CATEGORIES
Categories
परी
नूरी परी आज खुश थी और इसी खुशी में वह अपने महल से दूर तक आ गई। नूरी आसमान से उड़ते हुए आसपास के दृश्यों को देख रही थी। आज मौसम बहुत अच्छा था।
फुटबॉल का खिलाड़ी
गुनगुनकी मम्मी जैसे ही रसोई से बाहर बरामदे में आईं, तभी धड़ाम से फुटबॉल उनके सिर में लगी। मम्मी कराह उठीं, “हाय! मर गई।” फिर वह गुस्से में भरकर बोली, “गुनगुन! देखकर नहीं खेल सकते क्या ?"
प्रीति भट्टाचार्जी
सिंगिंग रियलिटी शो 'सुपर स्टार सिंगर' की विजेता है प्रीति भट्टाचार्जी। इस शो में वह सबसे छोटी प्रतिभागी थी। उसे ट्रॉफी के साथ 15 लाख रुपए इनाम में मिले हैं। वह सिर्फ नौ साल की है। पहले वह केवल बंगाली गाने ही गाती थी।
निष्कर्ष दीक्षित
निष्कर्ष को तुम' विघ्नहर्ता गणेश ' धारावाहिक में गणेश के रूप में देखते हो । उसमें मोशन कैप्चर टेक्नोलॉजी से उसकी सूंड दिखाई जाती है । स्कूल में एग्जाम से पहले दोस्त उससे आशीर्वाद मांगते हैं, ताकि उनके एग्जाम अच्छे हो जाएं ।
नामकरण
बात बहुत पुरानी है । इतनी पुरानी कि तब तक दिनों का नामकरण नहीं हुआ था । एक था सप्ताह । उसके थे सात बेटे । उनके नाम थे , बुद्ध, बहस्पति, शुक्र और शनि ।
नन्हा जासूस
रम्मा क्रोध से बोली , “जा-जा, भाग यहां से। चंदा वंदा नहीं मिलेगा। न जाने सुबह सुबह कहां से चले आते हैं!
दोस्ती का रंग
मोहल्ले में फागुन का असर दिखाई देने लगा था। जगह-जगह रंगीन गुब्बारे, सुंदर टोपियां और अबीर-गुलाल बिकने लगे थे।
दांत नहीं, फिर कैसे खाते हैं पक्षी
क्या तुम जानना नहीं चाहोगे कि दुनियाभर के पक्षी कैसे अपना खाना खाते हैं और कैसे वे ऊंची उड़ान भर लेते हैं? चलो जानते हैं, पक्षियों से जुड़ी कुछ रोचक बातें
तेनालीराम- कैसा नाटक
तेनालीराम पानी में डूबा घर वालो का रो रो कर बुरा हाल
डुगडुगी, छड़ी और मंतर
एक जंगल में रहता था एक बंदर । मस्त कलंदर । सारा दिन बंदरपन करता फिरता । कभी सोते भालुओं के कान में चीखकर उन्हें डराता तो कभी डाल हिलाकर पक्षियों को उड़ाकर खिलखिलाता । अपनी शैतानियों से सबको हंसाता, सबको रुलाता ।
ठंड में जानवर क्या करते हैं ?
कड़ाके की ठंड का प्रभाव हर जीव पर पड़ता है। यह अलग बात है कि हर किसी के शरीर का अलग ढांचा है। किसी के लिए बर्फीला मौसम खुशियों भरा होता है, तो किसी के लिए बर्फीली हवाओं को सहन करना मुश्किल होता है। बहुत सर्दी में कुछ जीव बीमार पड़ जाते हैं, बहुत से मर भी जाते हैं । वैसे कुदरती तौर पर जानवरों को हर मौसम में जीने के तरीके भी आते हैं।
टेक्नो अंकल से पूछो
मैंने यूट्यूब के बारे में काफी सुना है। मैंने पढ़ा है कि कुछ लोग तो पूरी तरह से यूट्यूब में व्यस्त हैं। इनके फॉलोअर भी लाखों में हैं। मेरा सवाल यह है कि कैसे अपने यूट्यूब चैनल को लोकप्रिय बनाया जाए कि आगे चलकर मेरे चैनल के भी सब्सक्राइबर लाखों में हों।
टेक्नो अंकल से पूछो
क्या डेस्कटॉप आइकन को छिपाया और एडिट भी किया जा सकता है ?
टेक्नो अंकल से पूछो
मैंने किसी टैब और फोन में देखा है कि डिवाइस लॉक होने के बाद कुछ मैसेज फ्लैश होता रहता है । यह कैसे आता है और इसकी क्या जरूरत है?
टेक्नो अंकल से पूछो
मुझे अपने एंड्रॉयड टैब पर बैकग्राउंड थीम लगाने का बहुत शौक है । क्या मैं एंड्रॉयड में वीडियो को वॉलपेपर बना सकती, हूं । अगर हां तो कैसे?-आरती अरोड़ा, चंडीगढ़
जुगाडू चूहा
जब कोई शहरी चूहा जंगल में रहने जाता है, तो पता है उसे क्या कहते हैं ? कम से कम जंगल में रहने वाले नई पीढ़ी के चूहे तो उसे शूहा कहकर बुलाते हैं। तो ऐसा ही एक शूहा है प्यारेलाल । नाम एकदम गांव वाला, पर ठाठ साहबों वाले।
जानवर भी कर सकते हैं रंगों से कलाकारी
पेंटिंग करने का शौक सिर्फ इनसानों तक ही सीमित नहीं है। अगर जानवरों को ट्रेनिंग दी जाए, तो वे भी कर सकते हैं रंगों से कलाकारी हैरान हो गए न! चलो, आज मिलवाते हैं कुछ ऐसे ही जानवरों से, जो सचमुच में करते हैं कलाकारी।
जादू थियेटर का
नाटक बच्चों के जीवन में बहुत जरूरी है। जीवन में सफल होने के कई गुण बच्चे खेल-खेल में नाटक में भाग लेते हुए सीख जाते हैं। नाटक बच्चों को संयम के साथ जीवन में आगे बढ़ने की राह दिखाता है। अब बच्चे बढ़-चढ़कर नाटकों में भाग लेने लगे हैं, जो नाटकों के फिर से लोकप्रिय होने की निशानी है। स्कूलों में भी नाटक करने के लिए ह बच्चों को प्रोत्माहित करना चाहिए।
जादुई घड़ी
चुनमुन अकसर अपनी दादी से परियों की कहानियां सुनती थी । दादी उसे हमेशा कहती थीं कि रात को परी आती है और जब वह बच्चों से मिलती है, तो उन्हें कुछ ना कुछ तोहफा जरूर देती है ।
जाड़े की बारिश
टप-टप टिप-टिपपानी बरसा,इस बार मगरजाड़े में बरसा ।
जरा बताओ तो...
1. भारत के वायु सेनाध्यक्ष का नाम बताओ?क. बी. एस. धनोआ, ख. हरिजीत सिंह अरोड़ा, ग.राकेश कुमार सिंह भदौरिया, घ. अजीत सिंह
छोटा मन
मीता बहुत छोटी थी। वह सातवीं कक्षा में पढ़ती थी परन्तु वह दूसरी कक्षा में पढ़ने वाली बच्ची जैसी ही लगती थी। इसी वजह से उसके कोई दोस्त नहीं बनते थे। पर मीता का मानना था की 'शिक्षा ही मेरा बल है '
चूहों की दावत
एक बांस के जंगल में वर्ष में एक बार ही वनफूल खिलता था, जिसे एक दिन चाऊ और माऊ चूहे दंपती ने देखा | उसे तोड़कर वे गणेशजी के मंदिर में जाकर श्रद्धा से चढ़ा आए। और फिर !
चूंचूं की शर्त
बात उस समय की है, जब चिड़िया केवल जंगल में ही पेड़ पर घोंसला बनाकर रहती थी। एक दिन हवा के तेज झोंके से पेड़ गिर गया। उस पेड़ पर बना सोन चिरैया का घोंसला भी उजड़ गया।
चींटी से मुलाकात
गुनगुन शाम को पार्क में अपने हमउम्र दोस्तों के साथ खेलकर लौटी। उसे जोरों की भूख लगी थी। मम्मी खाना तैयार कर रही थीं। चाचाजी बाजार से रसगुल्ले लेकर आए थे। मम्मी ने उसे प्लेट में रसगुल्ले दिए ।
चींचू बन गया दोस्त
सुबह-सवेरे पक्षियों के लिए छत पर दाना और पानी रखना गुड्डू की मम्मी का रोज का नियम था । तरह-तरह के पक्षी छत पर आते और दाना चुगते थे । उनकी आवाज से गुड्डू की नींद खुल जाती ।
चिड़ियों का मोहल्ला
शेखू और अन्नू के एग्जाम हो चुके थे । स्कूल में कुछ दिन की छुट्टियां हो गईं । छुट्टियों के बाद परिणाम निकलना था । उनकी मम्मी ने दोनों को बुलाया और कहा, “ कल से रोज सुबह और शाम हम तीनों घूमने जाया करेंगे ।
चक्रम बना जंबू
सूंदर वन में चक्रम नामक हाथी कपड़े का बहुत बड़ा व्यापारी था । उसे सब चक्रम सेठ के नाम से जानते थे । उसकी कपड़ों की बहुत बड़ी दुकान थी, जहां हर प्रकार के कपड़े मिलते थे । चंपक वन ही नहीं, पड़ोसी वनों के जानवर भी वहीं कपड़े खरीदने आते थे ।
घर बन गया
उस दिन सर्दी बहुत ज्यादा थी। घर के कोने में पड़ी अपनी कुल्हाड़ी उठाते समय दावा शेरपा ने सोचा, “यदि आज कोई सीधा पेड़ काटने को मिल जाए, तो काफी पैसे मिल जाएंगे ।"
घर का खाना
पहले दादी, फिर मम्मी सब गुस्सा हो रही थीं, घर के नीचे खुले नए ढाबे वाले पर । दादी का कहना था, “ देख लेना, गंदगी फैलाकर रख देगा चार दिन में!"