पुरानी शैक्षणिक व्यवस्था भाषाओं की बाधा में बंधी नजर आती है, ऐसे में एक ग्लोबल एजुकेशन सिस्टम भी विकसित होना जरूरी है। अलग- अलग राज्य अपने स्तर पर इस विषय में प्रयासरत हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ में शिक्षा व्यवस्था को लेकर एक क्रांतिकारी बदलाव का दौर चल रहा है। यहां अब सरकारी स्कूल और कॉलेज विश्व स्तरीय सुविधाओं से सुसज्जित नजर आने लगे हैं। शिक्षा व्यवस्था में सकारात्मक बदलाव का परिणाम छात्रों के व्यक्तित्व और सीखने समझने की क्षमता में भी परिलक्षित हो रहा है। अब यहां छात्रों चेहरे पर एक अलग आत्मविश्वास नजर आता है।
प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए नहीं देना पड़ता कोई शुल्क
छत्तीसगढ़ में प्रतियोगिता परीक्षा में बैठने वाले परीक्षार्थियों को अब परीक्षा फीस नहीं देनी पड़ती। राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अभ्यर्थियों को बड़ी राहत देते हुए विशेष कनिष्ठ कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा आयोजित परीक्षा में ली जाने वाली फीस माफ कर दी है। यानी कनिष्ठ कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा किसी भी भर्ती परीक्षा में स्थानीय अभ्यर्थियों से कोई फीस नहीं ली जाती। सीएम भूपेश बघेल के इस ऐलान के बाद से परीक्षार्थी काफी खुश हैं।
एजुकेशन वर्ल्ड ऑटोनॉमस कॉलेज रैंकिंग में टॉप 100 में 6 कॉलेज
Denne historien er fra August 07, 2023-utgaven av Outlook Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent ? Logg på
Denne historien er fra August 07, 2023-utgaven av Outlook Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent? Logg på
हमेशा गूंजेगी आवाज
लोककला के एक मजबूत स्तंभ का अवसान, अपनी आवाज में जिंदा रहेंगी शारदा
क्या है अमिताभ फिनामिना
एक फ्रांसिसी फिल्मकार की डॉक्यूमेंट्री बच्चन की सितारा बनने के सफर और उनके प्रति दीवानगी का खोलती है राज
'एक टीस-सी है, नया रोल इसलिए'
भारतीय महिला हॉकी की स्टार रानी रामपाल की 28 नंबर की जर्सी को हॉकी इंडिया ने सम्मान के तौर पर रिटायर कर दिया। अब वे गुरु की टोपी पहनने को तैयार हैं। 16 साल तक मैदान पर भारतीय हॉकी के उतार-चढ़ाव को करीब से देखने वाली 'हॉकी की रानी' अपने संन्यास की घोषणा के बाद अगली चुनौती को लेकर उत्सुक हैं।
सस्ती जान पर भारी पराली
पराली पर कसे फंदे, खाद न मिलने और लागत बेहिसाब बढ़ने से हरियाणा-पंजाब में किसान अपनी जान लेने पर मजबूर, हुक्मरान बेफिक्र, दोबारा दिल्ली कूच की तैयारी
विशेष दर्जे की आवाज
विधानसभा के पहले सत्र में विशेष दर्जे की बहाली का प्रस्ताव पास कर एनसी का वादा निभाने का दावा, मगर पीडीपी ने आधा-अधूरा बताया
महान बनाने की कीमत
नाल्ड ट्रम्प की जीत लोगों के अनिश्चय और राजनीतिक पहचान के आपस में नत्थी हो जाने का नतीजा
पश्चिम एशिया में क्या करेंगे ट्रम्प ?
ट्रम्प की जीत से नेतन्याहू को थोड़ी राहत मिली होगी, लेकिन फलस्तीन पर दोनों की योजनाएं अस्पष्ट
स्त्री-सम्मान पर उठे गहरे सवाल
ट्रम्प के चुनाव ने महिला अधिकारों पर पश्चिम की दावेदारी का खोखलापन उजागर कर दिया
जलवायु नीतियों का भविष्य
राष्ट्रपति के चुनाव में डोनाल्ड ट्रम्प की जीत रिपब्लिकन पार्टी के समर्थकों के लिए जश्न का कारण हो सकती है लेकिन पर्यावरण पर काम करने वाले लोग इससे चिंतित हैं।
दोस्ती बनी रहे, धंधा भी
ट्रम्प अपने विदेश, रक्षा, वाणिज्य, न्याय, सुरक्षा का जिम्मा किसे सौंपते हैं, भारत के लिए यह अहम