अमेरिका की बाइडन सरकार ने इस बार भारत के ऊपर भरोसा जताते हुए बड़ा दांव खेला है। मिलिटरी जेट इंजन से लेकर अंतरिक्ष अन्वेषण, आपूर्ति श्रृंखला, कारोबारी गठजोड़ और लचीली वीजा सुविधाओं तक के तमाम क्षेत्रों में अमेरिका अब अपनी अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी को भारत के साथ न केवल साझा करने को तैयार है, बल्कि संयुक्त उत्पादन भी करेगा। इस सिलसिले में अमेरिकी कंपनी माइक्रॉन टेक्नोलॉजी गुजरात के साणंद में सेमिकंडक्टर चिप की असेंबली और परीक्षण के 2.5 अरब डॉलर के एक कारखाने में 82.5 करोड़ डॉलर निवेश करेगी। बाकी रकम केंद्र और गुजरात सरकार लगाएगी, जिससे प्रत्यक्ष और परोक्ष 20000 रोजगार पैदा होंगे। हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच हुई आधिकारिक बातचीत के अंत में जारी 58 सूत्रीय संयुक्त बयान में इन समझौतों का विवरण दर्ज है। दोनों नेताओं ने दुनिया में अमेरिका और भारत के करीबी रिश्ते के नजरिये को साझा किया। यह दो ऐसे लोकतंत्रों का गठजोड़ होगा, जो उम्मीद, महत्वाकांक्षा और आत्मविश्वास के साथ इक्कीसवीं सदी को देख रहे हैं।
Denne historien er fra July 24, 2023-utgaven av Outlook Hindi.
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गांधी पर आरोपों के बहाने
गांधी की हत्या के 76 साल बाद भी जिस तरह उन पर गोली दागने का जुनून जारी है, उस वक्त में इस किताब की बहुत जरूरत है। कुछ लोगों के लिए गांधी कितने असहनीय हैं कि वे उनकी तस्वीर पर ही गोली दागते रहते हैं?
जिंदगी संजोने की अकथ कथा
पायल कपाड़िया की फिल्म ऑल वी इमेजिन ऐज लाइट परदे पर नुमाया एक संवेदनशील कविता
अश्विन की 'कैरम' बॉल
लगन और मेहनत से महान बना खिलाड़ी, जो भारतीय क्रिकेट में अलग मुकाम बनाने में सफल हुआ
जिसने प्रतिभाओं के बैराज खोल दिए
बेनेगल ने अंकुर के साथ समानांतर सिनेमा और शबाना, स्मिता पाटील, नसीरुद्दीन शाह, ओम पुरी, गिरीश कार्नाड, कुलभूषण खरबंदा और अनंतनाग जैसे कलाकारों और गोविंद निहलाणी जैसे फिल्मकारों की आमद हिंदी सिनेमा की परिभाषा और दुनिया ही बदल दी
सुविधा पचीसी
नई सदी के पहले 25 बरस में 25 नई चीजें, जिन्होंने हमारी रोजमर्रा की जिंदगी पूरी तरह से बदल डाली
पहली चौथाई के अंधेरे
सांस्कृतिक रूप से ठहरे रूप से ठहरे हुए भारतीय समाज को ढाई दशक में राजनीति और पूंजी ने कैसे बदल डाला
लोकतंत्र में घटता लोक
कल्याणकारी राज्य के अधिकार केंद्रित राजनीति से होते हुए अब डिलिवरी या लाभार्थी राजनीति तक ढाई दशक का सियासी सफर
नई लीक के सूत्रधार
इतिहास मेरे काम का मूल्यांकन उदारता से करेगा। बतौर प्रधानमंत्री अपनी आखिरी सालाना प्रेस कॉन्फ्रेंस (3 जनवरी, 2014) में मनमोहन सिंह का वह एकदम शांत-सा जवाब बेहद मुखर था।
दो न्यायिक खानदानों की नजीर
खन्ना और चंद्रचूड़ खानदान के विरोधाभासी योगदान से फिसलनों और प्रतिबद्धताओं का अंदाजा
एमएसपी के लिए मौत से जंग
किसान नेता दल्लेवाल का आमरण अनशन जारी लेकिन केंद्र सरकार पर असर नहीं