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वोकल फॉर लोकल से सुदृढ़ हुए भारतीय बाजार
मोदी की अपीलें क्या और कितना असर करती हैं इसका उदाहरण अगर देखें तो प्रधानमंत्री ने रक्षा बंधन से पहले मन की बात कार्यक्रम के जरिये लोगों को वोकल फॉर लोकल मंत्र की याद दिलाई तो बाजार से चीनी राखियां गायब हो गयीं और हर ग्राहक सिर्फ भारतीय राखियां मांग रहा था।
दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण का मुद्दा
सर्दियों में हर साल एयर पॉल्यूशन दिल्ली वालों के लिए मुसीबत बनकर आता है। हवा में घुल रहा जहर तंदुरुस्त लोगों को भी बीमार कर रहा है और सांस के मरीजों के लिए तो ये जानलेवा बन रहा है।
बदलाव जारी रहेगा या फिर टूटेगा रिवाज
राजस्थान में तीन दशक से रिवायत रही है कि जनताजनार्दन हर पांच साल बाद सरकार को बदल देती है। पांच साल के लिए भाजपा और पांच साल के लिए कांग्रेस के इस रिवाज को इस बार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बदलने का दावा कर रहे हैं और ताल ठोक रहे हैं कि उनकी सरकार 156 सीटों के साथ रिपीट होगी।
आर्थिक बदहाली में चुनाव की ओर पाकिस्तान
पिछले दिनों विश्व कप क्रिकेट टूर्नामेंट में जिस तरह अनाड़ी कहे जाने वाले अफगान खिलाड़ियों के हाथों पाकिस्तान टीम की शर्मनाक हुई, उससे पाकिस्तानी अवाम बहुत मायूस हुई।
युवाओं के लिए रोजगार सृजन बने प्राथमिकता
रेत के टिब्बों, सीमित संसाधनों के बीच एक नवम्बर, 1966 को महापंजाब से जन्मे हरियाणा ने कई चुनौतियों के बावजूद खुद को खड़ा किया।
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के हैं खास मायने
निर्वाचन प्रक्रिया को निर्विघ्न सम्पन्न करवाने के लिए प्रचलित कानून के अलावा कुछ विशेष कानून बनाये गये है। ऐसा ही एक महत्वपूर्ण कानून है- लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951-भ्रष्ट आचरण और निर्वाचन अपराधों के बारे में लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 तथा निर्वाचन संबंधी अपराधों के बारे में भारतीय दण्ड संहिता के अध्याय 9 क के तहत व्यक्ति के भ्रष्ट आचरणों तथा निर्वाचन अपराधों का दोषी पाये जाने पर, विधि के अनुसार उसका निर्वाचन शून्य घोषित किया जा सकता है या उसे जैसा कि विधि में बताया गया है, जुर्माने से अथवा दोनों से दंडित किया जा सकता है।
चुनावी जय-वीरू और गब्बर को पहचानना जरूरी
मध्यप्रदेश विधानसभा के चुनाव, चुनाव न हुए शोले फिल्म हो गए। इस चुनाव में कांग्रेस के दिग्विजय सिंह और कमलनाथ की जोड़ी को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जय-वीरू की जोड़ी क्या कहा, सचमुच उन्होंने अपने आपको इसी रूप में स्वीकार भी कर लिया और पलटकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को चुनावी शोले फिल्म का गब्बर सिंह कह दिया।
सामूहिक जवाबदेही में प्रदूषण का समाधान
देश की राजधानी दिल्ली ही नहीं, सम्पूर्ण राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र भीषण प्रदूषण की चपेट में है। विडंबना है कि ग्रैप यानी ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान लागू होने के लगभग 30 दिन बाद भी प्रदूषण कम होने का नाम नहीं ले रहा।
पर्यावरण की अनदेखी करना छोड़िए भविष्य में ये मानवता पर भारी पड़ेगी
देश के लगभग पूरे राज्यों में पर्यावरण की अनदेखी की जा रही है। विकास के नाम पर हम पर्यावरण का विनाश करते जा रहे हैं। सरकार और जनता को एक साधारण सी सच्चाई स्वीकार करते नहीं बन रहा है कि प्रकृति हमारी रक्षा कर सकती है जब हम उसकी रक्षा करें।
मिशन शक्ति अभियान के जरिये यूपी में महिलाओं के सशक्तिकरण में जुटी है योगी सरकार
नारी सुरक्षा तथा नारी सम्मान को बढ़ावा देने एवं स्त्रियों को आत्मनिर्भर व सशक्त बनाने के उद्देश्य से प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में नवरात्रि के पावन अवसर पर विगत तीन वर्षों से मिशन शक्ति का आयोजन किया जाता रहा है। इस नवरात्रि पर योगी सरकार ने मिशन शक्ति अभियान के चतुर्थ चरण का श्रीगणेश किया। प्रत्येक की भांति प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी नवरात्रि में नौ दिनों का व्रत रखते हैं और गोरखनाथ पीठ में परम्परानुसार कन्या पूजन करते हैं।
कांग्रेस आलाकमान पर हावी होती जा रही है कमलनाथ-दिग्विजय सिंह की जोड़ी?
विपक्षी गठबंधन में शामिल कई ऐसे दल हैं जिनके साथ कांग्रेस के रिश्ते कभी खट्टे कभी मीठे रहे हैं लेकिन भाजपा को हराने के नाम पर कांग्रेस ने इन सब दलों के साथ बैठना और सीटों को लेकर समझौता तक करना स्वीकार कर लिया है। अखिलेश यादव के प्रकरण ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है की मध्य प्रदेश के दो पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह की जोड़ी कांग्रेस आलाकमान पर भारी पड़ती हुई नजर आ रही है।
राजस्थान में गलतियां बढ़ा रही भाजपा की परेशानी
राजस्थान में भाजपा को चुनाव जीतने की कितनी जल्दी बाजी हो रही है। इसका एक उदाहरण हाल ही में सामने आया है। जिससे भाजपा की बड़ी फजीहत हो रही है। विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा द्वारा राजस्थान में कांग्रेस सरकार के खिलाफ % नहीं सहेगा राजस्थान% अभियान चलाया जा रहा है। कुछ दिनों पूर्व इसी अभियान के तहत भाजपा द्वारा किसानों से जुड़ा हुआ एक पोस्टर जारी किया गया था। जिस पर एक किसान का फोटो लगाकर लिखा गया था कि राजस्थान में 19000 से अधिक किसानों की जमीनें नीलाम नहीं सहेगा राजस्थान।
भाजपा में सक्रिय हैं टिकट के दावेदार
भाजपा ने केंद्रीय मंत्रियों व सांसदों को उन्ही सीटों पर मैदान में उतर है जहां पार्टी लगातार चुनाव हार रही है। मगर सांसदों को विधानसभा चुनाव में टिकट देने से उस क्षेत्र में भारी विरोध की स्थिति पैदा हो गई है। कई क्षेत्रों में प्रत्याशी पिछले पांच साल से चुनाव की तैयारी कर रहे थे। अचानक ही वहां सांसदों को टिकट दे दी गई। जिससे उनमें नाराजगी व्याप्त हो रही है। राजस्थान के जयपुर में विद्याधर नगर सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री भैरोंसिंह शेखावत के दामाद नरपत सिंह राजवी अभी मौजूदा विधायक है। उन्होंने पिछला विधानसभा चुनाव करीबन 31232 वोटो से जीता था। उनका टिकट कटने से उन्होंने खुलकर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने तो यहां तक कहा है कि मेरा टिकट काटकर मुगलों के सामने घुटने टेकने वाले जयपुर राज परिवार की राजकुमारी को टिकट देना कहां का इंसाफ है।
मोहन मरकाम और संतराम नेताम के नामांकन में शामिल हुए सीएम, अमित शाह पर साधा निशाना
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मोहन मरकाम एवं संतराम नेताम के नामांकन दाखिले में शामिल होने के लिए कोंडागांव पहुंचे। जहां नामांकन के बाद उन्होंने आमसभा को संबोधित किया। भूपेश बघेल के साथ उड़ीसा के सांसद व छत्तीसगढ़ प्रभारी सप्तगिरि उलका ने आमसभा को संबोधित किया।
अतुलनीय भारत और मध्यप्रदेश का पर्यटन
अतुलनीय भारत, भारत सरकार पर्यटन विभाग का अभियान है, जो भारतीय पर्यटन को ना केवल देश में बल्कि विदेशों में भी मार्केटिंग करता है। भारत विश्व के शीर्ष पांच पर्यटक स्थलों में से एक है। इसलिए भारतीय पर्यटन विभाग द्वारा वर्ष 2002 में अतुल्य भारत (इनक्रेडिबल इंडिया) के नाम से एक नया अभियान शुरू किया गया।
एमपी चुनाव को लेकर भाजपा नेतृत्व की रणनीति
मजे की एक बात ये भी है कि जिन सांसदों को विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी बनाया गया है उनमने से नरेंद्र सिंह तोमर, कैलाश विजयवर्गीय, प्रह्लाद पटेल और फग्गन सिंह कुलस्ते का नाम अनेक बार शिवराज सिंह चौहान के विकल्प के रूप में भी उछला, किन्तु इन चारों के भाय में शायद मुख्यमंत्री बनना लिखा नहीं था, सो हर बार फैसला टल गया और शिवराज सिंह चौहान साफ़ बच गए। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर मुरैना जिले की सबसे आसान माने जाने वाली दिमनी सीट से प्रत्याशी बनाये गए है। ये पहले सुरक्षित सीट थी और लम्बे आरसे तक भाजपा के कब्जे में रही।
'इंडिया' का इस्तेमाल रोकने की सरकारी कवायद
यह संयोग ही है कि विपक्षी पार्टियों के 'इंडिया' (इंडियन नेशनल डेमोक्रेटिक इंक्लूसिव अलायन्स) के नाम से एक मंच पर आने के बाद से भाजपा सरकार आधिकारिक दस्तावेजों में 'इंडिया' शब्द के इस्तेमाल से बच रही है और उसके पितृ संगठन आरएसएस ने एक फतवा जारी कर कहा है कि हमारे देश के लिए केवल 'भारत' शब्द का प्रयोग होना चाहिए।
भारतीय रेल की ऑन बोर्ड हाऊस कीपिंग सर्विस हुई धांधलियों का शिकार
रेल यात्रियों को सुलभ और साफ सफर मुहैया कराने के उद्देश्य से कुछ वर्षों पहले शुरू की गई 'ऑन बोर्ड हाऊस कीपिंग सर्विस' अब लगातार धांधलियों का शिकार होती जा रही है। चलित यात्रा के दौरान कोच की सफाई, बेड रोल की सप्लाई, कोच में स्वच्छता के कार्य करना इत्यादि का कार्य, इस सेवा में शामिल किया गया हैं और इन सबके लिए रेल्वे ने ये काम निजी कंपनियों को सौंप रखे हैं। मैकेनिकल डिपार्टमेंट के तहत चलने वाली इन सेवाओं में कार्यरत स्टाफ बेहद लापरवाह हो चुका है। सफाई में कार्यरत स्टाफ के साथ-साथ कोच अटैण्डेंट की सेवाओं में भारी लापरवाही बरती जा रही है, नतीजा ये हो रहा है कि रेल से प्रतिदिन यात्रा करने वाले लाखों यात्री पर्याप्त सेवाओं से वंचित हो रहे हैं। ताज्जुब की बात तो ये है कि सेवा में कमी के लिए जिम्मेदार ठेकेदार पर रेल्वे मामूली जुर्माना लगाती है, मगर जिम्मेदार अधिकारियों पर कोई कार्रवाई होती ही नही है। ये सिलसिला जारी है, मगर सुधार के अवसर दिखाई नहीं देते है।
चुनावी रथ में ही क्यों सवार होती हैं जन-हित योजनाएं
आजादी के अमृतकाल के पहले लोकसभा एवं पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव की आहट अब साफ-साफ सुनाई दे रही है, राज्यों में चुनावी सरगर्मियां उग्र हो चुकी है। भारत के सभी राजनीतिक दल अब पूरी तरह चुनावी मुद्रा में आ गये हैं और प्रत्येक प्रमुख राजनैतिक दल इसी के अनुरूप बिछ रही चुनावी बिसात में अपनी गोटियां सजाने में लगे दिखाई पड़ने लगे हैं।
वैश्विक भूख सूचकांक 2023 में भारत की स्थिति
अभी कुछ महापूर्व संयुक्त राष्ट्र ने अपने ऑथराइज्ड बयान में कहा था कि भारत में पिछले 15 वर्षों में 37.5 करोड लोग गरीबी रेखा के ऊपर आए हैं और भारतीय नीति आयोग ने कुछ महीने पूर्व कहा था भारत पिछले 5 वर्षों में 13 .5 करोड लोग गरीबी रेखा के ऊपर आए हैं।
महिला आरक्षण के प्रति राजनीतिक पार्टियों का दृष्टिकोण
केंद्र सरकार ने गत 18 से 22 सितंबर के बीच पांच दिनों के लिए 17वीं लोकसभा का 13वां सत्र और राज्यसभा का 261वां सत्र विशेष बुलाया था। इन्हें विशेष सत्र के रूप में बुलाया गया था। किसी भी दल अथवा नेता को संसद के इस विशेष सत्र के एजेंडे की आधिकारिक तौर पर कोई जानकारी नहीं थी। हाँ तरह तरह के कयास जरूर लगाए जा रहे थे।
चुनावों के दृष्टिगत सक्रिय है भाजपा नेतृत्व
कभी चाल, चरित्र व चेहरा की बात करने वाली भाजपा में अब बड़े बदलाव की बयार चल रही है। इन दिनो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक नई भाजपा बन रही है। पार्टी के सभी पुराने छत्रपों को एक-एक कर किनारे लगाया जा रहा है। प्रदेशों में भाजपा के बड़े नेताओं को सक्रिय राजनीति से दूर कर घर बैठा दिया गया है।
अमेरिका में बना दुनिया का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर
वैश्विक स्तर पर आदि अनादि काल से भारत संस्कृति, वास्तुकला व आध्यात्मिकता का गढ़ रहा है जो हजारों वर्ष पूर्व के भारतीय इतिहास में हमें देखने को मिलता है।
शिक्षा के पक्षधर थे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी
महात्मा गांधी को विद्यार्थियों से मिलना-जुलना और उनसे बातें करना पसंद था। वे स्कूलों, कॉलेजों और विश्व विद्लायों में भी अक्सर जाते थे। वे एक बार मास्टर जी की भी भूमिका में आ गए थे। वे पहली बार 12 मार्च 1915 को राजधानी दिल्ली आए तो सेंट स्टीफंस कॉलेज में ठहरे। वे वहां पर छात्रों और फेक्टी से भी मिले। उनके साथ सामयिक सवालों पर लंबी चर्चाएं की।
मोदी के सेवाभावी नेतृत्व में भारत का हो रहा यशोगान
'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' की शुरुआत माननीय प्रधानमंत्री ने 22 जनवरी, 2015 को पानीपत, हरियाणा में की थी। इस योजना से शिशु लिंग अनुपात में कमी को रोकने में मदद मिली है और महिलाओं के सशक्तीकरण से जुड़े मुद्दों को भी प्रोत्साहन मिला है।
फोटोग्राफी के क्षेत्र में कॅरियर बनाने के अवसर
फोटोग्राफी का शौक ज्यादातर लोगों को होता है लेकिन जिन लोगों को इसमें ज्यादा रुचि होती है वो इसी क्षेत्र में अपना करियर बनाने की कोशिश करते हैं। बेहतर तकनीक वाले कैमरा फोन के आने से फोटोग्राफी का शौक आज हर किसी में देखा जा सकता है। अगर आप भी अच्छी तस्वीरें लेना और रचनात्मक तरीके से सोचना जानते हैं तो आप अपनी फोटोग्राफी स्किल्स को बेहतर बनाकर इस क्षेत्र में बेहतर करियर बना सकते हैं। मीडिया, ब्लॉगर्स, फूड पोर्टल्स, ट्रैवल पोर्टल्स और बड़े फैशन स्टोर्स के आने के बाद। मार्केट में फोटोग्राफर्स की डिमांड लगातार बढ़ती जा रही है। फोटोग्राफरों की जीवनशैली बहुत मज़ेदार होती है क्योंकि वे अक्सर मशहूर हस्तियों या प्रसिद्ध लोगों से मिलते हैं और दुनिया भर की यात्रा करते हैं लेकिन फ़ोटोग्राफी करना इतना आसान नहीं है। एक फोटोग्राफर को एक क्लिक के लिए कई घंटों और कभी-कभी महीनों तक भी इंतजार करना पड़ सकता है। आप शादियों, सांस्कृतिक कार्य मों आदि की तस्वीरें खींचकर भी अपना व्यवसाय चला सकते हैं।
अच्छे खिलाड़ी देने लगे हैं टी-20 को महत्व
गैरी सोबर्स, रोहन कन्हाई, ग्रिफिथ जैसे क्रिकेटरों ने जिस कैरेबियन क्रिकेट को ऊंचाई पर पहुंचाया था, उस पर सत्तर के दशक में क्लाइव लायड और उनके साथियों ने और सितारे जड़े। स्टार क्रिकेटरों की जो कमी आज कैरेबियन क्रिकेट झेल रहा है, कभी अपने स्टार खिलाड़यिों की बदौलत उसकी बादशाहत थी। लेकिन अब वेस्टइंडीज विश्व कप के लिए क्वालीफाई भी न कर सकी। वेस्टइंडीज का विश्व कप में खेलने का रास्ता किसी बड़ी टीम ने नहीं बल्कि स्काटलैंड जैसी टीम ने रोका है।
शिक्षा से मजबूत होता है मानवीय दृष्टिकोण
इंग्लिश व्याकरण, थर्मोडायनामिक्स, मध्ययुगीन इतिहास या कंप्यूटर इंजीनियरिंग या फिर फायनेंशल मैनेजमेंट क्या इनसे परे शिक्षा में कुछ ऐसा है जिसको लेकर एक अध्यापक को चिंता होनी चाहिए? जब हमने हाल ही में शिक्षक दिवस मनाया है तो शायद यह सवाल बेमानी नहीं है।
प्लास्टिक कचरा के प्रति जाग्रत हो समाज
वर्तमान में प्लास्टिक कचरा बढ़ने से जिस प्रकार से प्राकृतिक हवाओं में प्रदूषण बढ़ रहा है, वह मानव जीवन के लिए तो अहितकर है ही, साथ ही हमारे स्वच्छ पर्यावरण के लिए भी विपरीत स्थितियां पैदा कर रहा है। हालांकि इसके लिए समय-समय पर सरकार और सरकारी सहयोग लेकर चलने वाली गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा जागरण अभियान भी चलाए जा रहे हैं, परंतु परिणाम उस गति से मिलता दिखाई नहीं देता।
आजादी के अमृतकाल में नारीशक्ति का जागरण बहुत सुखद संकेत है
अमृतकाल में नये संसद भवन में प्रवेश करते ही महिलाओं को सक्षम बनाने के उद्देश्य से नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2023 पारित कर भारत सरकार ने इतिहास रचने का काम किया है। निश्चित ही यह नये व विकसित भारत का प्रतिबिम्ब है।