नवंबर 2021 में चंद्रबाबू नायडू बड़े ही जज्बाती अंदाज में आंध्र प्रदेश विधानसभा से वॉकआउट किया था. महिला सशक्तिकरण पर बहस के दौरान अपनी पत्नी भुवनेश्वरी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियों से आहत नायडू ने डबडबाई आंखों के साथ हाथ जोड़कर कसम खाई थी कि वे जब तक मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे, इस शासन सभा में नहीं लौटेंगे. करीब ढाई साल बाद 74 वर्षीय तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) सुप्रीमो की वह प्रतिज्ञा सफल हुई है.
निवर्तमान मुख्यमंत्री वाइ.एस. जगनमोहन रेड्डी की युवजन श्रमिक रायतू कांग्रेस पार्टी (वाइएसआरसीपी) के खिलाफ सत्ता विरोधी हवा का फायदा उठाकर नायडू ने अपनी पार्टी टीडीपी को जबरदस्त विजय दिलाई और अब वे चौथी बार राज्य की कमान संभालेंगे. उन्होंने 135 विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की और अपने सहयोगी दलों-पवन कल्याण की जनसेना पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के साथ वे सभी 16 लोकसभा सीटें जीत लीं जिन पर उन्होंने उम्मीदवार खड़े किए थे. वाइएसआरसीपी की बुरी तरह से हार हुई. वह 175 सदस्यों की विधानसभा में महज 11 सीटों और 25 संसदीय सीटों में से 4 तक सिमट गई.
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