अमेरिका के 'फैडरल ब्यूरो औफ इन्वैस्टिगेशन' (एफबीआई) द्वारा 20 साल बाद ढूंढ़ निकाले गए एक बलात्कारी को कैस्ट्रेशन की सजा देने से इनकार करते हुए अमेरिका की संघीय अदालत के जज ने लिखा है कि कैस्ट्रेशन बलात्कार की समस्या से मुक्ति का वैज्ञानिक रास्ता नहीं है क्योंकि कैस्ट्रेशन से बलात्कार की चाहत खत्म नहीं होती और बलात्कार एक्ट से ज्यादा इंस्टिक्ट है यानी यह हरकत से ज्यादा प्रवृत्ति है.
हमारे यहां बीभत्स बलात्कार कांड के बाद एक बड़े तबके द्वारा बलात्कारियों को कैस्ट्रेशन की सजा देने की मांग उठाई जाती है और अखबारों में नए व पुराने हवालों के साथ इस संबंध में एक राय बनाने की कोशिश दिखती है तब भी जस्टिम वर्मा समिति ने अपनी इस सलाह रिपोर्ट में इस प्रावधान को शामिल नहीं किया, जिस की बीना पर बलात्कारों को रोकने के लिए सख्त कानून बनाया जाता है.
मनोवैज्ञानिक इस बात को तार्किक ढंग से सिद्ध कर चुके हैं कि बलात्कार एक मानसिक उन्माद है. यह ताकतवर सैक्स गतिविधि के रूप में भले देखा और जाना जाता हो, मगर वास्तव में यह एक मानसिक गुस्सा और मानसिक भूख है. यही वजह है कि बलात्कार करने वालों के बारे में जो खुलासे होते हैं, उन में तमाम खुलासे ऐसे होते हैं जो पहली नजर में हैरान करते हैं.
सीरियल बलात्कारी का खौफ
1997-98 में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में एक सीरियल बलात्कारी का खौफ था जो छोटीछोटी बच्चियों के साथ बलात्कार कर के उन्हें अकसर बीभत्स तरीके से मौत के घाट उतार देता था. जब यह मानसिक रूप से विकृत बलात्कारी हरियाणा के बहादुरगढ़ में पकड़ा गया तो पता चला कि वह नपुंसक है. उस को ले कर पता चला कि उस के अंदर की कुंठा हताशा और हीनभावना को ही व्यक्त करती थी. दरअसल, वह हर बार यह परखने की कोशिश करता था कि उस के लिए सैक्स संबंध बना पाना संभव है या नहीं और जब असफल होता था तो छोटी बच्यिों की भी हत्या कर देता था.
नोएडा के सनसनीखेज निठारी हत्याकांड में भी कोली के बारे में यही हकीकत सामने आई थी. कहा जाता है वह भी यौन क्षमता से रहित और इसी कुंठा में अपने मालिक के साथ मिल कर छोटे बच्चों का यौन शिकार करता था और फिर उन की बेरहम तरीके से हत्या कर देता था.
Denne historien er fra August Second 2022-utgaven av Grihshobha - Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent ? Logg på
Denne historien er fra August Second 2022-utgaven av Grihshobha - Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent? Logg på
पेट है अलमारी नहीं
फ्री का खाना और टेस्ट के चक्कर में पेटू बनने की आदत आप को कितना नुकसान पहुंचा सकती है, क्या जानना नहीं चाहेंगे...
इंटीमेट सीन्स में मिस्ट्री जरूरी..अपेक्षा पोरवाल
खूबसूरती और अदाकारी से दर्शकों के दिलों पर राज करने वाली अपेक्षा का मिस इंडिया दिल्ली से बौलीवुड तक का सफर कैसा रहा, जानिए खुद उन्हीं से...
टैंड में पौपुलर ब्रालेट
जानिए ब्रालेट और ब्रा में क्या अंतर है...
रैडी टु ईट से बनाएं मजेदार व्यंजन
झटपट खाना कैसे बनाएं कि खाने वाले देखते रह जाएं...
संभल कर करें औनलाइन लव
कहते हैं प्यार अंधा होता है, मगर यह भी न हो कि आप को सिर्फ धोखा ही मिले...
बौलीवुड का लिव इन वाला लव
लिव इन में रहने के क्या फायदेनुकसान हैं, इस रिलेशनशिप में रहने का फायदा लड़कों को ज्यादा होता है या लड़कियों को, आइए जानते हैं...
ग्लोइंग स्किन के लिए जरूरी क्लींजिंग
जानिए, आप अपनी स्किन को किस तरह तरोताजा और खूबसूरत रख सकती हैं...
करें बातें दिल खोल कर
भावनाओं को व्यक्त करने के लिए एक सच्चा दोस्त जरूरी है, मगर मित्र बनाते समय इन बातों का ध्यान जरूर रखें...
क्रेज फंकी मेकअप का
अपने लुक के साथ ऐसा क्या करें जो पारंपरिक मेकअप से अलग हो...
दिखेगी बेदाग त्वचा
गर्ल्स में ऐक्ने की समस्या आम होती है. यह समस्या तब और पेरशान करती है जब किसी पार्टी में जाना हो या फिर फ्रैंड्स के साथ आउटिंग पर बहुत सी लड़कियां दादीनानी के घरेलू उपाय अपनाती हैं लेकिन इन से ऐक्ने जाते नहीं.