करोड़ों की आबादी वाले शहर में जब कोई अकेला होता है तो कई बार वह मानसिक तौर पर बीमारी का शिकार भी हो जाता है क्योंकि अकेलेपन का एहसास असुरक्षा की भावना पैदा करता है, जिस की वजह से कई बार मन में अनजाना सा डर भी पैदा हो जाता है और आप मानसिक तौर पर बीमार हो जाते हैं, लेकिन क्या कभी आप ने यह सोचने की कोशिश की कि ऐसी क्या वजह है जो आप को अकेलेपन का एहसास दिलाती है और आप भरीपूरी दुनिया में अपने आप को अकेला महसूस करते लगते हैं?
कई बार यह एहसास उस दौरान भी महसूस होता है जब आप बुढ़ापे की तरफ बढ़ रहे होते हैं. रिटायरमैंट के चलते आप का रुतबा, आप की अच्छी पेमैंट और आप की अति व्यस्त लाइफ पर पूर्णविराम लग जाता है और आप एकदम घर पर खाली बैठ जाते हैं. ऐसे वक्त में आप को हालात के चलते कई बार अकेलापन महसूस होने लगता है. उस दौरान आप को एहसास होता है कि अपनी व्यस्त जिंदगी स्टेटस सिंबल और ऐटीट्यूड के चलते न तो आप ज्यादा दोस्त बना पाए और न ही रिश्तेदारों से ज्यादा मेलमिलाप कर पाए, जिस के चलते आज जब आप के पास टाइम ही टाइम है तो आप अपने आप को अकेला महसूस कर रहे हैं.
अकेलेपन का एहसास
बुढ़ापे में अकेलेपन का एहसास एक बार समझ में भी आता है लेकिन आज के समय में जबकि इंटरनैट मोबाइल का जमाना है जहां लोगों से बात करने या दोस्ती करने के बजाय मोबाइल इंटरनैट पर ढेर सारे मनोरंजन के साधनों के चलते अपनी ही दुनिया में जीने वाले लोग जब अकेलेपन का रोना रोते हैं तो बहुत आश्चर्य होता है.
ऐसे में यही लगता है कि ऐसी क्या वजह है कि सबकुछ होते हुए भी कई लोग अकेलापन महसूस करने की शिकायत करते हैं? ऐसे में एक सवाल मन में आता है कि कहीं अपने अकेलेपन के जिम्मेदार आप खुद ही तो नहीं ? ऐसी क्या वजह है जो आप को अकेला कर देती है या ऐसा कौन सा रास्ता है जो आप के अकेलेपन को दूर करने के लिए कारगर सिद्ध हो सकता है, आइए, जानने की कोशिश करते हैं.
अपने स्टेटस का घमंड, संकीर्ण दिमाग, जातपात का भेदभाव जैसे कई कारण आप को अकेलेपन की तरफ धकेलते हैं.
इस तरह नहीं टिकटी दोस्ती
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