मछली पालन हेतु ग्रामीण तालाबों की उपयुक्तता: राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में जल संग्रहण हेतु अनेक छोटे एवं बड़े तालाब हैं। तालाबों का निर्माण किया गया इन का उपयोग जल संग्रहण, सिंचाई के अतिरिक्त मछली पालन जैसे अन्य कार्यों में पूर्णरूप से नहीं हो रहा है। जबकि उनमें भारतीय मेजर कार्प मछलियाँ कतला, रोहू, मृगल एवं विदेशी का मछलियाँ मछली पालन एवं जलजीवों के पालन (प्रोटीनयुक्त खाद्य सामग्री के उत्पादन) की काफी प्रबल सम्भावनाएँ हैं। मत्स्य वैज्ञानिकों ने छोटे तालाब में मत्स्य पालन की नवीनतम तकनीक विकसित की है जिसका उपयोग कर ग्रामीण अपनी आमदनी में बढ़ोतरी करने के साथ-साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने व देश की खाद्यान्न उत्पादन व जनसंख्या वृद्धि के बीच अन्तर को कम करने में अपना योगदान दे सकते हैं।
तालाबों में पालने योग्य मछलियाँ: देश में वैज्ञानिकों द्वारा मत्स्य पालन की दृष्टि से विकसित की गई तकनीक को मिश्रित मत्स्य पालन के नाम से जाना जाता है। मिश्रित मछली पालन प्रणाली में एक ही तालाब में एकसाथ विभिन्न प्रकार की दो या दो से अधिक ऐसी प्रजातियों का पालन किया जाता है। आमतौर पर इस प्रणाली में स्वदेशी मेजर कार्प मछलियों का पालन किया जाता है। इस प्रणाली में सुधार कर विदेशी कार्प मछलियों का समावेश किया जाता है जिसे समन्वित मछली पालन कहा जाता है। इससे तालाब में उपलब्ध भोजन सामग्री को अधिकतम उपयोग में लेते हुए अधिक से अधिक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। उत्पादन की दृष्टि से भारत में भारतीय मेजर कार्प एवं विदेशी कार्प मछलियों का पालन एकसाथ किए जाने की प्रणाली में काफी विकास हुआ है एवं इस प्रणाली को देश के सभी प्रान्तों में अपनाया भी गया है। देश में इस प्रणाली के अन्तर्गत पाली जाने वाली मछली की प्रजातियों का विवरण निम्नानुसार है:
This story is from the 1st May 2023 edition of Modern Kheti - Hindi.
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कपास विज्ञानी - डॉ. इब्रोखिम वाई. अबदूराखमोनोव
डॉ. इब्रोखिम वाई. अबदूराखमोनोव एक उजबेक विज्ञानी हैं जिनको 2013 के इंटरनेशनल कॉटन एडवाईजरी कमेटी रिसर्चर के तौर पर जाना जाता है। डॉ. इब्रोखिम वाई. अबदूराखमोनोव कोलाबोरेटर प्रोजैञ्चट डायरेञ्चटर हैं।
बिहार का सॉफ्टवेयर इंजीनियर कर रहा ड्रैगन फ्रूट की खेती
आज के अधिकांश युवा पीढ़ी के किसान अपनी पारंपरिक खेती से दूर हो रहे हैं। उसी में कुछ ऐसे किसान हैं जो स्टार्टअप के रूप में अत्याधुनिक खेती कर लाखों रुपए कमा रहे हैं।
अब मशीनें पकड़ेंगी दूध में यूरिया की मिलावट
भारत में टैक्नोलॉजी को तेजी से बढ़ाया जा रहा है जिससे आम जनता को काफी फायदा मिल रहा है। अब ज्यादा दिनों तक दूध में यूरिया की मिलावट करने वाली कंपनियां लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ नहीं कर पाएंगी। मिलावटी दूध में यूरिया का पता तरबूज के बीज से लगाने के लिए बायो इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस ढञ्ज-का ने बना लिया है।
मिट्टी जांच के लिए आईआईटी कानपूर ने बनाई मशीन
आईआईटी कानपुर ने मिट्टी की जांच के लिए एक डिवाइस विकसित किया है, जो 90 सैकेंड में मिट्टी के 12 पोषक तत्वों की जांच कर सकता है। यह उपकरण किसानों को उनकी मिट्टी की गुणवत्ता के बारे में तुरंत जानकारी प्रदान करेगा, जिससे वे अपनी फसलों को उचित पोषण दे सकते हैं।
हजार साल पुराना बीज भी हुआ अंकुरित
कृषि वैज्ञानिकों, वनस्पति विज्ञानियों और इतिहासकारों के एक अंतराष्ट्रीय दल को हजार साल पुराने बीज को उगाने में सफलता मिली है। इस बीज से फूटा अंकुर अब एक परिपक्व पेड़ में तब्दील हो चुका है। गौरतलब है कि यह बीज इजरायल की एक गुफा में पाया गया था।
दो अरब लोगों को नहीं मिल रहा पोषक तत्व
विश्व खाद्य दिवस हर साल 16 अक्टूबर को मनाया जाता है, जो वर्तमान समय की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक-भूख और खाद्य असुरक्षा की ओर ध्यान आकर्षित करता है। यह दिन भोजन की कमी और कुपोषण से जूझ रहे लाखों लोगों की दुर्दशा की ओर दुनिया भर का ध्यान आकर्षित करने का भी है, टिकाऊ कृषि, समान खाद्य वितरण और पौष्टिक भोजन तक सभी की पहुंच परम आवश्यक है।
क्या जीएम फसलें लाभकारी हैं?
जेनेटिकली मोडीफाईड फसलें (जीएम) एक बड़े विवाद का विषय रही हैं। हाल ही में मैक्सिको की सरकार ने अपनी सबसे महत्वपूर्ण फसल मक्का को जीएम से बचाने के लिए एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है।
रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि से किसानों को बड़ी राहत
केंद्र सरकार ने प्रमुख रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया। यह बढ़ोतरी विपणन वर्ष 2025-26 के लिए सभी रबी फसलों के लिए की गई। है।
फल, सब्जियों में उपयोग होने वाली नीम तुलसी कीटनाशक बनाने की वैज्ञानिक विधि
फल, सब्जियों की अच्छी पैदावार के लिए नीम तुलसी कीटनाशक काफी लाभदायक साबित होती है। इस कीटनाशक को बनाने के लिए किसानों को अधिक मेहनत करने की जरुरत नहीं है। इसके लिए आज हम आसान वैज्ञानिक विधि लेकर आए हैं, यहां जानें नीम तुलसी कीटनाशक बनाने की पूरी विधि -
उत्तर प्रदेश को FDI लाने में करेगा मदद IFC; कृषि, सोलर और इन्फ्रा क्षेत्रों का होगा विकास
अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (आईएफसी) उत्तर प्रदेश में कृषि क्षेत्र, सौर ऊर्जा और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए आर्थिक सहयोग करेगी। इसके अलावा आईएफसी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश लाने में भी मदद करेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश सरकार और अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (आईएफसी) के बीच हुई बैठक में प्रदेश में बुनियादी ढांचे, सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) और कृषि क्षेत्र में निवेश पर विस्तृत चर्चा की गई।