आप भी तो नहीं करते ब्रेकफास्ट मिस्टेक्स
Grihshobha - Hindi|July Second 2022
खुद को ज्यादा पतला करने के चक्कर में ब्रेकफास्ट को स्किप कर सिर्फ लंच करना पसंद करते हैं, तो इस के साइड इफैक्ट्स भी जान लीजिए...
पारुल भटनागर
आप भी तो नहीं करते ब्रेकफास्ट मिस्टेक्स

'ब्रेकफास्ट लाइक द किंग,' 'लंच लाइक द प्रिंस' और 'डिनर लाइक द पौपर ' यह कहावत तो आप ने सुनी ही होगी. इस कहावत को पढ़ कर आप समझ ही गई होंगी कि ब्रेकफास्ट हमारे मील का कितना अहम पार्ट होता है, तभी तो न्यूट्रिशनिस्ट 'ब्रेकफास्ट लाइक द किंग' की सलाह देते हैं क्योंकि रात के लंबे ब्रेक के बाद सुबह ब्रेकफास्ट हमारे शरीर को ग्लूकोस प्रदान करने का काम करता है, जिस से हमारे शरीर में ऐनर्जी बूस्ट होती है.

मगर इतना सब जानने के बाद भी कई बार हम अपने खराब लाइफस्टाइल की वजह से ब्रेकफास्ट को ही स्किप कर देते हैं और सीधा लंच करने के औप्शन को ही चूज करते हैं, तो कई बार जानकारी के अभाव में हम खुद को ज्यादा पतला करने के चक्कर में ब्रेकफास्ट को ही स्किप कर देते हैं, जो हमारे मैटाबोलिज्म को और स्लो बना कर हमारे शरीर को फुलाने का काम करता है, तो कई बार हम रोजाना ब्रेकफास्ट तो करते हैं, लेकिन हैल्दी नहीं, जिस से न तो हमारे शरीर को प्रौपर न्यूट्रिशंस मिल पाते हैं और खुद को पूरा दिन थकाथका महसूस करते हैं, जो हमारी ओवरऔल प्रोडक्टिविटी को कम करने का काम करता है.

ऐसे में हमारे लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि हम अकसर ब्रेकफास्ट के साथ ऐसी कौन सी गलतियां करते हैं, जो हम पर भारी पड़ सकती हैं:

स्किप द ब्रेकफास्ट

लेट नाइट डिनर करने की हैबिट और वह भी हाई कैलोरीज डिनर, जिस कारण से अकसर ब्रेकफास्ट यह सोच कर स्किप कर देना कि इस से हम अपनी रात को ली कैलोरीज को कंट्रोल कर पाएंगे, जबकि ऐसी सोच बिलकुल गलत है क्योंकि रात की लंबी फास्टिंग के बाद सुबह का ब्रेकफास्ट हमारे मैटाबोलिज्म को बूस्ट कर के हमारे वजन को कंट्रोल तो रखता ही है, साथ ही हमारे ग्लूकोस लैवल को कंट्रोल रख कर हमें पूरा दिन स्ट्रैस से भी दूर रखने में मदद करता है. लेकिन यह गलती न सिर्फ हमारे मैटाबोलिज्म पर भारी पड़ती है, साथ ही इस के कारण ब्लड कोलैस्ट्रौल, दिल की बीमारी व टाइप 2 डायबिटीज का खतरा भी काफी ज्यादा बढ़ जाता है. इसलिए ब्रेकफास्ट को स्किप करने की भूल बिलकुल न करें और जो भी ब्रेकफास्ट करें वह हाई प्रोटीन, फाइबर से भरपूर हो.

Denne historien er fra July Second 2022-utgaven av Grihshobha - Hindi.

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