“पादपश्चिमोत्तानासन ईश्वर का आशीर्वादरूप है। यह आसन भगवान शिवजी को प्रिय है। यह जरा कठिनता से होता है इसलिए इसका दूसरा नाम उग्रासन है। शिव संहिता में इस आसन का भगवान शंकर ने प्रचार किया था, बाद में गोरखनाथजी ने प्रचार किया और अभी हम लोग कर रहे हैं।
मैं घर में था तो २२ साल की उम्र में मुझे बहुत बीमारियाँ थीं, पेट का दर्द तो बचपन से ही रहता था फिर अपेंडिसाइटिस (आंत्रपुच्छ शोथ) की तकलीफ हो गयी। उसे ठीक करने के लिए ऑपरेशनI सिवाय कोई चारा नहीं था। फिर उन्हीं दिनों में हम घर छोड़कर गुरुजी के पास ईश्वरप्राप्ति के लिए गये। गुरुजी ने पादपश्चिमोत्तानासन बताया। वह किया तो अपेंडिसाइटिस ठीक हो गया, अभी तक वह तकलीफ नहीं हुई और पेट कभी दुखा तो आसन-वासन करके टनाटन हो गये। यह साधकों को जरूर करना चाहिए - भगवान चाहिए तब भी, संसार में तंदुरुस्त रहना है तब भी।
Denne historien er fra September 2024-utgaven av Rishi Prasad Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent ? Logg på
Denne historien er fra September 2024-utgaven av Rishi Prasad Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent? Logg på
रूहानी सौदागर संत-फकीर
१५ नवम्बर को गुरु नानकजी की जयंती है। इस अवसर पर पूज्य बापूजी के सत्संग-वचनामृत से हम जानेंगे कि नानकजी जैसे सच्चे सौदागर (ब्रहाज्ञानी महापुरुष) समाज से क्या लेकर समाज को क्या देना चाहते हैं:
पितरों को सद्गति देनेवाला तथा आयु, आरोग्य व मोक्ष प्रदायक व्रत
एकादशी माहात्म्य - मोक्षदा एकादशी पर विशेष
ऐसी कल्पना आपका कल्याण कर देगी
बाबा कृष्ण बन जाते हैं, कृष्ण बाबा बन जाते हैं।
विलक्षण न्याय
विद्यार्थी संस्कार - पढ़िये-पढ़ाइये यह शिक्षाप्रद कथा
पूज्य बापूजी की रिहाई ही देश को विश्वगुरु बना सकती है
श्री अशोक सिंहलजी की जयंती पर हुए विशेष चर्चासत्र के कुछ अंश
गोपाष्टमी पर क्यों किया जाता है गायों का आदर-पूजन?
९ नवम्बर : गोपाष्टमी पर विशेष
कर्म करने से सिद्धि अवश्य मिलती है
गतासूनगतासुंश्च नानुशोचन्ति पण्डिताः ॥
अपने ज्ञानदाता गुरुदेव के प्रति कैसा अद्भुत प्रेम!
(गतांक के 'साध्वी रेखा बहन द्वारा बताये गये पूज्य बापूजी के संस्मरण' का शेष)
समर्थ साँईं लीलाशाहजी की अद्भुत लीला
साँईं श्री लीलाशाहजी महाराज के महानिर्वाण दिवस पर विशेष
धर्मांतरणग्रस्त क्षेत्रों में की गयी स्वधर्म के प्रति जागृति
ऋषि प्रसाद प्रतिनिधि।