दुर्भाग्य से भारत इसका अपवाद नहीं है। बीसवीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में औपचारिक सत्ताओं से मुक्ति एक ओर तो सर्वसत्तावाद का विस्तार दूसरी ओर, उस दौर की भयावह विडंबना थे। सर्वसत्तावाद में राजनीति लगभग धर्म का स्थान ले लेती है। वह धर्म को भी अपना पालतू बना लेती है और जीवन के हर क्षेत्र में दखल देने लगती है। तब निजी और सामाजिक, व्यक्ति और समाज आदि के द्वैत और दूरियां ध्वस्त हो जाती हैंएक तरह की एक्तान, एकरस, उबाऊ और थकाऊ सामुदायिकता सब कुछ पर छा जाती है। जिजीविषा के अनेक रूपाकार शिथिल और धूमिल पड़ जाते हैं। हर व्यक्ति दूसरे व्यक्ति पर जासूसी करने लगता है और सत्ता के लिए जासूसी लगभग अनिवार्य नैतिक कर्तव्य बनकर उभरती है। इस सबकी शिनाख्त करने वालों में अग्रणी रहे कथाकार और कथा-चिंतक मिलान कुन्देरा, जिनका परिपक्व आयु में पिछले दिनों देहावसान हुआ। उन्हें मध्य यूरोप का, जिसे पहले पूर्वी यूरोप भी कहा जाता था, उसकी ट्रैजेडी का शायद सबसे बड़ा गाथाकार कहा जाता है।
Denne historien er fra August 07, 2023-utgaven av Outlook Hindi.
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माघशीर्ष का संगीत महोत्सव
तमिलनाडु की राजधानी में हजारों साल पुरानी संगीत की विरासत को सहेजने का अनूठा जश्न
भोपाल का विष पीथमपुर को
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सुनहरे कल के नए सितारे
हर मैदान में नई-नई, कच्ची उम्र की भी, प्रतिभाओं की चमक चकाचौंध कर रही है और खुद में ऐसे बेमिसाल भरोसे की गूंज भारतीय खेलों की नई पहचान बन गई है, भारतीय खेलों से हर पल जुड़ती कामयाबी की नई कहानियां इसका आईना हैं
वोट के बाद नोट का मोर्चा
चुनाव के बाद अब बकाये पर केंद्र से हेमंत की रार, लाभकारी योजनाओं का बोझ पड़ रहा भारी
काशी
नीलकंठ की नगरी - काशी, अनादि और अनंत काल का प्रतीक रही है। कथाएं प्रचलित हैं कि पिनाकधारी, नीलकंठ शिव को यह नगरी अतिप्रिय है। मान्यता है कि यहां मां पार्वती संग शिव रमण और विहार किया करते हैं। काशी का बाशिंदा हो या यहां आने वाला भक्त, हर सनातनी जीवन में एक बार काशी की भूमि को स्पर्श करना चाहता है।
कांग्रेस का संगठन-संकट
हुड्डा विहीन रणनीति और पुनर्निर्माण की चुनौती के साथ स्थानीय निकाय चुनावों की परीक्षा सामने
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पीके की पींगें
बीपीएससी परीक्षा में धांधली और पेपर लीक के आरोप में युवाओं के आंदोलन में प्रशांत किशोर की शिरकत के सियासी मायने
सरे आसमान रोशन प्रतिभाएं
हर खेल के मैदान में दुनिया में देश का झंडा लहरा रहे नए-नए लड़के-लड़कियां अपने ज्बे और जुनून से तस्वीर बदल रहे हैं, ऐसे 11 सितारों पर एक नजर
संगम में निराला समागम
सदियों से हर बारह वर्ष पर लगने वाला दुनिया के सबसे बड़े सांस्कृतिक और धार्मिक मेले के रंग निराले