75 सालों में कितना बदला महिलाओं का जीवन
Grihshobha - Hindi|August First 2022
भारत को आजाद हुए 7 दशक से अधिक हो गए. इन दशकों में परिस्थितियां जरूर बदली हैं, हमारे सोचनेसमझने का दायरा भी बदला है. मगर सवाल एक ही कि इस दौरान महिलाओं का जीवन कितना बदला है...
गरिमा पंकज
75 सालों में कितना बदला महिलाओं का जीवन

हाल ही में मेक इन इंडिया के तहत बनी नौका तारिणी में सवार हो कर 6 महिला अफसरों ने एक साहसिक अभियान को अंजाम दिया. वह 19 सितंबर, 2017 का दिन था जब ऐश्वर्या, एस विजया, वर्तिका जोशी, प्रतिभा जम्वाल, पी स्वाति और पायल गुप्ता ने आईएनएस तारिणी पर अपना सफर शुरू किया. 19 मई, 2018 को वे 21,600 नाटिकल माइल्स यानी 216 हजार समुद्री मील की दूरी तय कर के वापस आई थीं. इस अभियान में लगभग 254 दिनों का समय लगा और इसी के साथ ही इन 6 नेवी महिला अफसरों ने अपने नाम को इतिहास के पन्नों में भी दर्ज करा लिया.

21 मई, 2018 को वे आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, पोलैंड और साउथ अफ्रीका होते हुए गोवा पहुंचीं. उन के सामने भी उतनी ही चुनौतियां थीं जितनी पुरुषों के सामने आती हैं, लेकिन उन्होंने उस का डट कर मुकाबला किया और सफलता पाई.

ये है आज की नारी की बदली हुई छवि यानी खुद आगे बढ़ कर जोखिमों का सामना करने वाली महिलाएं. यह प्रगति चाहे 1947 की आजादी की देन है या विश्व में होते हुए बदलाव की, बहुत सुखद है और इसे 75वें साल की सालगिरह पर याद करना एक अच्छी बात है.

भारत को आजाद हुए 75 वर्ष हो गए हैं. आजादी के 7 से ज्यादा दशकों के सफर में देश की महिलाओं का जीवन काफी बदला है. उन की स्थिति में सुधार हुआ है. उन्हें कई अधिकार मिले हैं, उन्होंने कई बंधनों से मुक्ति पाई है, कई तरह के अधिकारों की लड़ाई लड़ी है, कई जगह सफलता के परचम लहराए हैं और कई क्षेत्रों में पुरुषों से बाजी मारी है. मगर इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि कई मानों में उन की जिंदगी आज भी पारंपरिक यातनाओं का दंश झेल रही है. आज भी उन्हें दोयम दर्जा प्राप्त है, आज भी उन का शारीरिक शोषण हो रहा है और आज भी उन की मुट्ठी खाली ही है.

आइए, देखते हैं इन 75 सालों में महिलाओं की जिंदगी में किस तरह के बदलाव आए हैं.

Denne historien er fra August First 2022-utgaven av Grihshobha - Hindi.

Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.

Denne historien er fra August First 2022-utgaven av Grihshobha - Hindi.

Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.

FLERE HISTORIER FRA GRIHSHOBHA - HINDISe alt
स्ट्रैंथ ट्रेनिंग क्यों जरूरी
Grihshobha - Hindi

स्ट्रैंथ ट्रेनिंग क्यों जरूरी

इस ढकोसलेबाजी को क्यों बंद किया जाए कि जिम जाना या वजन उठाना महिलाओं का काम नहीं.....

time-read
5 mins  |
November Second 2024
लड़कियों को लुभा रहा फोटोग्राफी कैरियर
Grihshobha - Hindi

लड़कियों को लुभा रहा फोटोग्राफी कैरियर

फोटोग्राफी के क्षेत्र में पहले केवल पुरुषों का अधिकार था, लेकिन अब इस क्षेत्र में लड़कियां भी बाजी मारने लगी हैं....

time-read
5 mins  |
November Second 2024
समय की मांग है डिजिटल डिटौक्स
Grihshobha - Hindi

समय की मांग है डिजिटल डिटौक्स

शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ और खुशहाल रहने के लिए बौडी डिटोक्स के साथ डिजिटल डिटौक्स भी जरूरी है....

time-read
2 mins  |
November Second 2024
पीरियडस क्या खाएं क्यो नहीं
Grihshobha - Hindi

पीरियडस क्या खाएं क्यो नहीं

मासिकधर्म के दौरान क्या खाना सही रहता है और क्या गलत, यहां जानिए...

time-read
3 mins  |
November Second 2024
पतिपत्नी रिश्ते में जरूरी है स्पेस
Grihshobha - Hindi

पतिपत्नी रिश्ते में जरूरी है स्पेस

जरूरत से ज्यादा रोकटोक रिश्ते की मजबूती को बिगाड़ सकती है. ऐसे में क्या करें कि ताउम्र खुशहाल रहें....

time-read
5 mins  |
November Second 2024
औफिस के पहले दिन ऐसे करें तैयारी
Grihshobha - Hindi

औफिस के पहले दिन ऐसे करें तैयारी

औफिस में पहला दिन है, जानें कुछ जरूरी बातें....

time-read
3 mins  |
November Second 2024
क्या है अटेंशन डेफिसिट हाइपर ऐक्टिविटी डिसऑर्डर
Grihshobha - Hindi

क्या है अटेंशन डेफिसिट हाइपर ऐक्टिविटी डिसऑर्डर

क्या आप का बच्चा जिद्दी है, बातबात पर तोड़फोड़ करता है और खुद को नुकसान पहुंचा लेता है, तो जानिए वजह और निदान....

time-read
4 mins  |
November Second 2024
जब मन हो मंचिंग का
Grihshobha - Hindi

जब मन हो मंचिंग का

फ़ूड रेसिपीज

time-read
4 mins  |
November Second 2024
सेल सस्ती शौपिंग न पड़ जाए महंगी
Grihshobha - Hindi

सेल सस्ती शौपिंग न पड़ जाए महंगी

अगर आप भी सस्ते के चक्कर में खरीदारी करने का शौक रखते हैं, तो यह जानकारी आप के लिए ही है....

time-read
3 mins  |
November Second 2024
डाइट के लिए बैस्ट है पिस्ता
Grihshobha - Hindi

डाइट के लिए बैस्ट है पिस्ता

पिस्ता सिर्फ एक गार्निश नहीं, एक न्यूट्रिशन पावरहाउस है....

time-read
2 mins  |
November Second 2024