'लव सैक्स और धोखा' से बौलीवुड में अभिनय का कैरियर शुरू करने वाले अंशुमन झा ने 13 वर्ष की उम्र में थिएटर से शुरुआत की थी. फिल्मों में अभिनय करने से पहले उन्होंने सुभाष घई के साथ मुख्य सहायक निर्देशक और जौन ओवेन के साथ बतौर ऐसोसिएट निर्देशक भी काम किया. बहरहाल, बतौर अभिनेता पिछले 11 वर्ष के अंतराल में अंशुमन झा 'यह है बकरापुर, ' 'चैरंगा, ' 'नो फादर्स इन कश्मीर' और 'हम भी अकेले तुम भी अकेले' सहित कई फिल्मों व 'मस्तराम' सहित कुछ वैब सीरीज में अपने अभिनय के कई रंग दिखा चुके हैं.
अब वह बतौर अभिनेता व निर्माता पशुओं के प्रति लोगों के नजरिए में बदलाव लाने के मकसद से ऐक्शनप्रधान फिल्म 'लकड़बग्घा' ले कर आए हैं. सिनेमाघरों में पहुंचने से पहले विक्टर मुखर्जी द्वारा निर्देशित यह फिल्म कई अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोहों में शोहरत बटोर चुकी है.
प्रस्तुत हैं, अंशुमन झा से हुई बातचीत के कुछ अंश :
13 वर्ष की उम्र में आप ने थिएटर करना शुरू किया था. उस वक्त इस बात की समझ नहीं होती है कि किस क्षेत्र में कैरियर बनाना है. ऐसे में थिएटर से जुड़ना कैसे हुआ?
जब मैं 5 वर्ष का था और इलाहाबाद में रहता था, तब एक दिन मेरे घर फिल्म 'त्रिदेव' का वीएचएस रह गया. वीएचएस किराए पर देने वाले की दुकान बंद हो चुकी थी. तो उस फिल्म को मैं ने 30-40 बार देखा और मुझे नसीरुद्दीन शाह से प्यार हो गया. तभी मैं ने अपनी मां से कहा कि मुझे तो यही करना है. कुदरत का शुक्रगुजार हूं कि मुझे बहुत जल्दी क्लीयरिटी दे दी कि मुझे किस चीज से प्यार है. मुझे फिल्म के सैट पर काम करने में सब से ज्यादा आनंद आता है. मेरे लिए अभिनय आनंद पाने का जरीया है. अभिनय करते समय मैं खुश नहीं बहुत आनंदमय होता हूं.
वैसे मैं पढ़ाई में बहुत अच्छा था, तो मेरे मातापिता चाहते थे कि मैं इंजीनियर बनूं. फिर हम इलहाबाद से दिल्ली पहुंच गए. दिल्ली में नाटक का माहौल मिला. मुंबई में मेरी बहन रहती थी, इसलिए मैं अकसर पृथ्वी थिएटर पर वर्कशॉप के लिए मुंबई आता रहता था.
Denne historien er fra March Second 2023-utgaven av Grihshobha - Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent ? Logg på
Denne historien er fra March Second 2023-utgaven av Grihshobha - Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent? Logg på
स्ट्रैंथ ट्रेनिंग क्यों जरूरी
इस ढकोसलेबाजी को क्यों बंद किया जाए कि जिम जाना या वजन उठाना महिलाओं का काम नहीं.....
लड़कियों को लुभा रहा फोटोग्राफी कैरियर
फोटोग्राफी के क्षेत्र में पहले केवल पुरुषों का अधिकार था, लेकिन अब इस क्षेत्र में लड़कियां भी बाजी मारने लगी हैं....
समय की मांग है डिजिटल डिटौक्स
शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ और खुशहाल रहने के लिए बौडी डिटोक्स के साथ डिजिटल डिटौक्स भी जरूरी है....
पीरियडस क्या खाएं क्यो नहीं
मासिकधर्म के दौरान क्या खाना सही रहता है और क्या गलत, यहां जानिए...
पतिपत्नी रिश्ते में जरूरी है स्पेस
जरूरत से ज्यादा रोकटोक रिश्ते की मजबूती को बिगाड़ सकती है. ऐसे में क्या करें कि ताउम्र खुशहाल रहें....
औफिस के पहले दिन ऐसे करें तैयारी
औफिस में पहला दिन है, जानें कुछ जरूरी बातें....
क्या है अटेंशन डेफिसिट हाइपर ऐक्टिविटी डिसऑर्डर
क्या आप का बच्चा जिद्दी है, बातबात पर तोड़फोड़ करता है और खुद को नुकसान पहुंचा लेता है, तो जानिए वजह और निदान....
जब मन हो मंचिंग का
फ़ूड रेसिपीज
सेल सस्ती शौपिंग न पड़ जाए महंगी
अगर आप भी सस्ते के चक्कर में खरीदारी करने का शौक रखते हैं, तो यह जानकारी आप के लिए ही है....
डाइट के लिए बैस्ट है पिस्ता
पिस्ता सिर्फ एक गार्निश नहीं, एक न्यूट्रिशन पावरहाउस है....