सटायर और सर्काज्म ऐसे टूल्स हैं जिन से किसी को भी चुटीले अंदाज में क्रिटिसाइज या रोस्ट किया जा सकता है. भारत में युवाओं के बीच इन दिनों स्टैंडअप कौमेडी का ट्रैंड खूब बढ़ रहा है. बहुत ऐसे युवा हैं जो इवेंट शो व ओपन माइक में मोनोलोग कौमेडी कर वीडियो को यूट्यूब पर अपलोड करते हैं. अब तो अमेजन प्राइम, नैटफ्लिक्स अपने ओटीटी प्लेटफॉर्म पर यह शो प्रेजेंट करने लगे हैं. इन्हें देखने वाले न सिर्फ टिकट खरीद कर शो पर पहुंचते हैं बल्कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी इन की लाखों या कभीकभी तो करोड़ पार व्यूअरशिप होती है.
हाल के दिनों में भारत में स्टैंडअप कॉमेडी ने अपने पैर जमा लिए हैं. इस में बड़ा हाथ कोरोना पीरियड के पिछले ढाई साल का भी रहा जब लोगों के लिए इंटरनैट ही सबकुछ हो चला था. यूट्यूब पर लोगों ने स्टैंडअप कॉमेडियन के पुराने वीडियो तक खंगाल कर देखे. हाल के दिनों में इंटरनैट पर इस तरह के कंटैंट इतने पौपुलर रहे कि कुछ स्टैंडअप कॉमेडियन तो नैशनल चर्चा तक का हिस्सा बन गए.
नवंबर, 2021 में मशहूर स्टैंडअप कौमेडियन वीर दास ने नैटफ्लिक्स का शो 'आई कम फ्रौम टू इंडियाज' किया तो शो विवादों से घिर गया. यह शो वाशिंगटन, डीसी में जौन एफ कैनेडी सैंटर में किया गया. इस शो के खिलाफ दिल्ली और मुंबई में 2 शिकायतें दर्ज की गईं. उन पर आरोप लगा कि वे अमेरिका में भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बदनाम कर रहे हैं.
शो पर विवाद
दरअसल, इस शो में वीर दास 2 अलगअलग भारत की बात सटायरिकल अंदाज में कर रहे थे, जिस का एक चेहरा कुरूप था जिसे दक्षिणपंथी पचा नहीं पाए. जिस साल के अंत में वीर दास के शो को ले कर बवाल मचा था ठीक उसी साल की शुरुआत में 30 वर्षीय स्टैंडअप कौमेडियन मुनव्वर फारूकी की गिरफ्तारी उन की स्टैंडअप कामेडी के चलते हो गई. उन पर आरोप लगा कि उन्होंने धार्मिक भावनाओं को भड़काया.
ये 1 या 2 मामले नहीं, इस लिस्ट में कुणाल कामरा, किकु शारदा, अग्रिम जोशुआ, तन्मय भट्ट और कपिल शर्मा आदि स्टैंडअप कामेडियन भी आ चुके हैं, जिन्हें कौमेडी के चलते मुसीबत झेलनी पड़ी.
Denne historien er fra February First 2023-utgaven av Grihshobha - Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent ? Logg på
Denne historien er fra February First 2023-utgaven av Grihshobha - Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent? Logg på
स्ट्रैंथ ट्रेनिंग क्यों जरूरी
इस ढकोसलेबाजी को क्यों बंद किया जाए कि जिम जाना या वजन उठाना महिलाओं का काम नहीं.....
लड़कियों को लुभा रहा फोटोग्राफी कैरियर
फोटोग्राफी के क्षेत्र में पहले केवल पुरुषों का अधिकार था, लेकिन अब इस क्षेत्र में लड़कियां भी बाजी मारने लगी हैं....
समय की मांग है डिजिटल डिटौक्स
शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ और खुशहाल रहने के लिए बौडी डिटोक्स के साथ डिजिटल डिटौक्स भी जरूरी है....
पीरियडस क्या खाएं क्यो नहीं
मासिकधर्म के दौरान क्या खाना सही रहता है और क्या गलत, यहां जानिए...
पतिपत्नी रिश्ते में जरूरी है स्पेस
जरूरत से ज्यादा रोकटोक रिश्ते की मजबूती को बिगाड़ सकती है. ऐसे में क्या करें कि ताउम्र खुशहाल रहें....
औफिस के पहले दिन ऐसे करें तैयारी
औफिस में पहला दिन है, जानें कुछ जरूरी बातें....
क्या है अटेंशन डेफिसिट हाइपर ऐक्टिविटी डिसऑर्डर
क्या आप का बच्चा जिद्दी है, बातबात पर तोड़फोड़ करता है और खुद को नुकसान पहुंचा लेता है, तो जानिए वजह और निदान....
जब मन हो मंचिंग का
फ़ूड रेसिपीज
सेल सस्ती शौपिंग न पड़ जाए महंगी
अगर आप भी सस्ते के चक्कर में खरीदारी करने का शौक रखते हैं, तो यह जानकारी आप के लिए ही है....
डाइट के लिए बैस्ट है पिस्ता
पिस्ता सिर्फ एक गार्निश नहीं, एक न्यूट्रिशन पावरहाउस है....