एक दिन आनंद ने कहा : "यह आप क्या कहते हैं भंते! ये आपके लिए आते हैं, आपको ही सुनते हैं।"
बुद्ध बोले : "मैं दिखाऊँगा।"
अगले दिन सत्संग पूरा हुआ और बुद्ध किसी पीछे के रास्ते से आगे जाकर सत्संगियों की राह में खड़े हो गये। एक वेश्या सत्संग से लौट रही थी तो बुद्ध ने आनंद को कहा "इससे पूछो कि तुमको : कौन-सी बात अच्छी लगी।"
आनंद ने पूछा तो वेश्या बोली : ‘“बुद्ध अंतर्यामी हैं, सचमुच भगवान हैं। वे बोल रहे थे कि 'जाओ, समय बीता जा रहा है। समय किसीका इंतजार नहीं करता, दिया हुआ वचन निभाओ।' मुझे यह बात बहुत अच्छी लगी। मैं भी अपने यार को वचन दे आयी थी। समय बीता जा रहा है, मैं जाती हूँ उसके पास।”
आनंद ने दूसरे व्यक्ति से पूछा : "आपको भंते की कौन-सी बात बढ़िया लगी?”
बोले : "समय किसीका इंतजार नहीं करता है। जो काम जिस समय करना है उसी समय कर डालना चाहिए। समय बीत गया तो फिर पछताना पड़ता है। यह बात अच्छी लगी। मैंने साथियों के साथ योजना बनायी थी कि फलानी-फलानी जगह पर यह षड्यंत्र करना है। अगर देर हो गयी तो हो सकता है हम विफल हो जायें। बुद्ध भगवान ने मुझे विफल न होने के लिए प्रेरित कर दिया।”
एक जिज्ञासु जा रहा था, उससे पूछा : “तुम्हें क्या अच्छा लगा था?"
Denne historien er fra June 2024-utgaven av Rishi Prasad Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent ? Logg på
Denne historien er fra June 2024-utgaven av Rishi Prasad Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent? Logg på
रूहानी सौदागर संत-फकीर
१५ नवम्बर को गुरु नानकजी की जयंती है। इस अवसर पर पूज्य बापूजी के सत्संग-वचनामृत से हम जानेंगे कि नानकजी जैसे सच्चे सौदागर (ब्रहाज्ञानी महापुरुष) समाज से क्या लेकर समाज को क्या देना चाहते हैं:
पितरों को सद्गति देनेवाला तथा आयु, आरोग्य व मोक्ष प्रदायक व्रत
एकादशी माहात्म्य - मोक्षदा एकादशी पर विशेष
ऐसी कल्पना आपका कल्याण कर देगी
बाबा कृष्ण बन जाते हैं, कृष्ण बाबा बन जाते हैं।
विलक्षण न्याय
विद्यार्थी संस्कार - पढ़िये-पढ़ाइये यह शिक्षाप्रद कथा
पूज्य बापूजी की रिहाई ही देश को विश्वगुरु बना सकती है
श्री अशोक सिंहलजी की जयंती पर हुए विशेष चर्चासत्र के कुछ अंश
गोपाष्टमी पर क्यों किया जाता है गायों का आदर-पूजन?
९ नवम्बर : गोपाष्टमी पर विशेष
कर्म करने से सिद्धि अवश्य मिलती है
गतासूनगतासुंश्च नानुशोचन्ति पण्डिताः ॥
अपने ज्ञानदाता गुरुदेव के प्रति कैसा अद्भुत प्रेम!
(गतांक के 'साध्वी रेखा बहन द्वारा बताये गये पूज्य बापूजी के संस्मरण' का शेष)
समर्थ साँईं लीलाशाहजी की अद्भुत लीला
साँईं श्री लीलाशाहजी महाराज के महानिर्वाण दिवस पर विशेष
धर्मांतरणग्रस्त क्षेत्रों में की गयी स्वधर्म के प्रति जागृति
ऋषि प्रसाद प्रतिनिधि।