आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाइ.एस. जगन मोहन रेड्डी ने 16 मार्च को कडप्पा जिले के इडुपुलुपाया में अपनी पुश्तैनी जमीन पर बने स्मारक पर अपने पिता और पूर्व सीएम वाइ.एस. राजशेखर रेड्डी को श्रद्धांजलि अर्पित की. इसके बाद उन्होंने राज्य की 175 विधानसभा और 25 लोकसभा सीटों के लिए पार्टी उम्मीदवारों के नाम घोषित किए. लेकिन कुछ ही घंटे बाद उनकी युवजन श्रमिक रायतू कांग्रेस पार्टी (वाइएसआरसीपी) को यह जानकर झटका लगा कि चुनाव आयोग ने राज्य में चौथे चरण में मतदान कराने की घोषणा की है, न कि पहले चरण में, जैसा कि पिछले चार चुनावों में होता आया था. ऐसे में लगातार दूसरी बार जीत के लिए बस अप्रैल भर में ही एक छोटा लेकिन तेज अभियान चलाने की उनकी उम्मीदें धरी रह गईं.
राज्य में 13 मई को मतदान होगा, जब गर्मी पूरे चरम पर होगी. यह बात सभी दलों के लिए चिंता का सबब बन गई है. क्योंकि भीषण गर्मी के कारण मतदान में गिरावट से नतीजों में बड़ा उलटफेर हो सकता है. खासकर जब लड़ाई एकदम कांटे की हो, जिसमें वाइएसआरसीपी एकतरफ अपनी प्रतिद्वंद्वी तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) अगुआई वाले गठबंधन से मुकाबला कर रही है जिसमें भाजपा और अभिनेता पवन कल्याण की जनसेना भी है. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस- वाम गठबंधन भी वाइएसआरसीपी को चुनौती दे रहा है और इसकी कमान खुद जगन की बहन वाइ.एस. शर्मिला ने संभाल रखी है. शर्मिला की अगुआई में कांग्रेस की अगुआई वाला गठबंधन सियासी स्तर पर मजबूती हासिल करने की राहपर है लेकिन अभी यह कहना मुश्किल है कि आंध्र के मतदाताओं ने तेलंगाना और उसके दिल हैदराबाद को अलग करने के लिए ग्रैंड ओल्ड पार्टी को माफ कर दिया है या नहीं.
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लुटी-पिटी विरासत के बादशाह!
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विरोध के बावजूद भाजपा की अगुआई वाली केंद्र सरकार ने 'एक राष्ट्र एक चुनाव' की योजना को आगे बढ़ाने की ठानी. अगर ऐसा हुआ तो ये सवाल पूछे जाएंगे कि इससे हमारा लोकतंत्र मजबूत होगा या कमजोर?
"सड़क हादसो जितनी मौतें तो युद्ध में भी नहीं हुई"
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मेडिकल कुंडली से हो रहा शादी का फैसला
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