नारी को पुरुष की जरूरत हर वक्त नहीं - गौरी प्रधान
Grihshobha - Hindi|May Second 2023
ऐक्टिंग से अधिक अपनी लव स्टोरी से सुर्खियों में रहने वाली गौरी पहली बार रुपहले परदे पर अभिनय करती नजर आएंगी. फिल्म और निजी जिंदगी से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें खुद उन्हीं से जानिए...
शांतिस्वरुप त्रिपाठी
नारी को पुरुष की जरूरत हर वक्त नहीं - गौरी प्रधान

'नूरजहां, 'कुटुंब', 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी,' 'मेरी आशिकी तुम से' और 'तू आशिकी' जैसे सीरियलों की चर्चित अदाकारा गौरी प्रधान अपने 25 वर्ष के अभिनय कैरियर के बाद अब पहली बार फिल्म 'ए विंटर टेल एट शिमला' में अभिनय करते हुए नजर आने वाली हैं, जोकि मैच्योर प्रेम कहानी के साथ ही नारी अस्मिता, नारी के सपनों, पति की पितृसत्तात्मक सोच से ले कर नारी उत्थान तक की बात करती है.

आर्मी बैकग्राउंड में पलीबड़ी और 2000 में सीरियल 'नूरजहां' से अभिनय कैरियर की शुरुआत करने वाली गौरी प्रधान की दूसरे सीरियल 'कुटुंब' की शूटिंग के दौरान अभिनेता हितेन तेजवानी से मुलाकात हुई और दोनों ने 2004 में शादी कर ली. यह गौरी प्रधान की पहली शादी थी, जबकि हितेन तेजवानी की यह दूसरी शादी थी.

प्रस्तुत हैं गौरी प्रधान से हुई ऐक्सक्लूसिव बातचीत के अंश:

हर इंसान पर उस की परवरिश का असर होता है. आप की परवरिश आर्मी पृष्ठभूमि में हुई. तो फिर कला से नाता कैसे बना? 

मैं बचपन से बहुत ही ज्यादा कलात्मक व रचनात्मक रही हूं. मेरी रुचि पेंटिंग, ड्राइंग, स्कैचिंग आदि में रही है. इस के अलावा मेरे मातापिता ने मुझे हमेशा छूट दी. मैं ने जो करना चाहा उस में कभी रोकटोक नहीं की. उन की एक ही शर्त थी कि मुझे अपनी पढ़ाई पूरी करनी है. इसलिए मैं ने पढ़ाई पूरी करने के बाद 'मिस इंडिया' में हिस्सा लिया. उस के बाद मुंबई आ कर मौडलिंग कर रही थी. मौडलिंग से बोर हो कर पुन: पुणे वापस जा कर उच्च शिक्षा हासिल करना चाहती थी. उस से 2 दिन पहले ही एक पार्टी में किसी ने मुझे देखा और उन्होंने मुझ से कहा कि दूरदर्शन के लिए 'नूरजहां' नामक सीरियल बन रहा है.

निर्माता अब तक 200 लड़कियों का औडीशन ले चुके हैं. पर सही लड़की नहीं मिली. उस इंसान की सलाह पर मैं ने औडीशन दिया और मेरा चयन हो गया. यह दूरदर्शन और बीबीसी का कोलैब्रेशन था. इसे उर्दू और इंग्लिश में बनाया गया था. इस के लिए हमें उर्दू भाषा की ट्रेनिंग भी दी गई. हम हर सीन की शूटिंग पहले उर्दू में और फिर इंग्लिश में करते थे. इस सीरियल में अभिनय करना बहुत अच्छा अनुभव था. इस तरह मेरे अभिनय कैरियर की शुरुआत हुई.

आप के कैरियर का टर्निंग प्वाइंट्स क्या रहे?

Denne historien er fra May Second 2023-utgaven av Grihshobha - Hindi.

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