दैवी सहायता उन्हें प्राप्त होती है जो अपनी पात्रता विकसित करते हैं । गुरु की सहायता, ईश्वर की सहायता वहीं टिकती है जो अपने को थोड़ा कसते हैं, पात्रता विकसित करते हैं।
संत ज्ञानेश्वर महाराज अपनी कथा में बता रहे थे कि "बड़े-बड़े अनुदान बिना योग्यता के नहीं मिलते हैं। इसीलिए अपने-आपका उद्धार करना चाहिए, अपनी योग्यता विकसित करनी चाहिए।”
एक बड़े घराने की माई ने कथा पूरी होने के बाद कहा : ‘‘महाराज ! ईश्वर तो ईश्वर है । क्या योग्यता, क्या अयोग्यता देखेगा ? सब ईश्वर के बच्चे हैं, ईश्वर तो खुले हाथ बाँटेगा । योग्यता देखना – न देखना ईश्वर के लिए क्या मायने रखता है!”
ज्ञानेश्वरजी ने कहा : ‘‘अच्छा!"
माई बोली : "हम धनी लोग भी जब योग्यताअयोग्यता नहीं देखते हैं, ऐसे ही लुटाते हैं तो ईश्वर तो धनियों का धनी है। ईश्वर तो लुटाये, वह क्यों योग्यता देखे?"
ज्ञानेश्वरजी ने देखा कि यह माई उपदेश से नहीं समझेगी, प्रत्यक्ष प्रयोग करना पड़ेगा।
Denne historien er fra August 2022-utgaven av Rishi Prasad Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent ? Logg på
Denne historien er fra August 2022-utgaven av Rishi Prasad Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent? Logg på
रूहानी सौदागर संत-फकीर
१५ नवम्बर को गुरु नानकजी की जयंती है। इस अवसर पर पूज्य बापूजी के सत्संग-वचनामृत से हम जानेंगे कि नानकजी जैसे सच्चे सौदागर (ब्रहाज्ञानी महापुरुष) समाज से क्या लेकर समाज को क्या देना चाहते हैं:
पितरों को सद्गति देनेवाला तथा आयु, आरोग्य व मोक्ष प्रदायक व्रत
एकादशी माहात्म्य - मोक्षदा एकादशी पर विशेष
ऐसी कल्पना आपका कल्याण कर देगी
बाबा कृष्ण बन जाते हैं, कृष्ण बाबा बन जाते हैं।
विलक्षण न्याय
विद्यार्थी संस्कार - पढ़िये-पढ़ाइये यह शिक्षाप्रद कथा
पूज्य बापूजी की रिहाई ही देश को विश्वगुरु बना सकती है
श्री अशोक सिंहलजी की जयंती पर हुए विशेष चर्चासत्र के कुछ अंश
गोपाष्टमी पर क्यों किया जाता है गायों का आदर-पूजन?
९ नवम्बर : गोपाष्टमी पर विशेष
कर्म करने से सिद्धि अवश्य मिलती है
गतासूनगतासुंश्च नानुशोचन्ति पण्डिताः ॥
अपने ज्ञानदाता गुरुदेव के प्रति कैसा अद्भुत प्रेम!
(गतांक के 'साध्वी रेखा बहन द्वारा बताये गये पूज्य बापूजी के संस्मरण' का शेष)
समर्थ साँईं लीलाशाहजी की अद्भुत लीला
साँईं श्री लीलाशाहजी महाराज के महानिर्वाण दिवस पर विशेष
धर्मांतरणग्रस्त क्षेत्रों में की गयी स्वधर्म के प्रति जागृति
ऋषि प्रसाद प्रतिनिधि।