'मैं माधुरी दीक्षित बनना चाहती हूं, ''प्रेम रतन धन पायो, ' ' ऊंचाई' और 'गदर 2' सहित कई सफलत व बड़े बजट की फिल्मों में नृत्य निर्देशन कर चुकीं शबीना खान का आज बौलीवुड में अपना एक अलग मुकाम है. मगर इस मुकाम तक पहुंचने के लिए शबीना खान व उन के पूरे परिवार को अपने समाज, अपने खानदान से बहुत कुछ झेलना पड़ा. वास्तव में शबीना खान का संबंध एक कंजर्वेटिव मुसलिम (पठान) समुदाय से है.
पढ़ाई में तेज होने के बावजूद घर के हालात कुछ ऐसे थे कि वे 9 वर्ष की उम्र में 'मधुमती डांस ऐंड ऐक्टिंग अकादमी' में उर्दू पढ़ाने व अभिनय सीखने जाने लगी थीं. वहीं पर उन्होंने शास्त्रीय नृत्य भी सीखा. फिर 13 वर्ष की उम्र में वह सहायक नृत्य निर्देशक के रूप में बौलीवुड से जुड़ गईं.
इस बात की खबर मिलते ही उन के खानदान के लोगों ने शबीना के मातापिता से कहा कि उन की बेटियां संगीत व नृत्य का काम न करें पर शबीना के मातापिता ने नहीं रोका. तब इन के परिवार को खानदान से बाहर का रास्ता दिखा दिया.
18 साल की उम्र में राम गोपाल वर्मा ने शवीना को 2003 में प्रदर्शित फिल्म 'मैं माधुरी दीक्षित बनना चाहती हूं' में स्वतंत्र रूप से नृत्य निर्देशक बना दिया. तब से उन्होंने पीछे मुड़ कर नहीं देखा।
पेश हैं, शबीना खान से हुई मुलाकात के कुछ खास अंश :
शबीना खान से हम ने लंबी बातचीत की, जोकि इस प्रकार रही. क्या आप के घर में संगीत व नृत्य का कोई माहौल रहा है?
हमारे परिवार में कला, संगीत या डांस का कोई माहौल नहीं रहा है. मेरी परवरिश कंजरवेटिव/दकियानूसी मुसलिम परिवार में हुई है. हम लोग पठान हैं. कंजरवेटिव का मतलब यह नहीं है कि हम लोग पढ़े लिखे नहीं हैं. सभी को पता है कि इसलाम धर्म का पालन करने का मतलब सिर पर दुपट्टा होना अनिवार्य है. मुझे घर की जरूरतों को देखते हुए बहुत छोटी उम्र में काम करना शुरू करना पड़ा तो मैं हिजाब ले कर ही काम करती थी.
Denne historien er fra September First 2024-utgaven av Grihshobha - Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent ? Logg på
Denne historien er fra September First 2024-utgaven av Grihshobha - Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent? Logg på
ट्रैडिशनल प्रिंट आउटफिट में फैस्टिव लुक
इस त्योहार खुद की सुंदरता बढ़ाने के लिए ऐसा क्या लें जो फैशनेबल और बजट फ्रैंडली दोनों हो....
क्या है बीबी क्रीम और सीसी क्रीम
ब्यूटी एक्सपर्ट से जानिए क्रीम्स के बीच का अंतर और इन्हें इस्तेमाल करने के तरीके....
डिशवाशर आधुनिक घरों की नई जरूरत
कामकाजी महिलाओं के साथसाथ बैचलर्स के लिए भी डिशवाशर कई तरह से फायदेमंद है....
दीवाली पर प्लस साइज महिलाओं के स्टाइलिंग टिप्स
इस दीवाली आप स्टाइलिश और सब से सुंदर कैसे दिख सकती हैं, यह हम आप को बताते हैं...
साड़ी को दें मौडर्न टच
साड़ी में मौडर्न टच दे कर लुक और स्टाइल बढ़ाएं, कुछ इस तरह...
इस दीवाली गोल्ड प्लेटेड आभूषणों से पाएं ट्रैंडी लुक
अगर आप भी इस दीवाली स्मार्ट और ट्रेंडी लुक पाना चाहती हैं, तो जरा यह भी जान लीजिए...
दीवाली बचत को शामिल करें खुशियों में
बिना मेहनत किए लक्ष्मी यानी पैसा कहीं से नहीं आता, वह आप की बुद्धि और बचत करने से ही संभव है.....
रोशनी का त्योहार ऐसा हो श्रृंगार
ब्यूटी एक्सपर्ट से जानिए गौर्जियस लुक पाने के तरीके...
परिवार और दोस्तों के साथ इस तरह मनाएं दीवाली
दीवाली का त्योहार मनाने का मजा तब है जब परिवार और दोस्तों का साथ हो....
दीवाली दिखावा तो बनता है
दीवाली के मौके पर क्यों न इस बार कुछ ऐसा करें कि घर और अपनों के लिए यह त्योहार यादगार बन जाए...