अभी अक्टूबर में इसकी अगेती फसल की बुवाई करके किसान बहुत अच्छा लाभ कमा सकते हैं। यदि कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो इसकी अगेती फसल से काफी अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। आइए जानते हैं किस प्रकार आलू की अगेती बुवाई करके आप बढ़िया कमाई कर सकते हैं।
आलू की जल्दी तैयार होने वाली किस्में: कुफरी अशोक, कुफरी पुखराज और कुफरी सूर्या आलू की उन्नत किसमें हैं और ये बहुत जल्दी तैयार हो जाते हैं।
कुफरी अशोक: इस किस्म के कंदों का रंग सफेद होता है और ये लगभग 75 से 85 दिनों के भीतर खींच कर तैयार हो जाता है। इसकी उत्पादन कूबत 300 से 350 क्विंटल प्रति हैक्टेयर होती है।
कुफरी पुखराज: इस प्रजाति के आलू के कंदों का रंग सफेद और गूदा पीला होता है। इसकी फसल 70 से 80 दिनों में पक कर तैयार हो जाती है। हैक्टेयर खेत में 350 से 400 क्विंटल फसल पाई जा सकती है।
कुफरी सूर्या: इस किस्म के आलू का रंग सफेद होता है और यह किस्म 75 से 90 दिनों के भीतर पक कर तैयार हो जाती है। इसमें प्रति हैक्टेयर लगभग 300 क्विंटल की पैदावार होती है।
आलू की मध्यम समय में तैयार होने वाली किसमें: कुफरी ज्योति, कुफरी अरुण, कुफरी लालिमा, कुफरी कंचन और कुफरी पुष्कर मध्यम अवधि में तैयार होने वाली आलू की किस्में हैं।
कुफरी ज्योति: इस आलू के कंद सफेद रंग के अंडाकार और उथली आंखों वाले होते हैं। यह किस्म 90 से 100 दिनों में पक कर तैयार हो जाती है। इसकी एक हैक्टेयर में लगभग 300 क्विंटल फसल मिलती है।
कुफरी अरुण: इस आलू के कंदों का रंग लाल होता है और यह पकने में 100 दिन का समय लेती है। इससे प्रति हैक्टेयर 350 से 400 क्विंटल की उपज प्राप्त की जा सकती है।
कुफरी लालिमा: इस आलू के कंदों का रंग लाल होता है और यह 90 से 100 दिनों में पक जाती है। इसकी एक हैक्टेयर में 300 से 350 क्विंटल उपज प्राप्त की जा सकती है।
This story is from the 15th October 2022 edition of Modern Kheti - Hindi.
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मृदा में नमी की जांच और फायदे
नरेंद्र कुमार, संदीप कुमार आंतिल2, सुनील कुमार। और हरदीप कलकल 1 1 कृषि विज्ञान केंद्र सिरसा, चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय 2 कृषि विज्ञान केंद्र, सोनीपत, चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय
निस्तारण की व्यावहारिक योजना पर हो अमल
पराली जलाने से हुए प्रदूषण से निपटने के दावे हर साल किए जाते हैं, लेकिन आज तक इस समस्या का स्थायी समाधान नहीं निकल सका है। यह समस्या हर साल और विकराल होती चली जा रही है।
खाद्य और पोषण सुरक्षा के लिए कारगर है कृषि वानिकी
जैसे-जैसे विश्व की आबादी बढ़ती जा रही है, लोगों की खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने की चुनौती भी बढ़ रही है।
बढ़ा बजट उबारेगा कृषि को संकट से
साल था 1996 चुनाव परिणाम घोषित हो चुके थे और अटल बिहारी वाजपेयी को निर्वाचित प्रधानमंत्री के रुप में घोषित किया जा चुका था।
घट नहीं रही है भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि की 'प्रधानता'
भारतीय अर्थव्यवस्था में एक विरोधाभास पैदा हो गया है। तेज आर्थिक विकास दर के फायदे कुछ लोगों तक सीमित हो गए हैं जबकि देश की आबादी का बड़ा हिस्सा कृषि पर निर्भर है।
कृषि विकास का राह सहकारिता
भारत को 2028 तक पांच खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का इरादा है और इसमें जिन तत्वों और सैक्टर के योगदान की जरुरत पड़ेगी, उनमें एक है सहकारिता क्षेत्र।
मधुमक्खियां भी हो रही हैं प्रभावित हवा प्रदूषण से
सर्दियों का मौसम आते ही देश के कई हिस्से प्रदूषण की आगोश में समा गए हैं, खासकर देश की राजधानी दिल्ली जहां सांसों का आपातकाल लगा हुआ है।
ज्वार की रोग एवं कीट प्रतिरोधी नई किस्म विकसित
भारत श्री अन्न या मोटे अनाज का प्रमुख उत्पादक है और निर्यात के मामले में भी हमारा देश दूसरे पायदान पर है।
खरपतवारों के कारण होता है फसली नुकसान
खरपतवार प्रबंधन पर एक संयुक्त अध्ययन में खुलासा हुआ है कि हर साल भारत में फसल उत्पादन में करीब 192,202 करोड़ रुपये का नुकसान खरपतवारों के कारण होता है।
जलवायु परिवर्तन बनाम कृषि विकास...
कृषि और प्राकृतिक स्रोतों पर आधारित उद्यम न केवल भारत बल्कि ज्यादातर विकासशील देशों की आर्थिक उन्नति का आधार हैं। कृषि क्षेत्र और इसमें शामिल खेत फसल, बागवानी, पशुपालन, मत्स्य पालन, पॉल्ट्री संयुक्त राष्ट्र के दीर्घकालिक विकास लक्ष्यों खासकर शून्य भूखमरी, पोषण और जलवायु कार्रवाई तथा अन्य से जुड़े हुए हैं।