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वैज्ञानिक विधि से धान की नर्सरी की तैयारी
धान, भारत सहित कई एशियाई देशों की मुख्य खाद्य फसल है। खरीफ मौसम की मुख्य फसल धान लगभग पूरे भारत में उगाई जाती है।

कृषि संकट सामाजिक एवं सांस्कृतिक संदर्भ में
मौजूदा समय में पंजाब के किसानी संकट का एक प्रसार मौजूदा शैक्षिक संस्कृति में निजी क्षेत्र के फैलाव के साथ भी जुड़ा हुआ है। पंजाब की किसानी के पास अपने संकटों से उभरने के कई तौर तरीके बताए जाते हैं। कृषि विशेषज्ञों एवं सरकार की ओर से फसली विभिन्नता का सुझाव दिया जा रहा है।

सण्डा विधि से धान की रोपाई
मृदा में प्रचुर मात्रा में फास्फोरस खाद का (90 किलोग्राम फास्फोरस प्रति है.) प्रयोग करना चाहिये। यदि फास्फोरस खाद कम मात्रा में डाली गई है, तो सण्डा धान के पौधों की जड़ों को 3 प्रतिशत फास्फोरस के घोल में 2 घण्टे तक डुबो कर रखना चाहिये।

रबी मक्का के प्रमुख रोग एवं उनके एकीकृत प्रबंधन
भारत में चावल और गेहूं की खेती के बाद मक्का तीसरा सबसे महत्वपूर्ण खाद्यान्न है। उच्च ऊर्जा मूल्य और कम पोषण-विरोधी गुणों के कारण इसकी उपज क्षमता सबसे अधिक है और लोकप्रियता प्राप्त कर रही है।

दुनिया भर में घट रही है नाइट्रोजन
नाइट्रोजन की उपलब्धता पारिस्थितिक तंत्र के कामकाज और जीवों के पोषक तत्वों के लिए महत्वपूर्ण है। हालांकि इस बात के प्रमाण बढ़ रहे हैं कि कई स्थलीय पारिस्थितिक तंत्रों में नाइट्रोजन की उपलब्धता घट रही है। नाइट्रोजन की उपलब्धता में गिरावट के परिणाम काफी हानिकारक हो सकते हैं।

टमाटर : समीक्षा, खेती, समस्याएं एवं निदान
टमाटर को दो मौसमों में बोया जा सकता है अर्थात् बसंत-ग्रीष्म और शरद ऋतु-सर्दी । बसंतगर्मी की फसल के लिए दिसंबर के महीने में नर्सरी में बीज बोए जाते हैं और शरद ऋतुसर्दियों की फसल के लिए जून-जुलाई में बीज बोए जाते हैं।

उर्वरक सब्सिडी 1.65 लाख करोड़ रु. होगी
यूरिया विनिर्माताओं की लाभप्रदता काफी हद तक सुरक्षित रहती है, लेकिन बढ़ती लागत के बावजूद आरएसपी अपरिवर्तित रहने का मतलब यह होगा कि सरकार को एक बड़ा सब्सिडी खर्च देना होगा।

टमाटर की फसल में कीट एवं रोग प्रबन्धन
फसल सुरक्षा

धान में बीजोपचार का महत्व
भारी नीचे बैठे हुए बीजों को निकाल कर साफ पानी में तीन-चार बार धो लें। ध्यान रहे कि नमक बीजों से पूरी तरह साफ कर लें अन्यथा बीजों का जमाव कम होगा। इसलिए बीजों पर नमक का अंश नहीं रहना चाहिए।

शुष्क खेती में पोषक तत्वों का प्रबंधन
शुष्क भूमि में नाइट्रोजन तथा सूक्ष्म पोषक तत्वों को छिड़काव विधि से दिया जाता है। भूमि में पर्याप्त नमी न होने पर घोल को छिड़काव के रूप में देना लाभदायक रहता है।

बेल वाली सब्जियों में मुख्य बीमारियों की रोकथाम कैसे करें?
बागवानी

खाद कंपनियों ने बढ़ाना शुरू किया दाम
यूरिया की सालाना मांग का एक तिहाई आयात किया जाता है। फरवरी के आखिर में तैयार डीएपी का आयात मूल्य 900 डॉलर प्रति टन से बढ़कर करीब 1050 से 1100 डॉलर प्रति टन हो गया है और इसमें 17 से 22 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।

केंचुआ खाद टिकाऊ खेती एवं आमदनी का अच्छा स्त्रोत
वर्मी कम्पोस्टिंग में केंचुओं की उन प्रजातियों का चयन किया जाता है जिनमें प्रजनन व वृद्धि दर तीव्र हो, प्राकृतिक तापमान के उतार चढ़ाव सहने की क्षमता हो तथा कार्बनिक पदार्थों को शीघ्रता से कम्पोस्ट में परिवर्तित करने की क्षमता हो। उदाहरणतया आइसीनियाँ फीटिडा, यूडरीलस, यूजेनी तथा पेरियोनिक्स एकस्केवेटस।species of earthworms

कृषि व्यापार में प्रबंधन का महत्व
"आधुनिक कृषि सैक्टर के सामने अनेक मसले, समस्याएं एवं संभावनाएं दरपेश हैं। इन स्थितियों के मद्देनजर कृषि को वैज्ञानिक स्तर पर चलाना एवं मंडी आधारित अर्थ-व्यवस्था में सफल होने के लिए नई सोच को अपनाना एक नई चुनौती के रुप में उभर कर सामने आई है। व्यापारिक दृष्टि के बिना आधुनिक समय में कृषि में सफलता लगभग असंभव है।"

आँवला एक गुण अनेक
चरक संहिता में आयु बढ़ाने, बुखार कम करने, खांसी ठीक करने और कुष्ठ रोग का नाश करने वाली औषधि के लिए आंवले का उल्लेख मिलता है। इसी तरह सुश्रुत संहिता में आंवला के औषधीय गुणों के बारे में बताया गया है।

खेतों को अधिक उपजाऊ बनाते हैं केंचुए
शोधकर्ता इस बात से चकित थे कि कृमि नाइट्रोजन कितनी तेजी से मिट्टी के माध्यम से, जड़ों तक, पौधों में और पौधों के रस पर भोजन करने वाले कीड़ों में चली जाती है। यहां बताते चलें कि ग्रीनफ्लाई फसलों और उद्यान के पौधों का एक आम कीट है।

प्राकृतिक ढंग से होगा चिचड़ों का इलाज
वैज्ञानिकों ने घरेलू उपायों से पशुओं में संक्रमण फैलाने वाले जीवों का उपचार खोजा है। इसके लिए नीम जिसका वैज्ञानिक नाम अजादिराछा इंडिका है और निर्गुन्डी जिसे वैज्ञानिक तौर पर विटेक्स नेगुंडो के नाम से जाना जाता है, इनका उपयोग कर यह दवा या फॉर्मूलेशन तैयार किया गया है।

स्ट्राबेरी के प्रमुख रोगों का प्रबंधन
फसल सुरक्षा

मृदा पोषकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण यूरिया ब्रिकेटस
पोषक तत्व - राजस्थान

मृदा अपरदन के कारण और रोकने के उपाय
मृदा पृथ्वी की सबसे ऊपरी परत है जो कि जीवन बनाये रखने में सक्षम है। किसानों के लिये मृदा का बहुत अधिक महत्व होता है, क्योंकि किसान इसी मृदा से प्रत्येक वर्ष स्वस्थ व अच्छी फसल की पैदावार पर आश्रित होते हैं।

मप्र सरकार का कृषि बजट में किसानों की जमीनी जरुरतों का रखा है ख्याल
कृषि बजट

बैंगन का जड़ गाँठ रोग एवं उसका प्रबंधन
फसल सुरक्षा

बहुआयामी कीट प्रबंधन समय की आवश्यकता
किसान को कीटों के बारे में जानकारी हो तो इन स्प्रेयों के खर्च से बचा जा सकता है। प्रत्येक फसल में यदि फसल को नुक्सान पहुँचाने वाले शाकाहारी (दुश्मन) कीट आते हैं तो इन कीटों की आबादी को प्राकृतिक तौर पर नियंत्रण में रखने के लिए अनेकों मांसाहारी (मित्र) कीट भी फसलों पर आते हैं। आवश्यकता है इन कीटों की जानकारी एवं इनके सर्वेक्षण की विधि के ज्ञान के बारे में।

पौष्टिक भोजन उत्पादन के लिए टिकाऊ कृषि आवश्यक
पोषक भोजन उत्पादन

पौधों के प्रमुख पोषक तत्व तथा उनके उर्वरकों का प्रबंधन
पोषक तत्व

पपीता की नर्सरी तैयार करना
बागवानी - राजस्थान

कृषि में ड्रोन की बढ़ती भूमिका
डिजीटल इंडिया

सीताफल (शरीफा) की खेती और स्वास्थ्य संबंधित लाभ
यह स्वस्थ रहने के लिए सही प्रकार का फल है। सीताफल ऊष्मांक में उच्च है। लेकिन लोहा, फास्फोरस, कैल्शियम और राइबोफ्लेविन जैसे खनिज इसमें शामिल हैं। सीताफल में प्रोटीन, फाइबर, खनिज, विटामिन और ऊर्जा है। यह कम वसा युक्त फल है।

सूखा सहन करने वाली फसलें बेहतर पोषण और टिकाऊ कृषि के लिए अहम
किसानी मुद्दे

फसल चक्र और गर्मी में गहरी जुताई का सूत्रकृमि प्रबंधन में महत्व
फसल सुरक्षा