
थीं कितनी दुश्वारियां
यह फटा नोट नहीं चलेगा. कितनी बार बस इस एक बात की वजह से कोई सौदा नहीं हो पाया, भले ही आपने सोचा हो कि आपके दिए नोटों के बंडल में दुकानदार ने इस पर ध्यान नहीं दिया होगा. या जब आप अपने दोस्तों को किसी रेस्तरां में ले गए तो आपने देखा कि आपके पास कैश कम है. और सबसे पास का एटीएम भी खाली है. और क्या आप उन लोगों में से थे जिन्होंने 500 और 2,000 रुपए के नोट बुरे वक्त के लिए बचाकर रखे थे, मगर 2016 में वे बंद हो गए ? या जो कोविड-19 के दौरान घर में ही फंसे थे और ऑनलाइन पेमेंट के लाभ खोज रहे थे ? मार्च 2021 में डिजिटल पेमेंट की हिस्सेदारी 14 से 19 फीसद के बीच थी जो मार्च 2024 में दोगुनी से भी ज्यादा होकर 40 से 48 फीसद के बीच हो गई. और उन पेमेंट में 70 फीसद हिस्सा यूनाइटेड पेमेंट्स इंटरफेस या यूपीआइ का है.
यूं आसान हुआ जीवन
Denne historien er fra February 05, 2025-utgaven av India Today Hindi.
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जीवन बना संगीत
मशहूर सितारवादक शाहिद परवेज महीने भर की अपनी अमेरिका यात्रा, बेटे शाकिर और लिखे जा रहे अपने जिंदगीनामे पर

अश्लीलता से लड़ाई की रणनीति
एक समय लोक के सुख- दुःख का लेखा-जोखा रहे भोजपुरी गीत अश्लीलता का पर्याय बने. अभिनेत्री नीतू चंद्रा ने नीतीश सरकार के साथ मिलकर इसके खिलाफ शुरू किया तगड़ा अभियान

समानता का मुश्किल सफर
भारतीय समाज शिक्षा और रोजगार में तो स्त्री-पुरुष समानता अपनाता जा रहा है पर गहरी पैठ जमाए पितृसत्ता अब भी महिलाओं की व्यक्तिगत आजादी और घरेलू फैसलों को आकार दे रही है

लूट के माल की वापसी
प्रवर्तन निदेशालय ने धन वापसी को अपनी पहली प्राथमिकता बनाया, एजेंसी गैर-कानूनी रकम की तलाश में तेजी, जब्त संपत्तियों की बिक्री और वित्तीय धोखाधड़ी के शिकार लोगों को उनकी वाजिब रकम की वापसी को दे रही तरजीह

भारत के सकल घरेलू-व्यवहार की थाह
अपनी तरह के इस पहले जनमत सर्वेक्षण ने भारतीयों की रोजमर्रा की आदतों, तौर-तरीकों और सामाजिक आचार-व्यवहार के बारे में किए कई चौंकाने वाले खुलासे

आखिर कितने सुरक्षित हैं हम
जीडीबी सर्वे में सार्वजनिक सुरक्षा को लेकर अलग-अलग तरह की व्यापक चुनौतियां सामने आई हैं. हर समस्या के लिए अलग-अलग राज्य के स्तर पर उसी के मिजाज के अनुरूप समाधान की दरकार

मिट रहे हैं दायरे पर धीरे-धीरे
जाति या धर्म के आधार पर भेदभाव को जायज मानने वालों की संख्या अब कम से कमतर होती जा रही है हालांकि जाति या धर्म से बाहर शादियों के प्रति अब भी रूढ़िवादिता हावी है

नियम और नियंत्रण पर बढ़ता बरखेड़ा
महाबोधि मंदिर प्रबंधन कमेटी से हिंदू सदस्यों को हटाने और बोधगया टेंपल ऐक्ट को वापस लेने की मांग को लेकर बौद्ध भिक्षु बोधगया में 12 फरवरी से क्रमिक अनशन पर हैं. उनके समर्थन में देश और दुनिया के कई शहरों में आंबेडकरवादी बौद्ध प्रदर्शन कर रहे हैं

फिर उभरी दरारें
हिंदू दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं का एक धड़ा 17 मार्च को नागपुर के पुराने महाल मोहल्ले में इकट्ठा हुआ.

शराब से परहेज की पुकार
बर्फ से ढके गुलमर्ग का नजारा है. मौका है द एली इंडिया फैशन शो का, जिसमें दिल्ली के डिजाइनर शिवन और नरेश के परिधान—टोपियां, पैंट सूट, स्कीवियर और हां बिकिनी भी—प्रस्तुत किए गए.