This story is from the February 2020 edition of Media Map Hindi.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Sign In
This story is from the February 2020 edition of Media Map Hindi.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Sign In
सत्तारुढ़ राष्ट्रपति ट्रम्प को चुनाव हराना है मुश्किल
आज भारत और अमेरिका के पारस्परिक सम्बन्ध एक बहुत मैत्रीपूर्ण है। इसका कारण यह है कि दोनों देश एक दूसरे के हितो के पूरक है। भारत को अमेरिका की तकनीकी और पूंजी निवेश की आवश्यकता है तो अमेरिका विश्व में चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए भारत को सबसे समर्थ सहभागी मानता है।
भारतीय संस्कृति के प्रतीक संत रविदास
संत रविदास जी राम और खुदा में, कृष्ण और करीम में, वेद और कुरआन में कोई भेद नहीं मानते। रविदास जी कहते है कि मुसलमान और हिन्दू दोनों से मिलता और प्रेम करना चाहिए क्योंकि सभी परमात्मा की ज्योति से उत्पन्न हुए है।
दिल्ली के चुनाव परिणाम क्या इंगित करेंगे?
महाराष्ट्र और झारखण्ड में सत्ता गवाने के बाद और हरियाणा में अपने खराब प्रदर्शन के कारण आज भाजपा की यह मज़बूरी है कि वह दिल्ली का चुनाव जीत कर साबित करे कि वह अभी भी अजेय है और मोदी का जादू बरकरार है। मुसलमान मतदाता कांग्रेस की ओर लौट रहे है और शायद दलित मतदाता भी उनके पीछे- पीछे कांग्रेस में आएंगे। कांग्रेस की स्थिति में सुधार से दिल्ली में जो त्रिकोणीय संघर्ष होगा उसका फायदा भाजपा को होने की संभावना है।
क्या शिवाजी हिन्दुत्व का प्रतीक थे?
पिछले दिनों में धर्मान्धता की आंधी ने हमारा चिन्तन ही मानो कुठित कर दिया है। अपने इतिहास को समझने में हम विश्लेषण और अध्ययन के स्थान पर पूर्वाग्रहों का सहारा लेने लगे हैं।
मीडिया के सकारात्मक एवं आशावादी सामग्री की मांग
मीडिया में सकारात्मक एवं आशावादी सामग्री की अभिवृद्धि के लिए एक मीडिया सेमिनार का आयोजन किया गया । इस सेमिनार में “ भविष्य की परिदृश्य बेहतर बनाने में मीडिया की भूमिका" के विषय पर पत्रकारों के लिए रखी गयी एक मीडिया डायलाग कार्यक्रम सम्पर्ण किया गया ।
पत्रकारिता के समक्ष अंतर्राष्ट्रीय चुनौतियां
दिसम्बर 2019 दुनिया की मीडिया और राजनीति के इतिहास मे हमेशा याद किया जाएगा, ब्रिटेन मे अनुदारवादी दक्षिणपंथी दल, कॉनसरवेटिव पार्टी की जीत ने यह साबित कर दिया है कि आम आदमी अब सिर्फ तमाशबीन की तरह व्यवहार करता है।
वर्ष 2020: दोराहे पर खड़ी भाजपा
"वर्ष 2018 के अंत में भाजपा ने मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे महत्वपूर्ण राज्यों में अपनी सत्ता गवाई । इससे मोदी के प्रधानमंत्री पहले में भी गुजरात गृह राज्य भाजपा का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। फिर इस वर्ष विधानसभा चुनावों में जहां महाराष्ट्र में भाजपा की सीटें कम हुई ।"
गाँधी की दृष्टि में समावेशी विकास
आजादी के तकरीबन 72 वर्ष बाद आज अनेक विसंगतियों, दुर्बलताओं, विफलताओं और असमानताओं के बावजूद देश प्रगति के जिस सोपान पर खड़ा है । गाँधी कि समावेशी विकास दृष्टि कोई साफगोई से रही जाने वाली भूमण्डलीकरण युग कि आर्थिक संरचना नहीं है बल्कि आर्थिक मानवाधिकारों का गतिमान व स्थायी आग्रह है साथ ही साथ मनुष्य की गरिमा की हिफाजत का अनुरोध भी है।
भारतीय उद्योग जगत के पितामह
वर्ष 1840 में जन्मे जमशेदजी टाटा भारतीय उद्योग जगत के पितामाह कहे जाते हैं । जिन्होंने अपनी कर्तव्यनिष्ठा और लगन के साथ मध्ययुगीन भारत सहाराहनीय भूमिका अदा की । आज पहुंचाने में एक को आधुनिक युग तक जब धर्मांधता और संकीर्णतावादी मनोवृति से राष्ट्र ग्रसित है तब ऐसे में आवश्यकता है कि हमें जमशेदजी टाटा जैसे व्यक्तित्व से प्रेरणा लेकर राष्ट्र के कार्य में पुनः लग जायें ।
भावनात्मक मुद्दों का घटता प्रभाव
झारखंड जैसे अपेक्षाकृत छोटे राज्य के चुनाव परिणाम भारतीय राजनीति के लिए कोई निश्चित दिशा का संकेत है क्या?