इस दिलकश नजारे को देखकर ऐसा लगना लाजमी भी है, क्योंकि यह कोई साधारण पुल नहीं बल्कि उस डेडिकेटेड हाइस्पीड ट्रेन टेस्टिंग ट्रैक का हिस्सा है जो 220 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार वाली गाड़ियों के परीक्षण के लिए बनाया जा रहा दुनिया का सबसे लंबा और आधुनिकतम ट्रैक है. पुल पर स्टील के बड़े सोपान और गर्डर इसलिए लगाए गए हैं ताकी जब इस उन्नत किस्म के ट्रैक से 220 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से ट्रेन गुजरे तो किसी तरह का वाइब्रेशन न हो..
यह ट्रैक इसलिए भी खास है क्योंकि भारत में अब तक किसी भी तरह की ट्रेनों के ट्रायल के लिए अलग से कोई ट्रैक नहीं था. अब तक ट्रेनों का सामान्य रूट पर ही परीक्षण किया जाता रहा है जिसके कारण उस रूट पर चलने वाली यात्री और मालगाड़ियों के संचालन में दिक्कत आती थी. इस ट्रैक की खासियत यह भी है कि यहां जिस भी ट्रेन का परीक्षण होगा उसमें सुरक्षा और यात्रियों के आराम का खास ख्याल रखा जाएगा. यहां हाई स्पीड ट्रेनों का ट्रायल होने के बाद देश में अब ऐसे ट्रैक बनाए जाएंगे जिस पर 200 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से ट्रेनें दौड़ सकेंगी.
ट्रेनों की स्पीड के अलावा यहां ब्रेकिंग सिस्टम, लोकोमेटिव, कोच, सिग्नलिंग, व्हील ऑफलोडिंग, हाइ एक्सल लोड वैगन और रेलवे की ओर से विकसित की जाने वाली नई तकनीकी का भी परीक्षण होगा. इस ट्रैक पर हाई स्पीड, दुरंतो, वंदे भारत, बुलेट ट्रेन और नियमित ट्रेनों का ट्रायल होगा. भविष्य में यहां मेट्रो ट्रेनों अन्य देशों की रेलगाड़ियों का भी ट्रायल हो सकेगा.
Denne historien er fra July 17, 2024-utgaven av India Today Hindi.
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