परिचय : गन्ना (सैकरम ऑफिसिनेरम) ग्रैमिनी (पोएसी) परिवार का पौधा है, भारत में गन्ना व्यापक रूप से उगाई जाने वाली फसल है। यह राष्ट्रीय आय में महत्वपूर्ण योगदान देने के अलावा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से दस लाख से अधिक लोगों को रोजगार भी प्रदान करता है। दुनिया में गन्ना उगाने वाले देश उष्णकटिबंधीय से उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों तक फैले भूमध्य रेखा के 36.7 उत्तर और 31.0 दक्षिण अक्षांश के बीच स्थित हैं। गन्ने की उत्पत्ति न्यूगिनी देश में हुई थी जहाँ यह हजारों वर्षों से जाना जाता है। गन्ने के पौधे एशिया और भारतीय उप महाद्वीप में मानव प्रवास मार्गों द्वारा लाया गया। यह कुछ जंगली गन्ने के साथ संकरण विधि द्वारा तैयार किया गया था, जिसे आज हम व्यावसायिक गन्ने के उत्पादन के लिए जानते हैं।
प्रमुख उत्पादक राज्यों में गन्ने का क्षेत्रफल, उत्पादन और उपज : गन्ना महाराष्ट्र के ऊष्ण जोन में 61.32 मिलियन टन उत्पादन के साथ लगभग 9.4 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में उगाने वाला प्रमुख राज्य है, जबकि तमिलनाडु की उत्पादकता उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में सबसे अधिक है। उत्तर प्रदेश उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्र में सबसे अधिक गन्ना उत्पादक राज्य है, जिसका क्षेत्रफल लगभग 22.77 लाख हैक्टेयर है, जिसमें 135.64 मिलियन टन गन्ने का उत्पादन होता है, जबकि हरियाणा में उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्र में गन्ने की उच्चतम उत्पादकता है।
फसल की उत्पत्ति : भारत में गन्ने की खेती वैदिक काल से होती आ रही है। गन्ने की खेती का सबसे पहला उल्लेख 1400 से 1000 ईसा पूर्व की अवधि के भारतीय लेखन में मिलता है। अब यह व्यापक रूप से स्वीकार किया जाता है कि भारत में सेकेरम बारबेरी प्रजाति का मूल स्थान है। सेकेरम ओफिसेनेरम का मुख्य रूप उत्पत्ति का केंद्र से न्यूगिनी है।
गन्ने की लोकप्रिय किस्में : CoJ 85 यह अगेती मौसम की किस्म है। यह लाल सड़न और पाले के प्रति सहिष्णु है। यह 306 क्विंटल प्रति एकड़ की औसत उपज देती है।
This story is from the 1st February 2023 edition of Modern Kheti - Hindi.
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कपास विज्ञानी - डॉ. इब्रोखिम वाई. अबदूराखमोनोव
डॉ. इब्रोखिम वाई. अबदूराखमोनोव एक उजबेक विज्ञानी हैं जिनको 2013 के इंटरनेशनल कॉटन एडवाईजरी कमेटी रिसर्चर के तौर पर जाना जाता है। डॉ. इब्रोखिम वाई. अबदूराखमोनोव कोलाबोरेटर प्रोजैञ्चट डायरेञ्चटर हैं।
बिहार का सॉफ्टवेयर इंजीनियर कर रहा ड्रैगन फ्रूट की खेती
आज के अधिकांश युवा पीढ़ी के किसान अपनी पारंपरिक खेती से दूर हो रहे हैं। उसी में कुछ ऐसे किसान हैं जो स्टार्टअप के रूप में अत्याधुनिक खेती कर लाखों रुपए कमा रहे हैं।
अब मशीनें पकड़ेंगी दूध में यूरिया की मिलावट
भारत में टैक्नोलॉजी को तेजी से बढ़ाया जा रहा है जिससे आम जनता को काफी फायदा मिल रहा है। अब ज्यादा दिनों तक दूध में यूरिया की मिलावट करने वाली कंपनियां लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ नहीं कर पाएंगी। मिलावटी दूध में यूरिया का पता तरबूज के बीज से लगाने के लिए बायो इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस ढञ्ज-का ने बना लिया है।
मिट्टी जांच के लिए आईआईटी कानपूर ने बनाई मशीन
आईआईटी कानपुर ने मिट्टी की जांच के लिए एक डिवाइस विकसित किया है, जो 90 सैकेंड में मिट्टी के 12 पोषक तत्वों की जांच कर सकता है। यह उपकरण किसानों को उनकी मिट्टी की गुणवत्ता के बारे में तुरंत जानकारी प्रदान करेगा, जिससे वे अपनी फसलों को उचित पोषण दे सकते हैं।
हजार साल पुराना बीज भी हुआ अंकुरित
कृषि वैज्ञानिकों, वनस्पति विज्ञानियों और इतिहासकारों के एक अंतराष्ट्रीय दल को हजार साल पुराने बीज को उगाने में सफलता मिली है। इस बीज से फूटा अंकुर अब एक परिपक्व पेड़ में तब्दील हो चुका है। गौरतलब है कि यह बीज इजरायल की एक गुफा में पाया गया था।
दो अरब लोगों को नहीं मिल रहा पोषक तत्व
विश्व खाद्य दिवस हर साल 16 अक्टूबर को मनाया जाता है, जो वर्तमान समय की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक-भूख और खाद्य असुरक्षा की ओर ध्यान आकर्षित करता है। यह दिन भोजन की कमी और कुपोषण से जूझ रहे लाखों लोगों की दुर्दशा की ओर दुनिया भर का ध्यान आकर्षित करने का भी है, टिकाऊ कृषि, समान खाद्य वितरण और पौष्टिक भोजन तक सभी की पहुंच परम आवश्यक है।
क्या जीएम फसलें लाभकारी हैं?
जेनेटिकली मोडीफाईड फसलें (जीएम) एक बड़े विवाद का विषय रही हैं। हाल ही में मैक्सिको की सरकार ने अपनी सबसे महत्वपूर्ण फसल मक्का को जीएम से बचाने के लिए एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है।
रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि से किसानों को बड़ी राहत
केंद्र सरकार ने प्रमुख रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया। यह बढ़ोतरी विपणन वर्ष 2025-26 के लिए सभी रबी फसलों के लिए की गई। है।
फल, सब्जियों में उपयोग होने वाली नीम तुलसी कीटनाशक बनाने की वैज्ञानिक विधि
फल, सब्जियों की अच्छी पैदावार के लिए नीम तुलसी कीटनाशक काफी लाभदायक साबित होती है। इस कीटनाशक को बनाने के लिए किसानों को अधिक मेहनत करने की जरुरत नहीं है। इसके लिए आज हम आसान वैज्ञानिक विधि लेकर आए हैं, यहां जानें नीम तुलसी कीटनाशक बनाने की पूरी विधि -
उत्तर प्रदेश को FDI लाने में करेगा मदद IFC; कृषि, सोलर और इन्फ्रा क्षेत्रों का होगा विकास
अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (आईएफसी) उत्तर प्रदेश में कृषि क्षेत्र, सौर ऊर्जा और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए आर्थिक सहयोग करेगी। इसके अलावा आईएफसी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश लाने में भी मदद करेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश सरकार और अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (आईएफसी) के बीच हुई बैठक में प्रदेश में बुनियादी ढांचे, सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) और कृषि क्षेत्र में निवेश पर विस्तृत चर्चा की गई।