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अतीत की कब्र खोदकर होगा भविष्य का निर्माण ?

India Today Hindi

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April 09, 2025

औरंगजेब की कब्र ध्वस्त करने की मांग ऐसी ड्रामा सीरीज की ताजा कड़ी की तरह है, जिसके कुछ एपिसोड प्रसारित हो चुके हैं और शेष अभी आने बाकी हैं.

- पुरुषोत्तम अग्रवाल

अतीत की कब्र खोदकर होगा भविष्य का निर्माण ?

यह सीरीज और कुछ नहीं हिंदुत्ववादी सियासी परियोजना का हिस्सा है जो पिछले कुछ समय से हर तरफ छाई नजर आ रही है और औरंगजेब इस कथानक के सबसे महत्वपूर्ण किरदारों में से एक है. इतिहास के पन्नों को पलटकर देखें तो इसमें कोई दो राय नहीं कि औरंगजेब सत्तालोलुप था और इसके लिए हर हथकंडा अपनाने में आगे था. यह भी कह सकते हैं कि किसी औसत मध्ययुगीन शासक की तुलना में वह बेहद ही क्रूर था. उसका जीवन संदेहास्पद था और वह मानवीय रचनात्मकता की कलात्मक अभिव्यक्तियों के प्रति असहिष्णु भी था. लेकिन एक तथ्य यह भी है कि उसने मजबूत अर्थव्यवस्था वाले और अपेक्षाकृत विशाल भारतीय साम्राज्य की केंद्रीय कमान अपने हाथ में संभाल रखी थी. और पूरे साम्राज्य पर उसने यह नियंत्रण हिंदू अभिजात वर्ग, सामंती जमींदारों, व्यापारियों और बुद्धिजीवियों के समर्थन से हासिल किया था. यह अलग बात है कि साम्राज्य के विशाल आकार की वजह से वह इस पर अपना नियंत्रण कायम नहीं रख पाया. लेकिन शायद इससे ज्यादा महत्वपूर्ण बात यह है कि उसकी नाकामी का एक कारण अकबर के सुलह-ए-कुल (सहिष्णुता और संवाद) मॉडल पर पर्याप्त ध्यान न देना थाजिसका शिवाजी के एक चर्चित पत्र में उल्लेख भी मिलता है.

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Denne historien er fra April 09, 2025-utgaven av India Today Hindi.

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