सर्दियों में ठंडी व बर्फीली हवाओं के साथ तापमान में कमी आना, हवा में नमी के स्तर में तेजी से गिरावट आने की वजह से स्किन को प्रौपर हाइड्रेशन नहीं मिल पाता है या यों कहें कि स्किन प्रौपर हाइड्रेशन मैंटेन नहीं कर पाती है, जिस की वजह से न सिर्फ चेहरे की स्किन पर असर पड़ता है, बल्कि हाथपैरों की स्किन का फटना, त्वचा में खुजली, त्वचा का फटना और पपड़ीदार होना जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जो स्किन की हालत को बहुत खराब कर देती हैं, इन समस्याओं से स्किन की प्रौपर केयर करने से काफी हद तक छुटकारा पाया जा सकता है.
आइए, जानते हैं इस संबंध में 'एशियन इंस्टिट्यूट औफ मैडिकल साइंसेज' के डर्मैटोलोजिस्ट डा. अमित बांगया से:
से नो टू वैरी वार्म वाटर
सर्दियों में गरम पानी से नहाने का अपना ही मजा होता है, लेकिन यह पानी जहां आप के शरीर को थोड़ी देर तक राहत पहुंचाने का काम करता है, वहीं इस की वजह से आप के शरीर का नैचुरल औयल भी खत्म होने लगता है, जिसे ठीक करने के लिए हम विंटर मौइस्चराइजर का सहारा लेते हैं.
लेकिन जान लें कि अगर आप ने अपने नहाने के रूटीन से बहुत ज्यादा गरम पानी को से आउट नहीं किया तो आप चाहे कोई भी क्रीम या मौइस्चराइजर अप्लाई कर लें, यह प्रौब्लम ठीक नहीं होने वाली. इसलिए जरूरी है बहुत लंबे बा के साथ हौट वाटर की जगह सिर्फ वार्म वाटर से नहाएं और आप का सर्दियों में बाथिंग टाइम 10 मिनट से ज्यादा न हो.
अगर आप इन बातों का ध्यान रखेंगी तो आप विंटर्स में स्किन ड्राईनैस की समस्या से काफी हद तक दूर रहेंगी:
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