
सन् 2010 में अमेरिका सहित कई यूरोपीय देशों की सरकारों को हिला देने वाले जूलियन असांज लगभग 12 साल बाद रिहा हुए हैं। ऑस्ट्रेलिया मूल के संपादक, प्रकाशक एवं एक्टिविस्ट असांज ने 2010 में अमेरिकी सरकार के अफगानिस्तान और ईराक युद्ध के गोपनीय दस्तावेज चेल्सी मेननिंग से लेकर अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित कर दिए। इससे पूरे विश्व में तहलका मच गया।
बाद में उन्होंने अपनी संस्था 'विकीलीक्स' के माध्यम से दुनिया के कई देशों के गोपनीय दस्तावेजों को जब जनता के समक्ष रखा, तो उन देशों की सरकारें एक प्रकार से उनकी दुश्मन बन गयीं। दूसरी ओर वे आम जनता में अत्यधिक लोकप्रिय हुए और उन्होंने खोजी पत्रकारिता के क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित किए। इसी के चलते असांज को कई पत्रकारिता पुरस्कारों से नवाजा भी गया।
सन् 2010 में स्वीडन ने यौन दुष्कर्म के आरोप के लिए असांज के विरुद्ध वारण्ट जारी किया गया। अन्ततः असांज ने जून, 2012 में लंदन में इक्वेडर के दूतावास में शरण ली। दूतावास के दो कमरों के फ्लैट में सात साल गुजारने के बाद अन्तराष्ट्रीय दबाव के चलते इक्वेडर ने अपनी शरण वापस ले ली और उन्हें ब्रिटिश पुलिस ने जमानत अधिनियम के उल्लंघन के अपराध में अप्रैल, 2019 में जेल भेज दिया।
अमेरिकी कोर्ट में अपनी गलती मानने और चेल्सी मेननिंग से प्राप्त अमेरिकी सेना के गोपनीय दस्तावेजों को नष्ट करने की शर्त पर कोर्ट के आदेश से उन्हें 25 जून, 2024 को जेल से रिहा कर दिया गया। यह रिहाई पत्रकारिता एवं मानवाधिकारों की दृष्टि महत्त्वपूर्ण मानी जा रही है।
Denne historien er fra August 2024-utgaven av Jyotish Sagar.
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केकड़ी के अष्टमुखी शिवलिंग
शिवलिंग का वृत्ताकार ऊर्ध्वभाग ब्रह्माण्ड का द्योतक माना जाता है। इस मन्दिर में पशुपतिनाथ के साथ उनके परिवार (शिव परिवार) की सुन्दर एवं वृहद् प्रतिमाओं को भी स्थापित किया गया है।

मिथुन लग्न के नवम भाव में स्थित - गुरु एवं शुक्र के फल
प्रस्तुत लेखमाला \"कैसे करें सटीक फलादेश?\" के अन्तर्गत मिथुन लग्न के नवम भाव में स्थित सूर्यादि नवग्रहों के फलों का विवेचन किया जा रहा है, जिसमें अभी तक सूर्य से बुध तक के फलों का विवेचन किया जा चुका है। उसी क्रम में प्रस्तुत आलेख में गुरु एवं शुक्र के नवम भाव में राशिगत, भावगत, नक्षत्रगत, युतिजन्य व दृष्टिजन्य फलों का विवेचन कर रहे हैं।

उत्तर दिशा का महत्त्व और उसके गुण-दोष
उत्तर दिशा के ऊँचा होने या उत्तर दिशा में किसी भी प्रकार का वजन होने पर अथवा वहाँ पर पृथ्वी तत्त्व आने पर जलतत्त्व की खराबी हो जाती है।

इतिहास के झरोखे से प्रयागराज महाकुम्भ
इटली का निकोलाई मनुची 1656 से 1717 में अपनी मृत्यु पर्यन्त भारत में ही रहा और मुगलों सहित विभिन्न सेनाओं में सेनानायक के रूप में रहा।

'कश्मीर' पूर्व में था 'कश्यपमीर'!
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में दिल्ली में एक किताब के विमोचन कार्यक्रम में कहा था कि 'कश्मीर' को 'कश्यप की भूमि' के नाम से जाना जाता है।

क्यों सफल नहीं हो पा रही है गुजरात की 'गिफ्ट सिटी' एक वास्तु विश्लेषण
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त्रिक भाव रहस्य - षष्ठ भाव और अभिवृद्धि
षष्ठ भाव एक ओर तो हमें विभिन्न प्रकार के रोगों और शत्रुओं से लड़ने की क्षमता प्रदान करता है, वहीं दूसरी ओर ऋण अर्थात् कर्ज के लेन-देन के विषय में ताकतवर बनाता है।

लोककल्याणकारी देवता शिव
देवाधिदेव शिव लोककल्याणकारी देवता हैं। शिव अनादि एवं अनन्त हैं। शिव शक्ति का ही आदिरूप त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु एवं महेश में शिव को जहाँ संहार देवता माना है, वहाँ उनका आशुतोष रूप है अर्थात् शीघ्र प्रसन्न होने वाले देव।

प्रयागराज महाकुम्भ का शुभारम्भ - रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालुओं ने किया संगम स्नान
प्रयागराज महाकुम्भ, 2025 ने 13 जनवरी (पौष पूर्णिमा) को अपने शुभारम्भ से ही एक नए इतिहास की रचना की ओर कदम बढ़ा दिए हैं। यह महाकुम्भ अपने प्रत्येक आयोजन में नया इतिहास रचता है।

रात्रि जागरण एवं चार प्रहर पूजा - 26 फरवरी, 2025 (बुधवार)
नकेवल शैव धर्मावलम्बियों के लिए, वरन् समस्त सनातनधर्मियों के लिए 'महाशिवरात्रि' एक बड़ा पर्व है। इस पर्व के तीन स्तम्भ हैं: 1. उपवास, 2. रात्रि जागरण, 3. भगवान् शिव का पूजन एवं अभिषेक।