कहीं सेहत तो नहीं बिगाड़ रही लाइटिंग
Grihshobha - Hindi|August Second 2022
घर में रोशनी की खराब व्यवस्था का आप के स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ता है, एक बार जानिए जरूर...
पारुल भटनागर 
कहीं सेहत तो नहीं बिगाड़ रही लाइटिंग

क्या आप अपने घर में सुस्ती और थकान के बजाय खुशी और सकारात्मकता महसूस करना चाहते हैं? क्या हमारी रोजमर्रा की लाइफ में लाइट महत्त्वपूर्ण है? क्या हमें अपने घर में उचित लाइट अरेंजमैंट करना चाहिए? अगर हां तो क्यों?

आइए, जानते हैं इस संबंध में सीईओ ऐंड फाउंडिंग पार्टनर, लाइट डाक्टर प्राची लाड से:

घर के किसी कोने में जब आप भरपूर सकारात्मकता ऊर्जा महसूस करते हैं तो आप का हैं मूड अच्छा और आप खुद को रिफ्रैश भी महसूस करते हैं. तब मन में यह प्रश्न आना स्वाभाविक है कि ऐसा क्यों होता है ? जब आप समझ नहीं पाते तब आप इस अनुभव को 'सकारात्मक ऊर्जा से जोड़ देते हैं. लेकिन अब जब अगली बार आप ऐसा अनुभव करें तो कमरों की रोशनी के प्रकार का निरीक्षण जरूर करें.

अच्छे और बुरे प्रकाश का प्रभाव

हम सभी जानते हैं कि अपर्याप्त लाइट में देखने की कोशिश करने का मतलब है आंखों पर तनाव डालना और वहीं लाइट की अधिकता आंखों को नुकसान पहुंचा कर दृष्टिहीन कर सकती है. दोनों ही स्थितियां हमारी नजर को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करती हैं और यदि इस तरह का दोषपूर्ण लाइट अरेंजमैंट डिजाइन घरों में लंबे समय तक बना रहता है, तो यह हमारी हैल्थ के लिए कभी न भरपाई करने वाला कारण बन सकता है. यही कारण है कि हमारे घर व वर्क एरिया में प्रौपर लाइट की आवश्यकता होती है.

एक घर में लाइट की कितनी आवश्यकता

Denne historien er fra August Second 2022-utgaven av Grihshobha - Hindi.

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