पश्चिम दिल्ली के 68 वर्षीय कारोबारी विनोद मित्रा और उनका परिवार पीढ़ियों से करोलबाग की बैंक स्ट्रीट में अपने ज्वेलर्स का वफादार ग्राहक था. वे कहते हैं, " आपको सिर्फ घर ही विरासत में नहीं मिलता, ज्वेलर भी विरासत में मिलता है." लेकिन नई पीढ़ी कुछ अलग तरह से सोचती है. मित्रा की बहू प्रेरणा पारंपरिक और पुराने फैशन की ज्वेलरी से हटकर देखती हैं जिसे उन्हें सिर्फ विवाह में नहीं पहनना होता, बल्कि काम और सामाजिक कार्यक्रमों में भी पहनना होता है. उनकी अभिलाषा को पूरी करने के लिए तनिष्क, कल्याण ज्वेलर्स, रिलायंस ज्वेल्स जैसे बड़े रिटेल ज्वेलरी स्टोर हैं. और अब इस समूह में एक नया नाम - इंद्रिय - शामिल हो गया है जिसे इस जुलाई में मशहूर कारोबारी घराने आदित्य बिड़ला समूह की नॉवेल ज्वेल्स ने शुरू किया है.
इसे सोने के प्रति नई ललक भी कह सकते हैं. देश के प्रमुख कॉर्पोरेट घराने 6.4 लाख करोड़ रु. के चमकते-बढ़ते ज्वेलरी बाजार पर नजर गड़ाए हुए हैं. आदित्य बिड़ला समूह का इंद्रिय ब्रांड टाटा के तनिष्क और रिलायंस रिटेल के रिलायंस ज्वेल्स के साथ-साथ कल्याण ज्वेलर्स, मलाबार, जॉयलुकास और सेनको जैसे ज्वेलरी रिटेलरों के साथ होड़ करेगा. आदित्य बिड़ला समूह इंद्रिय की शुरुआत के अवसर पर कहा, “मौजूदा के अध्यक्ष कुमार मंगलम बिड़ला ने दिल्ली में अनौपचारिक से औपचारिक क्षेत्र की ओर जारी वैल्यू माइग्रेशन, उपभोक्ताओं की मजबूत, विश्वसनीय ब्रांड की पसंद और सदाबहार विवाह बाजार के ज्वेलरी बिजनेस के आकर्षण के कारण हम इसमें उतरे हैं, ये सब अच्छी-खासी वृद्धि के मौके देते हैं." समूह इसमें अच्छा-खासा 5,000 करोड़ रुपए का निवेश करेगा.
रिलायंस रिटेल भी पीछे नहीं रहना चाहता. उसने भी इस साल अल्ट्रा-लग्जरी ज्वेलरी बाजार में उतरने की घोषणा करके इस क्षेत्र में और निवेश योजनाओं का संकेत दिया. इस बाजार में सबसे पहले उतरने का फायदा उठाते हुए तनिष्क और कल्याण ज्वेलर्स जैसे देशव्यापी कारोबारी मौजूदा बाजार में और ज्यादा बढ़ते जा रहे हैं जबकि जॉयलुकास और सेनको जैसे क्षेत्रीय ब्रांड भारत भर में विस्तार पर निगाह लगाए हुए हैं. अब जैसेजैसे त्योहारी सीजन नजदीक आ रहा है, ये ब्रांड फेस्टिवल थीम की ज्वेलरी अपने यहां सजा रहे हैं और ग्राहकों को प्रमोशन तथा तोहफों के जरिए लुभा रहे हैं.
Denne historien er fra 2nd October, 2024-utgaven av India Today Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent ? Logg på
Denne historien er fra 2nd October, 2024-utgaven av India Today Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent? Logg på
मजबूत हाथों में भविष्य
भविष्य के बिजनेस लीडर्स को गढ़ने में बिजनेस स्कूलों की बेहद निर्णायक भूमिका है, ऐसा भविष्य जिसकी अगुआई टेक्नोलॉजी करेगी
कॉर्पोरेट के पारखी
आइआइएम कलकत्ता के छात्रों को महज बिजनेस दिग्गज बनने के लिए ही प्रशिक्षित नहीं किया जा रहा, वे पार्टनरशिप्स के जरिए राज्य की नौकरशाही को ऊर्जावान बनाने में भी मदद कर रहे
विरासत की बड़ी लड़ाई
बड़े दांव वाले शक्ति प्रदर्शन के लिए मैदान सज गया है, राजनैतिक दिग्गज और ताकतवर परिवार आदिवासी बहुल क्षेत्र पर कब्जे के लिए आ गए हैं आमने-सामने
कौन दमदार शिवसेना
महाराष्ट्र में किसका राज चलेगा, यह लोगों के वोट से तय होगा लेकिन साथ ही यह भी तय होगा कि कौन-सी शिवसेना असली है-ठाकरे की या शिंदे की
सीखने का सुखद माहौल
स्वास्थ्य प्रबंधन में एक नए पाठ्यक्रम से लेकर ब्लॉकचेन तकनीक पर केंद्रित कार्यक्रम तक, आइआइएम लखनऊ अपने नए ईकोसिस्टम के साथ अग्रणी भूमिका निभा रहा
ट्रंप की नजर में दुनिया
अमेरिका के लोगों ने दूसरी बार डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अपनी आस्था जताई है. ऐसे में भारत और बाकी दुनिया इस बात के लिए अपने को तैयार कर रही कि व्यापार और भू-राजनीतिक व्यवस्था के संदर्भ में 47वें राष्ट्रपति के अमेरिका-प्रथम के एजेंडे का आखिर क्या मायने होगा?
नवाचार की शानदार चमक
इस संस्थान में शिक्षा का मतलब ऐसे समाधान तैयार करना है जिनके केंद्र में देश की सामाजिक वास्तविकता मजबूती से जुड़ी हो
योगी बनाम अखिलेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 26 अगस्त को आगरा में ताज महल पश्चिमी द्वार स्थित पुरानी मंडी चौराहे पर दुर्गादास राठौर मु की प्रतिमा का अनावरण करने पहुंचे थे.
लैब कॉर्पोरेट लीडरशिप की
सख्त एकेडमिक अनुशासन, रिसर्च पर फोकस और विश्वस्तरीय गुणवत्ता के जरिए आइआइएम-के बिजनेस एजुकेशन की नई परिभाषा गढ़ रहा
सत्ता पर दबदबे की नई होड़
इन दिनों धुंध की मोटी चादर में लिपटी कश्मीर घाटी में छह साल के इंतजार के बाद नई उम्मीद जगी है. केंद्र शासित प्रदेश की नवनिर्वाचित नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) की सरकार ने आते ही अपने इरादे साफ कर दिए - जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा दिलाना उनका पहला संकल्प है.