कभी भी मनाएं वैलेंटाइन डे
Grihshobha - Hindi|February Second 2023
पार्टनर के साथ वैलेंटाइन डे किसी खास दिन क्यों रोज मना सकते हैं, कुछ इस तरह...
मंजुषा देशपांडे
कभी भी मनाएं वैलेंटाइन डे

'वै लेंटाइन डे' मनाएं या नहीं इस बाबत बहुत सारी आपत्तियां भगवा गैंग वाले खड़ी करते हैं. 'प्रेम' मन में लिखने वाली एक कोमल भावना होती है. फिर ऐसे प्रेम को व्यक्त करने के लिए किसी प्रदर्शन या 'स्पैशल डे' की जरूरत ही क्या है? हमारे यहां इतने सारे त्योहार हैं, फिर क्यों ऐसे डे की जरूरत महसूस की जा रही है? 

हमारे समाज में ऐसा कोई त्योहार नहीं है जिस में बिना पूजापाठ, दानदक्षिणा के प्रेमी या पतिपत्नी बराबर की हैसीयत से एकदूसरे से प्यार का इजहार कर सकें. वैलेंटाइन डे दुनियाभर में बच्चों से ले कर युवाओं और अब बूढ़ों तक प्रेम के इजहार का दिन बनाया गया है.

मगर इस प्रेम को खिलने और व्यक्त करने के लिए भी एकदूसरे के पास वक्त होना चाहिए. आज के भागदौड़ भरे और फास्ट फूड के जमाने में शरमा कर हंसना और हंस कर एकदूसरे को देखना, इस बात के लिए किसी के पास ही नहीं है वक्त और शायद इसीलिए एकदूसरे को जानने और प्रेम व्यक्त करने के लिए वैलेंटाउन डे की वजह ढूंढ़ी जाती है कि इस रूप में ही क्यों न सही मशीन की तरह चलने वाले जीवनरूपी वृक्ष पर प्रेम की कली खिलेगी. वैलेंटाइन डे को अब इसलिए मनाएं कि हमारे अपने त्योहारों में ऐसा सा कोई नहीं है.

हजार चीजों में पश्चिमी देशों का अनुकरण करना और जहां चढ़ावे की बात आए वहां उन का विरोध ही ठीक रहे इन दोनों बातों को टाल कर इसी दिन को हम अपनी जरूरत में ढालें और अपने व्यवहार का रंग नई पीढ़ी की संकल्पनाओं का दें.

प्यार का इजहार

आइए देखते हैं नई पीढ़ी की जिद की खातिर पुरानी पीढ़ी ने किस तरह उन का वैलेंटाउन डे मनाया. प्यार का इजहार करने का यह अवसर सिर्फ इसलिए छोड़ दिया जाए कि यह विदेशी है, गलत है. हमारी पैंट और खाकी निकर भी विदेशी ही है बाकी सारे उपकरण भी विदेशी हैं तो क्या कहा जाए कि ये संस्कृति का हिस्सा हैं.

आज सुबहसुबह ही आईने के सामने खड़ी हो कर अनन्या एकएक ड्रैस ट्राई कर के देख रही थी. हर ड्रैस शरीर पर ओढ़ते हुए वह खुद ही बड़बड़ा रही थी.

'यह ड्रैस कैसी लगती है... ऊं हूं... यह नहीं, यह ड्रैस तो उस ने देखी है. बहुत ओल्ड फैशन है. मौडर्न लुक कैसा लगेगा? ट्रैडिशनल ट्राई करूं क्या ?' कहते हुए अनन्या ने कपड़ों का ढेर लगा दिया.

Denne historien er fra February Second 2023-utgaven av Grihshobha - Hindi.

Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.

Denne historien er fra February Second 2023-utgaven av Grihshobha - Hindi.

Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.

FLERE HISTORIER FRA GRIHSHOBHA - HINDISe alt
स्ट्रैंथ ट्रेनिंग क्यों जरूरी
Grihshobha - Hindi

स्ट्रैंथ ट्रेनिंग क्यों जरूरी

इस ढकोसलेबाजी को क्यों बंद किया जाए कि जिम जाना या वजन उठाना महिलाओं का काम नहीं.....

time-read
5 mins  |
November Second 2024
लड़कियों को लुभा रहा फोटोग्राफी कैरियर
Grihshobha - Hindi

लड़कियों को लुभा रहा फोटोग्राफी कैरियर

फोटोग्राफी के क्षेत्र में पहले केवल पुरुषों का अधिकार था, लेकिन अब इस क्षेत्र में लड़कियां भी बाजी मारने लगी हैं....

time-read
5 mins  |
November Second 2024
समय की मांग है डिजिटल डिटौक्स
Grihshobha - Hindi

समय की मांग है डिजिटल डिटौक्स

शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ और खुशहाल रहने के लिए बौडी डिटोक्स के साथ डिजिटल डिटौक्स भी जरूरी है....

time-read
2 mins  |
November Second 2024
पीरियडस क्या खाएं क्यो नहीं
Grihshobha - Hindi

पीरियडस क्या खाएं क्यो नहीं

मासिकधर्म के दौरान क्या खाना सही रहता है और क्या गलत, यहां जानिए...

time-read
3 mins  |
November Second 2024
पतिपत्नी रिश्ते में जरूरी है स्पेस
Grihshobha - Hindi

पतिपत्नी रिश्ते में जरूरी है स्पेस

जरूरत से ज्यादा रोकटोक रिश्ते की मजबूती को बिगाड़ सकती है. ऐसे में क्या करें कि ताउम्र खुशहाल रहें....

time-read
5 mins  |
November Second 2024
औफिस के पहले दिन ऐसे करें तैयारी
Grihshobha - Hindi

औफिस के पहले दिन ऐसे करें तैयारी

औफिस में पहला दिन है, जानें कुछ जरूरी बातें....

time-read
3 mins  |
November Second 2024
क्या है अटेंशन डेफिसिट हाइपर ऐक्टिविटी डिसऑर्डर
Grihshobha - Hindi

क्या है अटेंशन डेफिसिट हाइपर ऐक्टिविटी डिसऑर्डर

क्या आप का बच्चा जिद्दी है, बातबात पर तोड़फोड़ करता है और खुद को नुकसान पहुंचा लेता है, तो जानिए वजह और निदान....

time-read
4 mins  |
November Second 2024
जब मन हो मंचिंग का
Grihshobha - Hindi

जब मन हो मंचिंग का

फ़ूड रेसिपीज

time-read
4 mins  |
November Second 2024
सेल सस्ती शौपिंग न पड़ जाए महंगी
Grihshobha - Hindi

सेल सस्ती शौपिंग न पड़ जाए महंगी

अगर आप भी सस्ते के चक्कर में खरीदारी करने का शौक रखते हैं, तो यह जानकारी आप के लिए ही है....

time-read
3 mins  |
November Second 2024
डाइट के लिए बैस्ट है पिस्ता
Grihshobha - Hindi

डाइट के लिए बैस्ट है पिस्ता

पिस्ता सिर्फ एक गार्निश नहीं, एक न्यूट्रिशन पावरहाउस है....

time-read
2 mins  |
November Second 2024