हालांकि कर्मचारियों के कानों को ये संदेश ज्यादा पसंद नहीं आए और वे इससे बचने की भरसक कोशिश करते रहे। मगर आखिर में मन मारकर उन्हें दफ्तर लौटना ही पड़ा।
कर्मचारियों का रुख देखकर कुछ कंपनियों और संस्थाओं ने ‘हाइब्रिड’ रास्ता निकाला, जिसमें कर्मचारी कुछ दिन घर से काम कर सकते थे और बाकी दिन उन्हें दफ्तर आना पड़ता था। कहीं यह काम कर गया और कहीं कारगर नहीं रहा। इसलिए कर्मचारियों के नौकरी बदलने के बीच ग्रेट रेजिग्नेशन, क्वाइट क्विटिंग और करियर कुशनिंग जैसे जुमले आए और उनके बाद एक नया शब्द दफ्तरों में आ गया – कॉफी बैजिंग। यह नया तरीका था, जिसमें कर्मचारी दफ्तर आते तो थे लेकिन थोड़े से वक्त के लिए। वे हाजिरी लगाते थे, कॉफी पीते थे, साथियों के साथ गपशप करते थे और घर जाकर काम शुरू कर देते थे।वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग डिवाइस बनाने वाली कंपनी आउल लैब्स ने दुनिया भर में ‘स्टेट ऑफ हाइब्रिड वर्क 2023’ सर्वेक्षण कराया, जिसके मुताबिक हाइब्रिड काम करने वाले 39 फीसदी कर्मचारी कॉफी बैजिंग कर रहे थे।
कुछ भी हो, कर्मचारी दफ्तर आने लगे और अचानक उनकी वापसी की वजह से जगह की तंगी भी महसूस होने लगी। इसलिए 2023 के शुरुआती नौ महीनों में दफ्तर के लिए जगह की मांग बहुत तेजी से बढ़ी है। वाणिज्यिक रियल एस्टेट परामर्श फर्म सीबीआरई ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, बेंगलूरु, पुणे, हैदराबाद, चेन्नई, कोलकाता, अहमदाबाद और कोच्चि में दफ्तरों के लिए 4.18 करोड़ वर्ग फुट जगह ली गई, जो पिछले साल से 33 फीसदी अधिक है। जुलाई से सितंबर के बीच ही 1.58 करोड़ वर्ग फुट जगह ली गई। सीबीआरई के अनुसार दफ्तर के लिए नई जगह भी तेजी से बढ़ी और जनवरी से सितंबर के बीच 4.17 करोड़ वर्ग फुट जगह जुड़ी। बेंगलूरु, हैदराबाद और पुणे में सबसे अधिक तेजी दिखी, जहां कुल नई जगह का 71 फीसदी हिस्सा आया।
बैंकिंग, वित्तीय सेवा और बीमा (बीएफएसआई) जैसे कारोबार से जुड़ी कपंनियों ने सबसे ज्यादा 29 फीसदी जगह दफ्तर के लिए ली। उनके बाद तकनीकी कंपनियों ने 23 फीसदी रही, लाइफसाइंस कंपनियों ने 10 फीसदी और कंसल्टिंग तथा एनालिटिक्स कंपनियों ने 7 फीसदी जगह किराये पर ली। जुलाई से सितंबर के बीच सबसे ज्यादा 42-42 फीसदी जगह अमेरिकी और देसी कंपनियों ने ली।
Denne historien er fra December 26, 2023-utgaven av Business Standard - Hindi.
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आरईसी की फिर बॉन्ड से धन जुटाने की तैयारी
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वेदांत समूह ने बरकरार रखा लागत अनुमान
वेदांत समूह के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने रविवार को शेयरधारकों को बताया कि समूह निकट भविष्य में अपने तीन मुख्य कारोबारों- जिंक, एल्युमीनियम और तेल एवं गैस की क्षमता दोगुनी करेगा।
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अमेरिकी यूनिकॉर्न तंत्र को गति दे रहे भारतीय
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