![बंगलादेश यूथ पावर ने पलटी तानाशाही बंगलादेश यूथ पावर ने पलटी तानाशाही](https://cdn.magzter.com/1338812051/1725275978/articles/kvDLCHaA81725344171294/1725345712491.jpg)
बंगलादेश में शेख हसीना के तख्तापलट के बाद सेना प्रमुख वकार-उज-जमां ने सत्ता की बागडोर अपने हाथों में ले कर प्रधानमंत्री को बस 45 मिनट का वक्त दिया कि वे अपना इस्तीफा दें और अपनी जान बचा कर बंगलादेश से निकल जाएं. किसी ने कल्पना भी न की होगी कि 15 साल से सत्ता संभाल रहीं प्रधानमंत्री शेख हसीना को इस तरह अपना देश छोड़ कर भागना पड़ेगा. मात्र एक सूटकेस, जिस में चंद कपड़े और कुछ जरूरी सामान था, के साथ जब शेख हसीना भारत में गाजियाबाद के हिंडन एयरपोर्ट पर उतरीं तो उन के चेहरे पर गहरी मायूसी थी.
बंगलादेश की स्थिति काफी भयावह है. छात्रों के एक गुट ने आरक्षण के मुद्दे पर देश की सरकार उलट दी और प्रधानमंत्री को देश छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया. हालांकि यह बात सुनने में हास्यास्पद लगती है क्योंकि तख्तापलट की तैयारी एक रात में नहीं हो सकती. तख्तापलट की घटना को भले छात्रों द्वारा अंजाम दिया गया हो मगर हसीना को सत्ताच्युत करने की रणनीति तैयार करने के पीछे बंगलादेश नैशनलिस्ट पार्टी के नेताओं और अमेरिका व पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों का हाथ माना जा रहा है. जिन्होंने छात्र विद्रोह की आड़ में अपना रास्ता साफ किया.
विद्रोह की साजिश
कुछ खोजी अखबारों का कहना है कि इस भयंकर विद्रोह की पूरी साजिश लंदन में रची गई, जहां बंगलादेश नैशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की कार्यवाहक प्रमुख खालिदा जिया के बेटे रहमान की सांठगांठ के सुबूत मिले हैं. गौरतलब है कि पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया को हसीना सरकार ने पिछले 15 सालों से जेल में बंद कर रखा था. हसीना सरकार के तख्तापलट के तुरंत बाद ही खालिदा जिया को जेल से आजाद कर दिया गया.
बंगलादेश में जनवरी 2024 में हुए चुनाव के बाद से ही माहौल बिगड़ने लगा था. वहां हिंसा की घटनाएं बढ़ गई थीं. अल्पसंख्यकों की दुकानों और हिंदू मंदिरों पर लगातार हमले हो रहे हैं. जिन को रोक पाने में हसीना सरकार कामयाब नहीं हो पा रही थी. देश में महंगाई आसमान छू रही थी. आधा पेट खाने वाले लोग रोजगार के लिए तरस रहे थे, मगर हसीना का उन की तरफ कोई ध्यान नहीं था.
Denne historien er fra August Second 2024-utgaven av Sarita.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent ? Logg på
Denne historien er fra August Second 2024-utgaven av Sarita.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent? Logg på
![मौन का मूलमंत्र जिंदगी को बनाए आसान मौन का मूलमंत्र जिंदगी को बनाए आसान](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1990019/LowUfbRDd1739346630309/1739346915320.jpg)
मौन का मूलमंत्र जिंदगी को बनाए आसान
हम बचपन में बोलना तो सीख लेते हैं मगर क्या बोलना है और कितना बोलना है, यह सीखने के लिए पूरी उम्र भी कम पड़ जाती है. मौन रहना आज के दौर में ध्यान केंद्रित करने की तरह ही है.
![सरकार थोप रही मोबाइल सरकार थोप रही मोबाइल](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1990019/PC285IuYk1739280195789/1739280474981.jpg)
सरकार थोप रही मोबाइल
सरकार द्वारा कई स्कीमों को चलाया जा रहा है. बिना एडवांस मोबाइल फोन और इंटरनैट सेवा की इन स्कीमों का फायदा उठाना असंभव है. ऐसा अनावश्यक जोर क्या सही है?
![सास बदली लेकिन नजरिया नहीं सास बदली लेकिन नजरिया नहीं](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1990019/pg03lBb3y1739281192590/1739281417705.jpg)
सास बदली लेकिन नजरिया नहीं
सास और और बहू को एकदूसरे की भूमिका को स्वीकार करना चाहिए. सास पुरानी परंपराओं का पालन करते हुए बहू को सिखा सकती है और बहू नई सोच व नए दृष्टिकोण से घर को बेहतर बना सकती है.
![अमेरिका में भी पनप रहा ब्राह्मण व बनिया गठजोड़ अमेरिका में भी पनप रहा ब्राह्मण व बनिया गठजोड़](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1990019/s4o9Sj54G1739278764498/1739279348669.jpg)
अमेरिका में भी पनप रहा ब्राह्मण व बनिया गठजोड़
डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह के साथ ही अमेरिका में एक नए दौर की शुरुआत हो चुकी है जिसे ले कर हर कोई आशंकित है कि अब लोकतंत्र को हाशिए पर रख धार्मिक एजेंडे पर अमल होगा.
![किस संतान को मिले संपत्ति पर ज्यादा हक किस संतान को मिले संपत्ति पर ज्यादा हक](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1990019/9JDheV0BY1739279671565/1739280166756.jpg)
किस संतान को मिले संपत्ति पर ज्यादा हक
यह वह दौर हैं जब पेरैंट्स की सेवा न करने वाली संतानों की अदालतें तक खिंचाई कर रही हैं लेकिन मांबाप की दिल से सेवा करने वाली संतान के लिए जायदाद में ज्यादा हिस्सा देने पर वे भी अचकचा जाती हैं क्योंकि कानून में ऐसा कोई प्रावधान ही नहीं है. क्या यह ज्यादती नहीं?
![युवाओं के सपनों के घर पर डाका युवाओं के सपनों के घर पर डाका](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1990019/SzT5OWXW71739279379347/1739279671358.jpg)
युवाओं के सपनों के घर पर डाका
नौकरीपेशा होम लोन ले कर अपने सपनों का आशियाना खरीद लेते हैं. लेकिन यहां समस्या तब आती है जब किसी यूइत में वे लोन नहीं चुका पाते. ऐसे में कई बार उन्हें अपने घर से हाथ धोना पड़ता है.
![मेलजोल के अवसर बुफे पार्टी मेलजोल के अवसर बुफे पार्टी](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1990019/kAkDNoyBV1739280807508/1739281176766.jpg)
मेलजोल के अवसर बुफे पार्टी
बूफे पार्टी में मेहमान भोजन और अच्छे समय का आनंद लेने के साथसाथ सोशल गैदरिंग के चलन को भी जीवित रखते हैं. यह अवसर न केवल खानपान के लिए होता है बल्कि यह लोगों के बीच बातचीत, हंसीमजाक और आपसी विचारों के आदानप्रदान का एक साधन भी है.
![अल्लू अर्जुन को जेल भगवान दोषमुक्त अल्लू अर्जुन को जेल भगवान दोषमुक्त](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1990019/RkxmXuMNk1739280478617/1739280798357.jpg)
अल्लू अर्जुन को जेल भगवान दोषमुक्त
एक तरह के हादसे पर कानून दो तरह से कैसे काम कर सकता है? क्या यह न्याय और संविधान दोनों का अपमान नहीं ?
![ऊंचे ओहदे वालों में अकड़ क्यों ऊंचे ओहदे वालों में अकड़ क्यों](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1971251/jsAA7PQtH1737712505485/1737712993859.jpg)
ऊंचे ओहदे वालों में अकड़ क्यों
कुछ लोगों में अपने रुतबे को ले कर अहंकार होता है. उन्हें लगता है कि उन का ओहदा, उन का पद बैस्ट है. वे सुपीरियर हैं. यह सोच अहंकार और ईगो लाती है जो इंसान के व्यवहार में अड़चन डालती है.
![बंटोगे तो कटोगे वाला नारा प्रधान राष्ट्र बंटोगे तो कटोगे वाला नारा प्रधान राष्ट्र](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1971251/igzsVRgNl1737713300356/1737713410810.jpg)
बंटोगे तो कटोगे वाला नारा प्रधान राष्ट्र
देश नारा प्रधान है. काम भले कुछ न हो रहा हो पर पार्टियां और सरकारों द्वारा उछाले नारों की खुमारी जनता पर खूब छाई रहती है.