2008 में टीवी से अपना अभिनय कैरियर शुरू करने वाली यामी गौतम ने 2012 में 'विकी डोनर' जैसी हिट फिल्म दे कर बड़े परदे पर अपने कैरियर शुरुआत की थी. उस के बाद यामी ने रितिक रोशन के साथ 'काबिल' फिल्म की, जिस में उन्होंने अंधी लड़की की भूमिका निभाई थी. उस के बाद 'बदलापुर,' 'ए थर्सडे,' 'लास्ट,' 'दसवीं,' 'चोर निकल के भागा' आदि कई फिल्में दे कर अभिनय क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाई.
हाल ही में यामी की प्रदर्शित फिल्म 'ओ माय गौड 2' मैं वे वकील के किरदार में नजर आईं. 'ओएमजी 2' में अक्षय कुमार और पंकज त्रिपाठी मुख्य भूमिका में थे, जिन के साथ बतौर वकील यामी गौतम ने कांटे की टक्कर दी. 'ओएमजी 2' सैक्स ऐजुकेशन के अहम विषय को ले कर बनाई गई एक सशक्त फिल्म है, जिसे दर्शको द्वारा सराहा गया. यामी के मुताबिक स्कूलों में बच्चों के लिए सैक्स ऐजुकेशन कितनी जरूरी है, अपनी आने वाली फिल्मों को ले कर उन का क्या कहना है, ऐसे ही कई दिलचस्प सवालों के जवाब दिए खूबसूरत यामी अपने खूबसूरत अंदाज में:
'ओएमजी 2' की सफलता आप के लिए कितना माने रखती है जबकि काफी टाइम बाद सिनेमा घर में यह आप की हिट फिल्म है?
मुझे खुशी है कि दर्शकों को यह फिल्म पसंद आई. लेकिन मैं अगर अपनी बात करूं तो मेरे लिए हर फिल्म सिर्फ फिल्म है, मैं कोई भी फिल्म ओटीटी यह थिएटर के हिसाब से साइन नहीं करती. यह तो निर्माता तय करते हैं कि फिल्म को ओटीटी पर रिलीज करना है या सिनेमा घर में. मेरी तो सिर्फ यह कोशिश रहती है कि मेरी फिल्म की कहानी और मेरा रोल अच्छा हो. फिल्म थिएटर पर रिलीज करने को ले कर निर्माता का पूरा एक कैलकुलेशन होता है उस में मैं कुछ नहीं कर सकती. दर्शक तो दोनों ही जगह एक हैं. मैं सिर्फ अपने काम पर ध्यान देती हूं.
'ओएमजी 2' में आप का किरदार वकील का था जिस ने सैक्स को ले कर खुल कर बात की है. आप यह किरदार निभाते वक्त कितनी सहज थीं?
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