखते हैं तो आइए जानते हैं इन के बारे में.
जेब्रोनिक्स का जेब : ड्यूक1 वायरलैस हैडफोन
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कहीं आप ममाज बौय तो नहीं
'ममाज बौयज' होना गलत नहीं है, बल्कि इस से सहानुभूति और कोमल व्यवहार ही मिलता है मगर अपनी मां पर हर काम के लिए निर्भर रहना कमजोर भी बना सकता है.
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बौलीवुड ट्रेलब्लेजर जर्नलिस्ट आदित्य राणा
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जब से बिग बौस ओटीटी आया है तब से एकाएक फालतू सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स इस शो में आ रहे हैं. बिग बौस इन फालतू इन्फ्लुएंसर्स को युवाओं के बीच में प्रचारित तो कर ही रहा है, साथ में आइडियलाइज भी.
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युवाओं के सपनों के बूते चलते कोचिंग संस्थान
माचिस की डब्बीनुमा कोचिंग संस्थान देशभर में कुकुरमुत्तों की तरह उग आए हैं. इन कोचिंग संस्थानों में छात्रों को सुनहरे भविष्य का सपना दिखा कर मौत बांटी जा रही है.
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सोशल मीडिया पर खतरनाक स्टंट वाली रील देखना लोग ज्यादा पसंद करते हैं. वायरल होने की चाहत में युवा ऐसी रील बनाने में अपनी जान गंवा रहे हैं. लखनऊ में पूर्वोत्तर रेलवे, लखनऊ मंडल के आंकड़े बताते हैं कि 7 माह में 83 लोगों की जान रील बनाने के चक्कर में गई हैं.
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