![पर्यटन का बढ़ता कारोबार पर्यटन का बढ़ता कारोबार](https://cdn.magzter.com/1338812051/1682270775/articles/utcpeXK5O1682324539389/1682324802974.jpg)
भारत में पर्यटन के लिए इतनी सारी जगहें हैं कि अर्थव्यवस्था काफीकुछ पर्यटन पर ही निर्भर कर रही है. यहां न सिर्फ भारत के ही लोग एक स्थान से दूसरे स्थान पर घूमने के लिए जाते हैं, बल्कि विदेशों के लाखों लोग भी यहां घूमने के लिए आते हैं.
भारत की जीडीपी में पर्यटन क्षेत्र का योगदान 9.2 फीसदी बढ़ कर 240 अरब डौलर तक पहुंच गया है. पर्यटन भारत में विदेशी मुद्रा लाने वाला तीसरा सब से बड़ा क्षेत्र है. यह क्षेत्र 4.2 करोड़ लोगों को नौकरियां देता है, जो कुल रोजगार का 8.1 फीसदी है. यही नहीं, पर्यटन के क्षेत्र में तमाम तरह के रोजगार भी हैं. यह इन्फ्रास्ट्रक्चर, सांस्कृतिक पर्यटन, धार्मिक व हैरिटेज पर्यटन, हिमालयन राज्यों में पर्यटन, स्थायी पर्यटन, पर्यटन स्थलों के प्रचारप्रसार में तकनीक की भूमिका, होम स्टे का महत्त्व, पर्यटन के साथ आयुर्वेद व मैडिकल को जोड़ना, वन्यप्राणी पर्यटन शामिल हैं. भारत में हिमालयन रेंज में आने वाले राज्यों में पर्यटन विकास का सब से बड़ा जरिया है.
आंकड़े बताते हैं कि 2023 तक भारत में पर्यटन उद्योग की सालाना कमाई 60 अरब डौलर के करीब होनी चाहिए. पर्यटन क्षेत्र का अर्थव्यवस्था पर व्यापक प्रभाव पड़ता है. विकास और रोजगार बढ़ाने में भी इस की बड़ी भूमिका होती है. भारतीय अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में पर्यटन क्षेत्र महत्त्वपूर्ण योगदान दे सकता है. यह ऐसा क्षेत्र है जो रोजगार के काफी अवसरों का सृजन कर सकता है. देश में पर्यटकों की संख्या बढ़ने से रोजगार बढ़ते हैं. यह क्षेत्र प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर भी पैदा करता है. 2018 में पर्यटन से भारत को 28.6 अरब डौलर की कमाई हुई थी जो 2022 तक 50 अरब डौलर पर पहुंच गई.
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![मौन का मूलमंत्र जिंदगी को बनाए आसान मौन का मूलमंत्र जिंदगी को बनाए आसान](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1990019/LowUfbRDd1739346630309/1739346915320.jpg)
मौन का मूलमंत्र जिंदगी को बनाए आसान
हम बचपन में बोलना तो सीख लेते हैं मगर क्या बोलना है और कितना बोलना है, यह सीखने के लिए पूरी उम्र भी कम पड़ जाती है. मौन रहना आज के दौर में ध्यान केंद्रित करने की तरह ही है.
![सरकार थोप रही मोबाइल सरकार थोप रही मोबाइल](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1990019/PC285IuYk1739280195789/1739280474981.jpg)
सरकार थोप रही मोबाइल
सरकार द्वारा कई स्कीमों को चलाया जा रहा है. बिना एडवांस मोबाइल फोन और इंटरनैट सेवा की इन स्कीमों का फायदा उठाना असंभव है. ऐसा अनावश्यक जोर क्या सही है?
![सास बदली लेकिन नजरिया नहीं सास बदली लेकिन नजरिया नहीं](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1990019/pg03lBb3y1739281192590/1739281417705.jpg)
सास बदली लेकिन नजरिया नहीं
सास और और बहू को एकदूसरे की भूमिका को स्वीकार करना चाहिए. सास पुरानी परंपराओं का पालन करते हुए बहू को सिखा सकती है और बहू नई सोच व नए दृष्टिकोण से घर को बेहतर बना सकती है.
![अमेरिका में भी पनप रहा ब्राह्मण व बनिया गठजोड़ अमेरिका में भी पनप रहा ब्राह्मण व बनिया गठजोड़](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1990019/s4o9Sj54G1739278764498/1739279348669.jpg)
अमेरिका में भी पनप रहा ब्राह्मण व बनिया गठजोड़
डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह के साथ ही अमेरिका में एक नए दौर की शुरुआत हो चुकी है जिसे ले कर हर कोई आशंकित है कि अब लोकतंत्र को हाशिए पर रख धार्मिक एजेंडे पर अमल होगा.
![किस संतान को मिले संपत्ति पर ज्यादा हक किस संतान को मिले संपत्ति पर ज्यादा हक](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1990019/9JDheV0BY1739279671565/1739280166756.jpg)
किस संतान को मिले संपत्ति पर ज्यादा हक
यह वह दौर हैं जब पेरैंट्स की सेवा न करने वाली संतानों की अदालतें तक खिंचाई कर रही हैं लेकिन मांबाप की दिल से सेवा करने वाली संतान के लिए जायदाद में ज्यादा हिस्सा देने पर वे भी अचकचा जाती हैं क्योंकि कानून में ऐसा कोई प्रावधान ही नहीं है. क्या यह ज्यादती नहीं?
![युवाओं के सपनों के घर पर डाका युवाओं के सपनों के घर पर डाका](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1990019/SzT5OWXW71739279379347/1739279671358.jpg)
युवाओं के सपनों के घर पर डाका
नौकरीपेशा होम लोन ले कर अपने सपनों का आशियाना खरीद लेते हैं. लेकिन यहां समस्या तब आती है जब किसी यूइत में वे लोन नहीं चुका पाते. ऐसे में कई बार उन्हें अपने घर से हाथ धोना पड़ता है.
![मेलजोल के अवसर बुफे पार्टी मेलजोल के अवसर बुफे पार्टी](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1990019/kAkDNoyBV1739280807508/1739281176766.jpg)
मेलजोल के अवसर बुफे पार्टी
बूफे पार्टी में मेहमान भोजन और अच्छे समय का आनंद लेने के साथसाथ सोशल गैदरिंग के चलन को भी जीवित रखते हैं. यह अवसर न केवल खानपान के लिए होता है बल्कि यह लोगों के बीच बातचीत, हंसीमजाक और आपसी विचारों के आदानप्रदान का एक साधन भी है.
![अल्लू अर्जुन को जेल भगवान दोषमुक्त अल्लू अर्जुन को जेल भगवान दोषमुक्त](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1990019/RkxmXuMNk1739280478617/1739280798357.jpg)
अल्लू अर्जुन को जेल भगवान दोषमुक्त
एक तरह के हादसे पर कानून दो तरह से कैसे काम कर सकता है? क्या यह न्याय और संविधान दोनों का अपमान नहीं ?
![ऊंचे ओहदे वालों में अकड़ क्यों ऊंचे ओहदे वालों में अकड़ क्यों](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1971251/jsAA7PQtH1737712505485/1737712993859.jpg)
ऊंचे ओहदे वालों में अकड़ क्यों
कुछ लोगों में अपने रुतबे को ले कर अहंकार होता है. उन्हें लगता है कि उन का ओहदा, उन का पद बैस्ट है. वे सुपीरियर हैं. यह सोच अहंकार और ईगो लाती है जो इंसान के व्यवहार में अड़चन डालती है.
![बंटोगे तो कटोगे वाला नारा प्रधान राष्ट्र बंटोगे तो कटोगे वाला नारा प्रधान राष्ट्र](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1971251/igzsVRgNl1737713300356/1737713410810.jpg)
बंटोगे तो कटोगे वाला नारा प्रधान राष्ट्र
देश नारा प्रधान है. काम भले कुछ न हो रहा हो पर पार्टियां और सरकारों द्वारा उछाले नारों की खुमारी जनता पर खूब छाई रहती है.