मदरसन की दो सूचीबद्ध कंपनियों के लिए रिटर्न के मोर्चे की राह अलग-अलग है। जहां समूह की वैश्विक इकाई संवर्द्धन मदरसन इंटरनैशनल (समिल) का शेयर अपने 52 सप्ताह के ऊंचे स्तर पर पहुंच गया है और गुरुवार को उसने 1 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर लिया, वहीं भारत-केंद्रित मदरसन सूमी वायरिंग इंडिया (एमएसडब्ल्यूआईएल) की रफ्तार सुस्त रही है।
समिल का शेयर पिछले एक साल के दौरान 91 प्रतिशत से ज्यादा चढ़ा है जबकि एमएसडब्ल्यू आईएल का 17 प्रतिशत तेजी के साथ पीछे है। समिल में ताजा तेजी वित्त वर्ष 2024 की जनवरी-मार्च तिमाही में नतीजों के बाद अपग्रेड की वजह से आई है जबकि दूसरी कंपनी के लिए समीक्षा मिलीजुली रही है। मार्च तिमाही में मजबूत परिचालन प्रदर्शन के अलावा मजबूत ऑर्डर बुक, अधिग्रहणों के बढ़ते आकार, घटते कर्ज स्तर और आपूर्तिकर्ता समेकन में ढांचागत रुझानों से समिल को मदद मिल रही है। मांग संबंधित परिदृश्य, ऑर्डर बुक और विविध किस्म के उत्पादों तथा भौगोलिक स्थिति भविष्य में दोनों कंपनियों के लिए लगातार बिक्री वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण रहेगी। समिल के लिए अल्पावधि परिदृश्य पर जेएम फाइनैंशियल के विश्लेषकों विवेक कुमार और रौनक मेहता का मानना है कि हल्के वाहनों के लिए मांग परिवेश सभी देशों में मजबूत बना हुआ है।
कंपनी की कुल ऑटोमोटिव (ऑटो) ऑर्डर बुक 83.9 अरब डॉलर है जिसमें 23 प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहनों के ऑर्डर हैं। मध्यावधि-दीर्घावधि के दौरान, ब्रोकरेज को प्रीमिय और विद्युतीकरण से कंपनी के पावरट्रेन-केंद्रित उत्पाद पोर्टफोलियो के लिए प्रति वाहन तेजी आने का अनुमान है।
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