उद्योग का सालाना परिचालन लाभ या चालू वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 2025) की सितंबर तिमाही का परिचालन लाभ पिछले वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 2024) की सितंबर तिमाही की तुलना में 20.27 प्रतिशत बढ़कर 1.27 लाख करोड़ रुपये से 1.52 लाख करोड़ रुपये हो गया है। वाणिज्यिक बैंक और निवेश बैंकों की तरह सभी तरह की सेवाएं देने वाले बैंकों (यूनिवर्सल) के अलावा, इसमें नौ लघु वित्त बैंकों (एसएफबी) की कमाई भी शामिल है।
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) अपने परिचालन लाभ में 51 प्रतिशत की वृद्धि के साथ आगे है और यह 19,417 करोड़ रुपये से बढ़कर 29,294 करोड़ रुपये हो गया है। अन्य बैंकों में आईडीबीआई बैंक लिमिटेड ने परिचालन लाभ में 45.12 फीसदी और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने 41.46 फीसदी की वृद्धि दर्ज की है। केवल दो यूनिवर्सल बैंकों, इंडसइंड बैंक और कर्णाटका बैंक ने सालाना आधार पर परिचालन लाभ में कमी दर्ज की है। वहीं तिमाही आधार पर या वित्त वर्ष 2025 की जून की तिमाही की तुलना में सितंबर तिमाही में, इन दोनों बैंकों के अलावा कम से कम पांच अन्य बैंकों ने भी गिरावट दर्ज की है।
प्रावधान के बाद, बैंकिंग उद्योग के शुद्ध लाभ में 18.61 प्रतिशत (91,792 करोड़ रुपये) की बढ़ोतरी हुई है। एसबीआई ने 18,331 करोड़ रुपये के शुद्ध लाभ के साथ शीर्ष स्थान पर अपनी जगह बनाई है और इसके बाद एचडीएफसी बैंक (16,821 करोड़ रुपये) है। एसबीआई का शुद्ध लाभ 27.92 प्रतिशत और एचडीएफसी बैंक का 5.29 प्रतिशत बढ़ गया है। तीन निजी बैंकों, इंडसइंड बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और आरबीएल बैंक ने अपने शुद्ध लाभ में गिरावट दर्ज की है। कुल मिलाकर, उनके प्रोविजन 26.68 प्रतिशत बढ़ गए हैं लेकिन आठ निजी बैंकों और सात सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने अपने प्रावधानों में कटौती की है।
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