उस 'एक अभागे दिन' के साए से कैसे छुटकारा पाया जाए? मैनुअल कहता है, भूल जाओ और आगे बढ़ो. रोहित शर्मा ने यही किया. बस, उन्हें अहमदाबाद में 2023 क्रिकेट विश्व कप फाइनल के भूत को दफनाने में करीब 223 दिन लग गए. कप्तान ने बाद में 19 नवंबर की उस अभागी रात को ऐसे याद किया, "पिछली रात एक बुरा सपना था, है न? मुझे लगता है कि फाइनल कल है." सो, आश्चर्य नहीं कि वे 29 जून, 2024 को बारबाडोस में विश्व कप जीतने के फौरन बाद केंसिंग्टन ओवल मैदान पर लंबे लेट गए, आंखें बंद कर ली, मानो एक झपकी और सपने में खो जाना चाहते हों. वाकई, वह भारतीय टीम की जीत की सबसे प्यारी तस्वीर थी. वे बोले, "मैं 2007 में (टी20) विश्व कप जीत के साथ मैदान में उतरा था और अब जीत के साथ अंत करना कितना सुखकर है. इस लम्हे जीवन का एक चक्र पूरा हुआ... यह शानदार है."
मगर दोनों फॉर्मेट में चौथी विश्व कप ट्रॉफी उठाने से पहले, टीम इंडिया एक नहीं, कई अहम मौकों पर धोबी पछाड़ खाती नजर आई. इस मामले में भला दो साल पहले टी20 विश्व कप के पिछले संस्करण के सेमीफाइनल से अहम क्या हो सकता है. उसमें टीम इंडिया जैसे इंग्लैंड के सामने बिछ- सी गई, और इंग्लैंड चैंपियन बना. एडिलेड की अच्छी बल्लेबाजी वाली पिच पर 10 विकेट से हार ने बदस्तूर यह साफ किया कि टी20 क्रिकेट के मामले में टीम इंडिया अभी काफी पीछे है. तो, बहुत कुछ बदलना लाजिमी था.
उस 2022 टी20 विश्व कप से बाहर होने के बाद भारतीय क्रिकेट की अहम त्रिमूर्ति-रोहित शर्मा, विराट कोहली और राहुल द्रविड़ सबके निशाने पर आ गए. हालांकि किसी ने रो-को (रोहित - कोहली) के टी20 से संन्यास लेने की बात नहीं की, उन लोगों ने भी नहीं, लेकिन मोटे तौर पर यह समझ लिया गया कि 2024 का टी20 विश्व कप उनके करियर का आखिरी होगा. उधर, द्रविड़ ने 50 ओवर फॉर्मेट के विश्व कप के बाद अपने अनुबंध को छह महीने के लिए बढ़ा लिया. जाहिर है, कुछ अधूरा था जो पूरा करना था. उन्होंने 2024 फाइनल के बाद कहा, "यह विश्व कप का महीने भर का सफर नहीं, बल्कि दो साल का सफर है. इस " टीम को जोड़ने, हुनर में इजाफे, पसंदीदा खिलाड़ी, संतुलन, जैसा हम चाहते थे, वह सब कुछ बारबाडोस में इस खूबसूरत दोपहर में साकार हुआ."
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