नंदेश्वर शर्मा 68 वर्ष
चनपटिया, पश्चिमी चंपारण
पश्चिमी चंपारण के चनपटिया बाजार के चुहड़ी गांव की एक गली में नंदेश्वर शर्मा का बड़ा-सा गैराज है. वहां अच्छी क्वालिटी के लोहे के छोटे-छोटे हैंडपंप जैसे उपकरण और उसके टुकड़े पड़े हैं. यह नंदेश्वर शर्मा उर्फ नंदू शर्मा के काम का पीक सीजन है. उन्हें ऐसे ढेर सारे उपकरण बना लेने हैं क्योंकि जैसे ही इस इलाके में गन्ने की सिंचाई का मौसम शुरू होगा, गैराज में इस उपकरण को लेने वालों की भीड़ लग जाएगी. इससे पहले वे माल तैयार करके रखना चाहते हैं.
अपनी कहानी बताते हुए शर्मा कहते हैं, "पहले मैं स्टोन क्रशर का काम करता था. जब वह काम बंद हो गया तो मेरे पास रोजगार का संकट आ गया. खेती की थोड़ी जमीन थी, उसमें यह समझ आता था कि सिंचाई पंप को स्टार्ट करने में काफी दिक्कत होती है. तीनचार लोग लगते हैं, गोबर माटी देना पड़ता है. इसका कारण यह कि बोरिंग जब नहीं चल रही होती है तो उसका वाटर लेवल नीचे चला जाता है. इसको ठीक कैसे किया जाए, यह मैं सोचने लगा."
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