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आत्मनिर्भर बनने की दिशा में तकनीक की भूमिका महत्त्वपूर्ण
आज जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा भारत में आत्मनिर्भरता का नया जोश फूंक दिया गया है, हम सबके सामने यह सवाल है कि क्या भारत अपनी चुनौतियों को एक अवसर में बदलकर दिखाएगा?
रामायण साहित्यों में विज्ञान
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के साथ राम की पुरातन एवं सनातन ऐतिहासिकता के साथ-साथ सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की स्थापना भी हो जाएगी।
शिक्षा नीति के परिवर्तन सूत्र
राष्ट्रीय शिक्षा नीति को भारत की केन्द्रीय मंत्री परिषद ने २९ जुलाई को पारित किया। नीति में ऐसे अनेक बिंदु हैं जो आमूलचूल परिवर्तन के कारक बन सकते हैं। इन बीज बिंदुओं की सूची प्रस्तुत है। हम सब इस पर कार्ययोजना बनाएँ।
प्रकृति का दोहन, न कि शोषण
यदि हम गौर से देखें तो हमारे ध्यान में आता है कि इस सृष्टि में सभी कुछ कितना व्यवस्थित निर्मित है। पचं भूतों क्षिति, जल, पावक, गगन एवं समीर, से यह बना हुआ है। ये पंच तत्व हम सबको मिले हुए हैं, इन्हें मनुष्य ने निर्माण नहीं किया।
स्वामी विवेकानन्द और विज्ञान
चार्ल्स डार्विन के क्रमविकास के सिद्धान्त, अमेरिकी वैज्ञानिक निकोला टेस्ला, थॉमस अल्वा एडिसन, जेजे थॉमसन, अलबर्ट आइन्स्टाइन, जगदीश चन्द्र बसु, भगिनी निवेदिता, जमशेदजी टाटा आदि संशोधनों में स्वामी विवेकानन्द के विचारों का प्रभाव के सन्दर्भ में बताया।
धर्म संस्थापनार्थाय संभवामि युगे युगे
११ सितम्बर, विश्व बंधुत्व दिवस पर विशेष:
ऐतिहासिक क्षण : श्रीराम मंदिर का भूमिपूजन
५ अगस्त, २०२० इतिहास के पृष्ठों में स्वर्ण अक्षरों में लिखी जानेवाली संघर्ष, धैर्य, शान्ति, बलिदान की अद्भुत गाथा की पराकाष्ठा का वह स्वर्णिम दिन है जिसका भारतवर्ष तो क्या विश्व साक्षी बना| धन्य हैं वे लोग जिन्होंने प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से इसमें भाग लिया।
महर्षि योगी अरविन्द
डॉक्टर कृष्णधन घोष चाहते थे कि उनके बच्चे इंडियन सिविल सर्विस (ICS) में कार्य करें और समाज के सबसे प्रतिष्ठित वर्ग में सम्मिलित हो। वे मानते थे कि अंग्रेज भारतीयों से हर प्रकार से श्रेष्ठ हैं और इसलिए उन्होंने अपने बच्चों को न भारतीय रीति-रिवाजों के प्रति, न ही अपनी मातृभाषा बंगाली सीखने के लिए प्रोत्साहित किया।
हम इंसानों के बारे में क्या सोचते होंगे जानवर?
लॉकडाउन में इंसान कैदी बने, जानवर आज़ाद घूमते पाए गए। इंसानों के बारे में जानवर क्या सोचते होंगे?
स्वतंत्रता का सन्देश देता श्रीकृष्ण का जीवन
भगवान श्रीकृष्ण का जन्म कारागार में हुआ। पर स्वतंत्र होने तथा अपनों को दुःख की बेड़ियों से मुक्त करने की चाह देखिए, जन्म लेते ही माता देवकी तथा पिता वसुदेव को बेड़ियों से मुक्त कर दिया। इतना ही नहीं तो नवजात शिशु कृष्ण की इच्छा से कारागार के द्वार स्वतः खुल गए। बेड़ी मुक्त होते ही कारागार से बाहर जाने का मार्ग सुलभ हो गया। पिता वसुदेव बालक कृष्ण को लेकर मथुरासे गोकुल की ओर निकल पड़े।
भारतीय प्रतिभाओं के बिना भारत आगे नहीं जा सकता
किसी भी देश की शक्ति होते हैं उसके नागरिक और अगर वो युवा हों तो कहने ही क्या।
प्रधानमंत्री मोदी का लेह दौरा : आगे क्या?
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का 3 जुलाई को भारत चीन सीमा के निकट लेह के करीब एक सैन्य ठिकाने का औचक दौरा भारत-चीन सैन्य टकराव में बड़ा मोड़ लेकर आया नौ हफ्तों से जारी टकराव सैन्य कमांडर स्तर एवं अधिकारी स्तर की राजनीतिक वार्ताओं के कई दौरा होने के बाद भी अनसुलझा है। प्रधानमंत्री के दौर में अहम बात यह रही कि उनके साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ एवं सेनाध्यक्ष भी गए थे।
कोरोना काल में घटी अंग्रेजी दवाओं की बिक्री
कोरोना काल में पूर्णबंदी रहने के बावजूद सभी प्रकार की दवाओं की दुकानें खुली रखने की छूट रही है। बावजूद देखने में आया कि अंग्रेजी दवाओं के कारोबार पर बुरा असर पड़ा है।
समर्थ गुरु रामदास के शिष्य कल्याण स्वामी
परमोच्च आध्यात्मिक अवस्था में प्रतिष्ठित और मातृभूमि के प्रति उत्कट भक्ति से परिपूर्ण थे समर्थ गुरु रामदास नासिक के समीप टाकली नामक ग्राम में रहते हुए उन्होंने दीर्घकाल साधना की।
आत्मनिर्भर भारत
आजकल देश में सोशल मीडिया के विभिन्न मंचों पर चीन को बॉयकॉट करने की मुहिम चल रही है। इससे पहले कोविड-19 के परिणामस्वरूप जब देश की अर्थव्यवस्था पर वैश्वीकरण के दुष्प्रभाव सामने आने लगे थे तो प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत का मंत्र दिया था।
उपन्यास सम्राट “मुंशी प्रेमचन्द
हिन्दी कथा-साहित्य को चमत्कारिक कहावियों के झुरमुट से निकालकर जीवव के यथार्थ की ओर मोड़कर ले जानेवाले महाव साहित्यकार थे मुंशी प्रेमचंद। प्रेमचंद व केवल भारत, बल्कि दुनियाभर के विख्यात और सबसे अधिक पसंद किए जाने वाले रचनाकारों में से एक हैं। प्रेमचंद की कथानक के वायक सामान्य मनुष्य होते हैं। उनकी कहानियों में जव सामान्य की समस्याओं और जीवन के उतार-चढ़ाव को दिखाया गया है।
छत्तीसगढ़ भी आए थे भगवान बुद्ध
छत्तीसगढ़ भी आए थे भगवान बुद्ध
चीन और मलेशिया के बीच दक्षिण चीन सागर में पनपता टकराव
दुनिया इस समय वुहान से निकले जानलेवा कोविड-19 वायरस से निपटने में जुटी है और चीन दक्षिण चीन सागर पर कब्जा करने की अपनी खतरनाक नीति को पूरी बेशर्मी से आगे बढ़ा रहा है।
गुरु अर्जुन देव
बलिदान दिवस पर विशेष:
कोरोना संकट - से उभरती विश्व व्यवस्था में भारत की भूमिका
दुनिया तीन के चीन के शहर वुहान की गतिविधियां सामान्य पटरी पर लौटती देख रही है। इसे सरल शब्दों में एक विडम्बना ही कहा जाएगा कि दुनिया में जहां सबसे पहले कोरोना का आविर्भाव हुआ वह देश लॉकडाउन और बंदिशों से मुक्त हो गया तो दुनिया के ज्यादातर देशों को अपने यहां लॉकडाउन सहित, आपातकाल, कड़े कानूनों सहित बंदिशों को सख्त करना पड़ रहा है।
"परिवार" मनुष्य की प्रथम पाठशाला
परिवार मनुष्य की प्रथम पाठशाला है, यह एक ऐसी सामाजिक संस्था है जो सदस्यों के प्रेम, स्नेह एवं भाईचारा पूर्वक निर्वाहन करते हुए उनके आपसी सहयोग व समन्वय से क्रियान्वित होती है।
योग का अनुष्का
21 जून, 2020 को सम्पूर्ण विश्व छठवां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाएगा। भारत के आग्रह पर 2015 से प्रारंभ इस अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम में विश्व के लगभग सभी देश उत्साह से सहभागी हुए हैं और प्रतिवर्ष उनकी सहभागिता और उत्साह में निरंतर वृद्धि ही होती रही है। किन्तु इस वर्ष का अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस विशेष होगा।
चीन की छह गलतियाँ दुनिया को ले बैठी
अगर चीन ने कोरोना वायरस के फैलते ही, यानी कि दिसंबर 2019 के शुरू में ही, जरूरी ऐहतियाती कदम उठा लिए होते और दुनिया को भी बता दिया होता तो इससे होने वाला 95 फीसदी नुकसान रोका जा सकता था।
संकट से सबक
कोरोना का तांडव विश्व के १८० देशों में चल रहा है। अप्रेल अंत तक विश्व में लगभग ३० लाख कोरोना ग्रस्त हैं और २ लाख से अधिक मौतें हो चुकी हैं।
पूरी दुनिया का मददगार बना भारत
कोरोना से लड़ाई में मदद करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, ब्राजील के राष्ट्रपति बोल्सोनारों के अलावा स्पेन और ऑस्ट्रेलिया समेत दुनिया के कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष दिल खोल कर भारत की तारीफ कर रहे हैं।
हिन्दुत्व प्रचारक : स्वामी विवेकानन्द
राष्ट्रीय चेतना के अग्रदूत, अद्वैत-वेदान्त के अनुयायी, कर्मयोगी, समाज-सुधारक स्वामी विवेकानन्द का जन्म १२ जनवरी १८६५ में कोलकाता के संभ्रान्त दत्त परिवार में हुआ था। जन्म से आपका नाम नरेन्द्रनाथ था।
महावीर - कालजयी और सार्वभौम महापुरुष
प्रत्येक वर्ष भगवान महावीर की जन्म-जयन्ती हम मनाते हैं। समस्त विश्व में जैन समाज और अन्य अहिंसा प्रेमी व्यक्तियों द्वारा बड़े हर्ष और उल्लास के साथ उनकी जयंती मनाई जाती है। उस दिन भगवान महावीर की शिक्षाओं पर गोष्ठियां होती हैं, भाषण होते हैं और कई प्रकार के कार्यक्रम आयोजित होते हैं।
शबरी ने यहाँ खिलाए थे भगवान श्रीराम को बेर
शबरी ने यहाँ खिलाए थे भगवान श्रीराम को बेर
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर
गोस्वामी तुलसीदासजी ने जब हनुमान चालीसा की रचना की तो बजरंग बलि का वर्णन "ज्ञान गुन सागर" कहकर किया। ज्ञान और गुण जिनके भीतर “महासागर" की भांति विद्यमान है वही “महावीर हनुमान" हैं। गोस्वामीजी ने आखिर ज्ञान और गुणों का महासागर हनुमानजी को ही क्यों कहा, हम इस पर ही विचार करेंगे।
डॉ. आम्बेडकर का राष्ट्रवाद
भारतीय संविधान के निर्माता कहे जाने वाले डॉ. भीमराव आम्बेडकर के बारे में बहुत सी भ्रातियां हैं, जैसे वह सवर्ण हिन्दुओं के विरोधी थे, वह मात्र अनुसूचित जातियों के बारे में सोचते थे और उनकी ही चिंता करते थे, पर सच्चाई इससे कोसों दूर है, असलियत यह है कि उन्होंने स्वतः कहा था कि मैं ब्राह्मण जाति के खिलाफ नहीं हूं बल्कि उस मानसिकता के विरुद्ध हूं, जो विषमता एवं भेदभाव की पक्षधर है। इसीलिए वह जाति को राष्ट्र-विरोधी मानते थे, वह जाति को मिटाना चाहते थे।