विश्वव्यापी दीपोत्सव!
Jyotish Sagar|November 2023
दीपोत्सव किसी न किसी रूप में सारे विश्व में अलग-अलग नाम और रूपों में मनाया जाता रहा है। यूनान के प्रसिद्ध कवि होमर ने अपने महाकाव्यों 'ओडेसी' एवं 'इलियट' में स्थान-स्थान पर दीपोत्सव का वर्णन किया है। ईसा से पाँचवीं शताब्दी पूर्व मिस्र (इजिप्ट) एवं यूनान के मन्दिरों में मिट्टी एवं धातु के दीपकों को प्रज्वलित किया जाता था।
डॉ. श्याम मनोहर व्यास
विश्वव्यापी दीपोत्सव!

कवि हेरी डोट्स ने अपने ग्रन्थ में मिस्र के ‘लचनोकी' अर्थात् दीपोत्सव मनाने का वर्णन है। मेसोपोटामिया की असुर सभ्यता के प्राचीन अवशेषों में प्राचीन काल के मिट्टी के दीपक प्राप्त हुए हैं। उनमें से कुछ ऐसे भी थे, जिन्हें झीलों के किनारे रहने वाले लोग उपयोग में लेते थे। यूनान में धन की देवी 'डायना' की पूजा यूनानवासी दीपक जलाकर करते थे। जनवरी के प्रथम सप्ताह में दीपोत्सव के साथ इसकी पूजा आरम्भ की जाती थी। 

यूनान में पहले मोमबत्तियाँ पशुओं की चर्बी से बनाई जाती थीं, परन्तु 12वीं सदी के पश्चात् मोमबत्तियाँ मोम से बनाई जाने लगीं। यहूदी 'हनोका' नामक एक त्योहार मनाते हैं, जो शीत ऋतु में 21-22 दिसम्बर को पड़ता है।

विभिन्न देशों में दीपोत्सव

Denne historien er fra November 2023-utgaven av Jyotish Sagar.

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September 2024
सेतुबन्ध और श्रीरामेश्वर धाम की स्थापना
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