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ताक-ताक की बात है

Aha Zindagi

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March 2025

पहले घरों में ताक होते थे जहां ज़रूरी वस्तुएं रखी जाती थीं। अब सपाट दीवारें हैं और हम ताक में रहने लगे हैं।

- राकेश राणा

ताक-ताक की बात है

साठोत्तरी पीढ़ी इससे अनभिज्ञ है की पहले ताक, आहा, गोखला या आला घर के हर कमरे की दीवार में गोलाकार, त्रिभुजाकार और मेहराबदार बना होता था। एक कमरे में दो या दो से अधिक भी ताक होते थे। ये ताक चाबियां या छोटी वस्तुएं और दवाओं की शीशियां रखने की सबसे सुरक्षित जगह हुआ करता था। रसोईघर के ताक में माचिस या आकार में छोटी और कम उपयोगी डिब्बियां, सुई-धागा, बटन रखते थे। इस कक्ष का एक ताक चिमनी / ढिबरी के लिए आरक्षित होता था। चिमनी की लौ से ताक की छत और कभी-कभी उसका ऊपरी हिस्सा तक काला हो जाता था, इसलिए इस ताक में चिमनी के सिवाय और कोई चीज़ नहीं रखी जाती थी।

Aha Zindagi

Dit verhaal komt uit de March 2025-editie van Aha Zindagi.

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